
लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर संवेदनशीलता पर सवाल खड़े हो गए हैं। बुधवार को यूपी कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को लेकर बेहद असंवेदनशील रवैया अपनाया। दिल्ली में पीड़िता द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन से जुड़े पत्रकारों के सवालों पर मंत्री न केवल हंस पड़े, बल्कि उन्होंने पीड़िता का मजाक भी उड़ाया।
यह घटना तब हुई जब राजभर विधानसभा सत्र में शामिल होने जा रहे थे। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे दिल्ली में रेप पीड़िता के साथ पुलिस की कथित बदसलूकी और उदासीनता को लेकर सवाल पूछा था।
मंगलवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता और उनके परिवार ने दिल्ली के इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मामले के दोषी और पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को अपील पर अंतिम फैसला आने तक निलंबित करने के आदेश के बाद किया गया था। इस दौरान एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें पुलिसकर्मी कथित तौर पर पीड़िता को घसीटते हुए ले जा रहे थे।
जब पत्रकारों ने राजभर से पूछा कि पीड़िता को इंडिया गेट से हिरासत में लिया गया है, तो मंत्री ने जोर से ठहाका लगाया और हंसते हुए कहा, "इंडिया गेट? घर तो उनका उन्नाव है।"
अपने बयान में राजभर ने आगे तर्क दिया कि कोर्ट ने सुरक्षा को लेकर पहले ही निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, "अदालत ने निर्देश दिया है कि कुलदीप सेंगर परिवार से दूर रहेंगे और 5 किलोमीटर की दूरी बनाए रखेंगे। जब कोर्ट ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए हैं, तो दिल्ली में धरने का क्या मतलब है? सुरक्षा की कमी का सवाल ही कहां उठता है?"
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जब इस संवेदनहीन व्यवहार पर टिप्पणी के लिए ओम प्रकाश राजभर से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, उनके बेटे और SBSP के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने पिता का बचाव किया।
अरुण राजभर ने कहा, "तो क्या ओम प्रकाश राजभर को इस पर रोना चाहिए? तब क्या यह ठीक लगेगा? इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने परिवार की सुरक्षा के लिए निर्देश दिए हैं। अब कहने के लिए कुछ नहीं बचा है।"
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कथित तौर पर यह कहते हुए पीड़िता और उनके परिवार की सुरक्षा वापस ले ली थी कि सेंगर जेल में है और अब सुरक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है।
कुलदीप सेंगर को दिसंबर 2019 में दिल्ली की एक निचली अदालत ने आईपीसी की धारा 376 (2) (दुष्कर्म) और पॉक्सो (POCSO) एक्ट की धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच और अभियोजन सीबीआई (CBI) द्वारा किया गया था।
भले ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्य मामले में सजा को निलंबित कर दिया हो, लेकिन कुलदीप सेंगर फिलहाल जेल से बाहर नहीं आएंगे। वह अभी भी हिरासत में ही रहेंगे क्योंकि पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में उन्हें मिली सजा को निलंबित करने का कोई आदेश अभी तक जारी नहीं हुआ है।
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