गुजरात: सिर्फ ‘बेटा’ कहने पर दलित युवक की बेरहमी से पिटाई, छह दिन बाद अस्पताल में मौत; 9 गिरफ्तार

जातिगत हिंसा का दर्दनाक मामला, 6 दिन तक मौत से लड़ने के बाद दलित युवक ने तोड़ा दम; परिजनों ने उठाई न्याय और मुआवजे की माँग
Dalit Man Dies Six Days After Brutal Caste Assault in Gujarat; 9 Arrested.
“बेटा” कहने पर दलित युवक की पिटाई, छह दिन बाद अस्पताल में मौत
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गुजरात— अमरेली ज़िले में एक दलित युवक को कथित रूप से दूसरी जाति के किशोर को “बेटा” कहकर संबोधित करने पर बेरहमी से पीटा गया था। इस घटना के छह दिन बाद, गुरुवार को युवक ने भावनगर सिविल अस्पताल में दम तोड़ दिया।

मृतक की पहचान नीलेश राठौड़ (गांव - जरकिया) के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है और एक नाबालिग को हिरासत में लिया है, जबकि दो आरोपियों की तलाश जारी है।

Congress MLA Jignesh Mevani
कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि, यह कोई पहली घटना नहीं है। ऊना से लेकर अब तक दलित समाज पर अत्याचार की अनगिनत घटनाएं गुजरात में होती रही हैं। लेकिन राज्य की भाजपा सरकार, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री आज तक इतना भी नहीं कह पाए कि— “दलित हमारे अपने हैं, उनके साथ ऐसा अन्याय क्यों हो रहा है?"फोटो साभार- @jigneshmevani80

शुक्रवार को कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने मृतक के परिजनों के साथ धरना दिया और न्याय की मांग की। फेसबुक पर जारी एक बयान में मेवाणी ने कहा:

“नीलेश राठौड़… कुछ दिनों पहले केवल ‘बेटा’ कह देने पर जातिवादी तत्वों द्वारा बेरहमी से पीटे जाने के बाद चल बसे। हम मांग करते हैं कि मृतक के परिवार और हमले में पीड़ित अन्य लोगों को 5-5 एकड़ कृषि भूमि या सरकारी नौकरी दी जाए, मामले की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से करवाई जाए और मुकदमे को फास्ट-ट्रैक अदालत में चलाकर एक उदाहरण पेश किया जाए।”

राठौड़ के परिजनों ने घोषणा की है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे शव को स्वीकार नहीं करेंगे।

घटना क्या थी?

पीड़ितों में शामिल लालजी मनसुख चौहान (28) द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, 16 मई को वह, राठौड़ और उनके अन्य साथी अमरेली-सावरकुंडला रोड पर एक भजिया (पकौड़ा) स्टॉल पर थे। राठौड़ पास की दुकान से स्नैक्स खरीदने गए थे।

चौहान ने एफआईआर में बताया कि राठौड़ लौटने पर घबराए हुए थे और बताया कि दुकान के मालिक ने उन्हें लोहे के करछुल से मारने की कोशिश की, क्योंकि राठौड़ ने उसके नाबालिग बेटे से “बेटा” कहकर पूछा था कि क्या वह ऊँचाई पर लटके स्नैक्स के पैकेट तक पहुँचने में मदद चाहिए।

चौहान जब मामला देखने दुकान पर पहुँचे, तो दुकान मालिक छोथा खोड़ा भरवड़ ने उन पर डंडे से हमला कर दिया। इसके बाद विजय आनंद टोता नामक व्यक्ति ने भी राठौड़ और चौहान दोनों पर हमला किया। एफआईआर में बताया गया कि भजिया स्टॉल मालिक जगा दुधत ने दोनों को छुड़ाया।

बाद में, राठौड़ के चाचा सुरेश वाला दुकान पर बात करने पहुँचे, लेकिन तब तक भरवड़ ने कुछ और लोगों को बुला लिया था, जिन्होंने डंडों और दरांती से हमला कर दिया और जातिसूचक गालियाँ दीं।

शिकायत के अनुसार, पीड़ित वहाँ से भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हमलावरों ने पीछा किया और उनपर हमला करते रहे, उन्हें “निम्न जाति” का होने पर ताने मारे। अंत में, एक बुजुर्ग व्यक्ति के हस्तक्षेप के बाद हमलावर रुके।

कानूनी कार्रवाई

अमरेली ग्रामीण थाने में दर्ज प्राथमिकी में पहले चार आरोपियों — भरवड़, टोता, भावेश मुंधवा और जतिन मुंधवा — के नाम दर्ज किए गए थे। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया, जिनमें धारा 118(1) – गम्भीर चोट पहुँचाना, धारा 115(2) – स्वेच्छा से चोट पहुँचाना, धारा 189 – गैरकानूनी सभा, धारा 191 – दंगा, धारा 131 – हमला या आपराधिक बल, धारा 352 – शांति भंग करने के उद्देश्य से जानबूझकर अपमान, धारा 3(5) – सामूहिक अपराध की जिम्मेदारी शामिल हैं.

साथ ही, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और गुजरात पुलिस अधिनियम की धाराओं में भी मामला दर्ज किया गया।

राठौड़ की हालत बिगड़ने पर पुलिस ने हत्या के प्रयास (धारा 109) जोड़ी, और उनकी मृत्यु के बाद हत्या (धारा 103) की धारा शामिल की।

अब तक की गिरफ़्तारी

मामले में इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से अमरेली के पुलिस अधीक्षक संजय खराट ने बताया कि घटना में कुल 11 लोग शामिल थे, जिनमें से 9 को गिरफ़्तार कर लिया गया है। शुरुआती चार के अलावा गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी हैं: कथड़ अर्जन मुंधवा, देवा संगा मुंधवा, डूडा बोगा मुंधवा और रवि डूडा मुंधवा। पुलिस की टीमें दो अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हैं।

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