फॉलोअपः दलित परिवार से मारपीट और हत्या की जांच करने पहुँची एनसीएससी की टीम, टीआई सहित तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड

स्थानीय पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करने में लापरवाही बरती और घटना के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बजाए जांच के नाम पर गांव में रोके रखा।
फॉलोअपः दलित परिवार से मारपीट और हत्या की जांच करने पहुँची एनसीएससी की टीम, टीआई सहित तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड

भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के देपालपुर में दलित परिवार के सदस्यों से मारपीट और हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग की टीम इंदौर आने से पहले इस मामले में देपालपुर टीआई समेत तीन लोगों को सस्पेंड किया गया। थाने के पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने शिकायत के बावजूद आरोपियों पर कार्रवाई करने में लापरवाही बरती और घटना के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बजाए जांच के नाम पर गांव में रोके रखा।

जानकारी के अनुसार देपालपुर दलित किसान परिवार पर दबंगों द्वारा हमला किए जाने की घटना के बाद जब पुलिस के आलाधिकारियों को पता चला कि देपालपुर हत्याकांड के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के टीम इंदौर आने वाली तो उन्होंने गौतमपुरा थाने के सहायक थानेदार गोपाल गिरवाल और हवलदार अजय कुमारिया को सस्पेंड कर दिया। बाद में टीआई अरुण सोलंकी को भी सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया गया।

दलित हत्याकांड की जांच के लिए इंदौर पहुँची राष्ट्रीय एससी आयोग की टीम ने घटना स्थल सहित पीडि़त परिवार और घायलों से मुलाकात की है। आयोग के सदस्य सुभाष पारधी के साथ पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे। सुभाष पारधी ने पीडि़त परिवार से मुलाकात कर उनकी पीड़ा को सुना। पुलिस को गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए हैं।

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क्या है पूरा मामला

इंदौर जिले के गौतमपुरा क्षेत्र के देपालपुर के काकवां गांव में मायाराम का परिवार रहता है। मायाराम अनुसूचित जाति समाज के व्यक्ति व खेती किसानी करते है। पुलिस को की गई शिकायत के मुताबिक घटना गुरुवार 16 मार्च 2023 की है। परिवार के सभी सदस्य सुबह साढ़े 10 बजे कांकवा गांव में अपने खेत पर गेहूं की फसल काटने गए थे। इस दौरान दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पवन पिता मांगीलाल, उसकी पत्नी नन्नीबाई, बेटे जितेंद्र, धर्मेंद्र, नागूसिंह, बाबू पिता मांगीलाल, उसकी पत्नी धनीबाई, बेटा तूफान और बहू रेखाबाई पति तूफान आए और सरिये और डंडे से मारपीट शुरू कर दी। मारपीट में मायाराम, शांतिलाल, मेहरबान, संगीताबाई, संजूबाई, रेशमबाई, हुकुमलाल, सुरेश, मायाबाई घायल हो गए। सुरेश ने फोन लगाकर 108 एम्बुलेंस बुलवाई और घायलों को देपालपुर पहुंचाया।

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जहां प्राथमिक उपचार के बाद 7 घायलों को इंदौर रेफर कर दिया गया। वहीं मारपीट में मायाराम को सिर, दोनों पैर, दोनों हाथों पर गंभीर चोटें आई थीं, जिसके वजह से उपचार के दौरान 17 मार्च 2023 की दोपहर मायाराम बागरी (60) की मौत हो गई और उनके दो बेटे व बहू घायल हो गए। बागरी को प्रशासनिक अफसरों ने ही कोर्ट के आदेश के बाद जमीन पर कब्जा दिलवाया था। वे उसी खेत पर फसल काटने गए थे और 40-50 लोगों ने हमला कर दिया। मामले में पुलिस ने भी लेटलतीफी की और सूचना के बाद आधा घंटा देरी से पहुंची।

जानिए क्या है जमीन से जुड़ा पूरा विवाद

जानकारी के अनुसार ग्राम कांकवा की जमीन को लेकर 1961 से विवाद चल रहा है। फरियादी पक्ष को 2002 में इन जमीनों के पट्टे बांटे गए थे। बाद में पट्टाधारी और कब्जाधारी के बीच विवाद हुआ और मामला कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने पट्टेधारियों के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट के आदेश पर 22 फरवरी, 2023 को पट्टेधारियों को कब्जा दिलाया गया। कब्जा लेते वक्त फसल खड़ी थी। इसी फसल को काटने पट्टेधारी पहुंचे और मारपीट शुरू हो गई।

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