धर्मपुरी: तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में पलाकोड के पास दो अनुसूचित जाति (SC) के युवकों की मौत के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग (National Commission for SC/ST) ने अपनी जांच शुरू कर दी है। बुधवार को आयोग की एक टीम ने घटना से जुड़े तथ्यों को परखने के लिए क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप, CB-CID जांच की मांग
आयोग की इस टीम में निदेशक डॉ. एस. रवि वर्मा और वरिष्ठ जांचकर्ता एस. लिस्टर शामिल थे। अधिकारियों ने मृतक युवकों के परिवारों से मुलाकात कर उनका पक्ष जाना। बातचीत के दौरान शोक संतप्त परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कोई सामान्य सड़क दुर्घटना नहीं है, बल्कि सुनियोजित हत्या हो सकती है।
परिजनों का दावा है कि अंतरजातीय संबंधों (inter-caste relationships) के चलते युवकों को निशाना बनाया गया। उन्होंने आयोग के सदस्यों के सामने इस पूरे मामले की जांच सीबी-सीआईडी (CB-CID) से कराने की मांग भी रखी है।
अधिकारियों ने घटनास्थल का लिया जायजा
परिवारों से मिलने के बाद, आयोग की टीम सीधे चिकार्थनहल्ली (Chikarthanahalli) के पास स्थित उस दुर्घटना स्थल पर पहुंची, जहां युवकों के शव मिले थे। समिति के सदस्यों ने बारीकी से घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस जांच दौरे के दौरान राजस्व संभागीय अधिकारी (RDO) आर. गायत्री और धर्मपुरी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी आयोग के साथ मौजूद रहे।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना पिछले बुधवार की है। पलाकोड के पास सोनमपट्टी गांव के रहने वाले दो युवक—एन. सुनील कुमार (19) और आर. मुरुगन (20)—एक मोपेड पर सवार होकर पलाकोड की तरफ जा रहे थे। सुनील एक निजी कंपनी में कार्यरत था, जबकि मुरुगन पॉलिटेक्निक में तीसरे वर्ष का छात्र था।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, चिकार्थनहल्ली के पास उनकी मोपेड अनियंत्रित होकर एक पुलिया (culvert) में जा गिरी, जिससे दोनों की मृत्यु हो गई।
तीन दिन बाद स्वीकार किए शव
घटना के बाद, मृतकों के परिवारों ने इसे हादसा मानने से इनकार कर दिया था और साजिश का आरोप लगाते हुए शवों को लेने से मना कर दिया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया। हालांकि, तीन दिन चले गतिरोध और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, उन्होंने धर्मपुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से शवों को स्वीकार कर लिया।
पुलिस जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट
इस बीच, पुलिस अपनी जांच पर कायम है। पुलिस का कहना है कि घटनास्थल से जुटाए गए सबूत और पोस्टमार्टम रिपोर्ट, दोनों ही इसे 'सड़क दुर्घटना' बता रहे हैं। जांच में मौत का कारण एक्सीडेंट से आई चोटें ही बताया गया है। फिलहाल, आयोग के हस्तक्षेप के बाद मामले पर सभी की नजरें टिकी हैं।
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