बठिंडा में दलित मजदूर ने बच्चों को बचाते हुए गंवाई थी जान, सरकार अब तक खामोश - मुआवज़े का इंतज़ार!

दलित मजदूर राज कुमार सिंह की विस्फोट में मौत के बाद परिवार ने आजीविका और बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।
बठिंडा विमान हादसा: दलित मजदूर की मौत के बाद परिवार ने मांगा मुआवज़ा | Bathinda Plane Crash 2025
बठिंडा विमान हादसा: दलित मजदूर की मौत के बाद परिवार ने मांगा मुआवज़ा
Published on

बठिंडा, पंजाब — बठिंडा में 7 मई को हुए एक विमान हादसे और विस्फोट में घायल हुए एक दलित व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार ने सरकार से मुआवज़े की औपचारिक मांग की है। यह हादसा हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान हुआ था।

राज कुमार सिंह (38) की पत्नी परमजीत कौर ने पिछले सप्ताह गोनीयाना के नायब तहसीलदार को एक आवेदन सौंपा, जिसमें परिवार के भरण-पोषण और बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता की मांग की गई है।

सिंह, जो कोठे नाथा सिंह वाले, मेहमा सवाई गांव के निवासी थे, खेतों में मजदूरी करते थे। हादसे के दिन वे खेतों में ही मौजूद थे, जब एक सैन्य विमान अकालिया कलां गांव के पास खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सिंह और उनका बेटा जगमीत सिंह (15) आग बुझाने में गांववालों की मदद कर रहे थे, तभी एक और विस्फोट हुआ जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए पहले गोनीयाना मंडी के सरकारी अस्पताल और फिर बठिंडा रेफर किया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें AIIMS, बठिंडा ले जाया गया, जहां चार दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई।

इस हादसे में पहली मौत गोविंद कुमार (32) की हुई थी, जो हरियाणा के निवासी और खेत में मजदूरी करने आए थे। वे घटना के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंचे लोगों में शामिल थे और विस्फोट की चपेट में आ गए थे।

परमजीत कौर ने अपने आवेदन में लिखा कि परिवार की आजीविका पूरी तरह से श्रम पर निर्भर थी और पति की मृत्यु के बाद उनके पास कोई अन्य सहारा नहीं है। उनके दोनों बच्चे—जगमीत सिंह और गगनदीप कौर (14)—स्कूल में पढ़ते हैं और उनके पास कोई आर्थिक सहायता नहीं है।

स्थानीय पुलिस द्वारा 11 मई को दर्ज जनरल डायरी रिपोर्ट में इस घटना की पुष्टि की गई है। सिंह के छोटे भाई वीर्वल के बयान के अनुसार, राज कुमार उस रात खेत में ही रुके हुए थे और विमान हादसे के बाद गांववालों के साथ मौके पर पहुंचे थे। विस्फोट के दौरान वे और उनका बेटा दोनों घायल हो गए।

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार यह विस्फोट एक दुर्घटना थी, किसी भी तरह की साज़िश या आपराधिक मंशा की बात सामने नहीं आई है। परिवार ने किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से इनकार किया है। सिंह के भाई के बयान के आधार पर पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 194 (मृत्यु की जांच) के तहत कार्रवाई शुरू की है।

पहले मृतक गोविंद कुमार की पत्नी ममता और दो बच्चे—बेटी परी और बेटा प्रशांत—हैं। वे चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे और किशोरावस्था में ही माता-पिता को खो चुके थे। हाल ही में वे अपने चचेरे भाई और दोस्तों के साथ बठिंडा आए थे और एक स्थानीय मंडी में गेहूं के बोरे लादने का काम कर रहे थे। ये सभी मजदूर एक खेत में बने अस्थायी ठिकाने में रह रहे थे।

गोविंद कुमार के परिजनों ने भी बठिंडा जिला प्रशासन से आर्थिक मुआवज़े की मांग की है।

बठिंडा विमान हादसा: दलित मजदूर की मौत के बाद परिवार ने मांगा मुआवज़ा | Bathinda Plane Crash 2025
Tamil Nadu मंदिर में जातिगत भेदभाव:मद्रास हाईकोर्ट ने पूछा- कोई भेदभाव नहीं, तो 7 साल तक मंदिर प्रवेश क्यों रोका?
बठिंडा विमान हादसा: दलित मजदूर की मौत के बाद परिवार ने मांगा मुआवज़ा | Bathinda Plane Crash 2025
एतिहासिक फैसला: अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने कैलिफोर्निया सरकार की जाति भेदभाव रोकने के अधिकार को रखा बरकरार!
बठिंडा विमान हादसा: दलित मजदूर की मौत के बाद परिवार ने मांगा मुआवज़ा | Bathinda Plane Crash 2025
झारखंड में 50 साल की महिला को 'डायन' बताकर किया गया अगवा, तांत्रिक ने किए टोटके – फिर 7 KM दूर जंगल में फेंका!

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com