The IPS Association opened its mouth after 3 days for Dalit IPS Puran Kumar, who committed suicide after being fed up with caste-based harassment.
दलित IPS की आत्महत्या पर 3 दिन चुप रहा IPS एसोसिएशन, बवाल के बाद तोड़ी चुप्पी!Graphic- The Mooknayak

जातिगत प्रताड़ना से आजिज आकर सुसाइड करने वाले दलित IPS पूरन कुमार के लिए 'IPS Association' का 3 दिन बाद खुला मुंह!

तीन दिनों की चुप्पी के बाद सोशल मीडिया पर मचे बवाल से जागा IPS एसोसिएशन. दलित अधिकारी की मौत पर देर से आए ट्वीट ने खड़े किए गंभीर सवाल।
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नई दिल्ली: हरियाणा कैडर के एक वरिष्ठ दलित IPS अधिकारी, वाई. पूरन कुमार की दुखद आत्महत्या ने प्रशासनिक और पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है। उनकी पत्नी, जो स्वयं एक IAS अधिकारी हैं, ने इसे संस्थागत उत्पीड़न का परिणाम बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। इस पूरे मामले में अब IPS एसोसिएशन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि एसोसिएशन ने अपने ही एक अधिकारी की मौत पर तीन दिनों तक चुप्पी साधे रखी और सोशल मीडिया पर भारी आलोचना और दबाव के बाद ही अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

क्या है पूरा मामला?

IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने हाल ही में आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद उनकी पत्नी, IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ पुलिस को एक विस्तृत प्रतिवेदन (representation) देकर न्याय की गुहार लगाई है। हरियाणा IAS ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा जारी एक प्रस्ताव (Resolution) के अनुसार, श्रीमती कुमार ने 8 अक्टूबर को SHO, पुलिस स्टेशन सेक्टर-11, चंडीगढ़ और 9 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री को प्रतिवेदन दिया था।

IAS एसोसिएशन के पत्र में यह भी खुलासा हुआ है कि इस मामले में रोहतक के पुलिस स्टेशन अर्बन एस्टेट में 6 अक्टूबर को FIR संख्या 319/2025 (BNS, 2023 की धारा 306(3) के तहत) भी दर्ज की गई थी। पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि FIR में लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष, पारदर्शी और impartial जांच की जानी चाहिए, "जिसके कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई"। IAS एसोसिएशन ने अपनी सदस्य और उनके परिवार को हरसंभव कानूनी, संस्थागत और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार से अनुरोध किया है।

IPS एसोसिएशन की देरी पर उठे सवाल

एक तरफ जहाँ IAS एसोसिएशन अपनी सदस्य के साथ मजबूती से खड़ा दिखा और एक विस्तृत प्रस्ताव जारी कर तत्काल कार्रवाई की मांग की, वहीं दूसरी ओर IPS एसोसिएशन की चुप्पी हैरान करने वाली थी।

7 अक्टूबर को हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के तीन दिन बाद, यानी 10 अक्टूबर तक, IPS एसोसिएशन के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इस चुप्पी को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जाने लगे।

पत्रकार और सोशल मीडिया यूजर्स ने IPS एसोसिएशन को टैग करते हुए तीखी आलोचना की। 'बोलता हिंदुस्तान' नाम के एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल ने 10 अक्टूबर को शाम 5:32 बजे एक पत्रकार के बयान को पोस्ट किया कि:

"देश में IPS एसोसिएशन नाम का एक संगठन है। एक दलित IPS ने आत्महत्या कर ली। लेकिन हैरानी की बात है इनकी अबतक जुबान तक नहीं खुली!"

इसी तरह, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रात 8:07 बजे पोस्ट कर IAS और IPS दोनों एसोसिएशनों को घेरा:

इस देश में @IASassociation और @IPS_Association है या बंद कर दी है? जब भाजपा के लिए राजनीति करनी होती है तो तुरंत बयान आते हैं, ट्वीट आते हैं। मगर अपने ही दलित IPS की आत्महत्या और उसकी दलित IAS पत्नी की इंसाफ की लड़ाई के लिए मुँह में दही जम गई है। देखिए इनकी सच्चाई - एक ट्वीट तक नहीं किया इन्होंने।

प्रशासनिक अधिकारी के बयान

2008 बैच की आईएएस अधिकारी सोनल गोयल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, "वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी श्री वाई. पूरन कुमार सर का असामयिक और अस्वाभाविक निधन सिविल सेवा महकमे और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। मैं हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के साथ हूँ और इस मामले में उनके निर्णय का समर्थन करती हूँ। मैं इस दुखद घड़ी में सर की पत्नी श्रीमती अमनीत पी. ​​कुमार मैम, आईएएस के साथ भी एकजुटता से खड़ी हूँ। कोई भी शब्द इस पीड़ा को कम नहीं कर सकता, लेकिन मैं प्रार्थना करती हूँ कि शोकाकुल परिवार को इस दुख से उबरने की शक्ति और साहस मिले।"

उन्होंने आगे कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि अमनीत मैम द्वारा उठाई गई चिंताओं पर निष्पक्ष, पारदर्शी और सहानुभूतिपूर्ण सुनवाई होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ शीघ्र और उचित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। न्याय, अपने वास्तविक अर्थों में, न केवल होना चाहिए, बल्कि होता हुआ दिखना भी चाहिए। समाज और सिविल सेवा बिरादरी के सदस्यों के रूप में, हम उनके, उनकी पत्नी और उन सभी के प्रति ऋणी हैं जो चुपचाप, अक्सर भारी दबाव के बीच भी, अपनी ईमानदारी को अपनी एकमात्र ढाल बनाकर सेवा करते रहते हैं।"

दबाव के बाद आया ट्वीट

सोशल मीडिया पर चौतरफा आलोचना और दबाव के बाद, अंततः IPS एसोसिएशन ने 10 अक्टूबर की देर रात 10:41 बजे अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट किया। इस पोस्ट में लिखा था:

The IPS Association expresses its heartfelt condolences on the untimely demise of Shri Y Puran Kumar, IPS. Our thoughts and prayers are with his family and loved ones at this difficult time. We stand firmly with the bereaved family and extend full support in this hour of grief.

अनुवाद: IPS एसोसिएशन श्री वाई. पूरन कुमार, IPS के असामयिक निधन पर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। हमारी प्रार्थनाएं इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के साथ हैं। हम शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं और दुख की इस घड़ी में अपना पूरा समर्थन देते हैं।

यह ट्वीट आलोचना शुरू होने के कई घंटे बाद आया, जिससे यह सवाल और गहरा हो गया है कि क्या एसोसिएशन ने स्वतः संज्ञान लेकर यह कदम उठाया या सोशल मीडिया पर अपनी छवि बचाने के लिए दबाव में आकर ऐसा किया। इस घटना ने एक बार फिर इन प्रतिष्ठित सेवाओं के भीतर कथित जाति-आधारित भेदभाव और ऐसे संकट के समय में इन संघों की भूमिका पर एक गंभीर बहस छेड़ दी है।

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