गुजरात: होटल में खाना खाने गए दलित ऑटोचालक को बर्बरता से पीटा, आंत फटने से मौत

गुजरात: होटल में खाना खाने गए दलित ऑटोचालक को बर्बरता से पीटा, आंत फटने से मौत

गुजरात में दलितों पर हो रहे अत्याचार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले बनासकांठा फिर पाटन और अब महिसागर जिले में उच्च जाति के होटल मालिक और उसके कर्मचारी ने मिलकर एक दलित ऑटो रिक्शा चालक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। ऑटो चालक होटल में दाल और बाटी लेने गया था। दाल की मात्रा कम दिए जाने पर उसने होटल कर्मचारियों से यह बात कही। जिसके बाद होटल मालिक और ऑटो रिक्शा चालक के बीच हाथापाई हुई, जिसके बाद होटल मालिक और कर्मचारियों ने मिलकर जातिसूचक टिप्पणी की और विवाद बढ़ गया। ऑटो चालक के विरोध करने पर होटल मालिक और कर्मचारियों ने मिलकर ऑटो चालक को इतना पीटा की उसकी आंत फट गई। इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

गुजरात के बाकोर क्षेत्र में लिम्बडिया गांव है। इसी गांव में यह घटना हुई है। थाने में दर्ज करवाए गए मुकदमें के मुताबिक, “ऑटोरिक्शा चालक वांकर सात जून को खाना खाने के लिए होटल पहुंचा था। भोजन के बाद उसने होटल कर्मियों से घर ले जाने के लिए खाना पैक करने को भी कहा। खाना खाकर जब वांकर पैकिंग लेने के लिए गया तो उसे पैक किए गए खाने की मात्रा कम लगी। वांकर ने पैक किए गए खाने की मात्रा पर आपत्ति जताई कि यह उसके द्वारा चुकाई गई राशि के मुकाबले काफी कम है। दोनों आरोपी उससे लड़ने लगे और उसके खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां करने लगे। इसके बाद उन्होंने वांकर की पिटाई कर दी। वह गंभीर रूप से घायल हो गया।”

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पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, वांकर होटल से घर लौटा और परिजनों को घटना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि रात में वांकर ने पेट में जबरदस्त दर्द होने की शिकायत की, जिसके बाद उसकी पत्नी उसे महिसागर के सरकारी अस्पताल ले गई। जिसके बाद वांकर को बाद में पंचमहल जिले के गोधरा शहर के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां से उसे वड़ोदरा के एसएसजी अस्पताल ले जाया गया।

अधिकारी ने बताया कि एसएसजी अस्पताल में वांकर का ऑपरेशन किया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (किसी को उकसाने के लिए जानबूझकर उसका अपमान करना), 506 (2) (आपराधिक धमकी) और 114 (अपराध के दौरान उसके लिए उकसाना) के अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। बांकर की मौत के बाद मामले में भादंसं की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ दी गई है।

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दलित नेता एवं कांग्रेस पार्टी के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने आरोपियों को ‘‘जातिवादी गुंडा’’ करार देते हुए उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने की सूरत में मेवाणी ने प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी। जब तक दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

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