भोपाल। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ओरछा रोड थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। एक ही दलित परिवार के चार सदस्य खाना खाने के बाद अचानक बीमार पड़ गए। इनमें किसान प्रकाश अहिरवार (35) और उनके दो वर्षीय बेटे निहाल की मौत हो गई। पत्नी नंदिनी (29) और बड़ा बेटा तनिष्क अभी जिला अस्पताल में उपचाराधीन हैं। हालांकि इस घटना का कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन यह मामला सामुहिक आत्महत्या के जैसा प्रतीत होता है?
परिवार ने शुक्रवार रात साथ बैठकर खाना खाया। परिजनों के मुताबिक खाना खाने के कुछ समय बाद ही प्रकाश को पेट में तेज दर्द और उल्टियां होने लगीं। शुरुआत में परिजन ने इसे सामान्य दर्द समझा और सोचा सुबह तक हालत ठीक हो जाएगी। लेकिन रात बढ़ने के साथ ही उनकी स्थिति बिगड़ गई। आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्रकाश और उसके छोटे बेटे निहाल को मृत घोषित कर दिया।
डॉ. आशीष शुक्ला ने बताया कि परिवार ने आलू की सब्जी खाई थी, जिसके बाद उन्हें उल्टियां और बेचैनी शुरू हुई। नंदिनी की हालत अब स्थिर है, लेकिन बड़े बेटे तनिष्क की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
प्रकाश अहिरवार किसान थे और खेती के लिए उन्होंने ट्रैक्टर कर्ज पर लिया था। लगातार फसल खराब होने से वे किस्त जमा नहीं कर पा रहे थे। दो दिन पहले ही फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी उनके घर आए और 30-40 हजार रुपये की किश्त जमा करने के लिए दबाव बनाया। किस्त नहीं चुकाने पर ट्रैक्टर उठाने की धमकी भी दी गई थी।
परिजनों ने आरोप लगाया कि कंपनी के कर्मचारियों ने उनसे जबरन एक आवेदन पर अंगूठा और साइन करवाए। उस आवेदन में यह भी लिखा गया कि प्रकाश ने 4 लाख रुपये का लोन लिया है और 25 सितंबर तक पूरी राशि चुका देंगे। अगर ऐसा न हुआ तो कंपनी उनके ट्रैक्टर, मकान और जमीन जब्त कर सकती है।
यह पूरा मामला देखने पर यह घटना दबाव में हुई सामूहिक आत्महत्या जैसी प्रतीत होती है। परिजनों का कहना है कि फाइनेंस कंपनी द्वारा किस्त जमा करने के लिए लगातार धमकियां दी जा रही थीं और जबरन अंगूठा लगवाया गया। ऐसे हालात में किसान प्रकाश अहिरवार मानसिक रूप से टूट गए। परिवार के सभी सदस्यों की एक साथ तबीयत बिगड़ना इस ओर संकेत करता है कि उन्होंने कर्ज और सामाजिक-आर्थिक दबाव से त्रस्त होकर यह कदम उठाया होगा। हालांकि, इसकी पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही हो सकेगी।
परिवार के लोगों का कहना है कि प्रकाश मानसिक रूप से बेहद दबाव में था। किस्त न चुका पाने और लगातार मिल रही धमकियों ने उन्हें तोड़ दिया था। टीवी की मरम्मत करवाकर वे घर लौटे थे और रात को परिवार के साथ खाना खाया। लेकिन कुछ ही घंटों में सब कुछ उजड़ गया।
सीएसपी अरुण कुमार सोनी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट होंगे और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि उन हजारों किसानों और दलित परिवारों की हकीकत को सामने लाती है जो कर्ज और किस्तों के बोझ तले दबे हैं।
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