उत्तर प्रदेश: हाथरस जिले में मंगलवार को हुए एक सत्संग कार्यक्रम में भगदड़ के बाद सौ से अधिक जानें चलीं गईं. हजारों की भीड़ में एक दूसरे को कुचले हुए कई लोगों की जानें चलीं गईं. जब पूरे देश का ध्यान लोकसभा में चल रहे पक्ष-विपक्ष की बहसों पर था उसी समय यह हर किसी को झकझोर देने वाली घटना सामने आई. इस घटना के बाद सत्संग करने वाले बाबा की खोज में पुलिस और पत्रकार दोनों जुट गए. लोगों ने बाबा की कुंडली खोजनी शुरू कर दी है.
सूरजपाल जाटव उर्फ नारायण साकार हरि भोले बाबा मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) में पटियाली तहसील के बहादुरनगर के रहने वाले हैं। यहां पर उनका एक आश्रम भी है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की अभिसूचना इकाई (एलआइयू) में खुफिया सूचनाओं के संग्रह का जिम्मा संभालने वाले सूरजपाल सिंह का विभाग की सेवा से ऐसा मोहभंग हुआ कि उन्होंने 1997 में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का फैसला किया। वह सूरजपाल से भोले बाबा बन गए और 1999 में अपने गांव के ही घर को आश्रम का रूप दे दिया और सत्संग शुरू कर दिया।
सत्संग प्रवचन शुरू होने के साथ ही सूरजपाल जाटव को भोले बाबा के रूप में पहचान मिली तो उनकी पत्नी माताश्री कही जाने लगीं। 1997 के बाद से शुरू हुई भोले बाबा की आध्यात्मिक यात्रा का प्रचार प्रसार तेजी से हुआ। भोले बाबा के सत्संग में लोग अपनी परेशानियां लेकर पहुंचने लगे और उनके द्वारा 'हाथों से छूकर बीमारियां दूर करने' का दावा करते रहे।
सत्संग और 'चमत्कार' से वशीभूत उनके अनुयायियों का कारवां बढ़ता चला गया। भोले बाबा की कोई संतान नहीं है। धीरे-धीरे बड़ी संख्या में लोग उनके सत्संग में आने लगे। आम लोग उनके 'चमत्कारों' को देखते हुए उनके अनुयायी बनते चले गए।
बताया जाता है कि नारायण साकार हरि भोले बाबा के काशीराम नगर ही नहीं बल्कि आसपास से जिलों एटा, बदायूं, फर्रुखाबाद, हाथरस और अलीगढ़ के अलावा दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश व राजस्थान सहित कई राज्यों में चर्चे होने लगे। इससे देश में अनेक लोग उनके अनुयायी बन गए। भोले बाबा के अनुयायी उनके प्रति कट्टर भी बताए जाते हैं।
भोले बाबा का बहादुर नगर में बड़ा आश्रम है। इस आश्रम में सप्ताह में मंगलवार को सत्संग होता था, लेकिन कुछ समय से ऐसा नहीं हो रहा है। लोगों का कहना है कि बाबा आश्रम में रहें या न रहें, लेकिन उनके अनुयायियों के आने का सिलसिला लगातार जारी रहता है।
अबतक मिली जानकरी के अनुसार, हाथरस सत्संग हादसे में 116 लोगों ने जान गंवा दी. इससे पुलिस प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं. इस बीच पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने भोले बाबा को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है.
उन्होंने बताया कि महाराज जी के ऊपर कई मुकदमे दर्ज हैं. एक तो यौन शोषण का भी है. जब वेरिफिकेशन होता है तो आपराधिक इतिहास भी चेक किया जाता है. ऐसे में प्रशासन को आयोजन की अनुमति ही नहीं देनी चाहिए थी. मामले में स्थानीय प्रशासन की भयानक चूक है. इस तरह के मामले में इससे पहले ऐसी चूक नहीं देखी.
घटना के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि, "उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए दुखद हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से बात की। यूपी सरकार सभी पीड़ितों की हरसंभव सहायता में जुटी हुई है। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने इसमें अपने प्रियजनों को खोया है। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"
दूसरी तरफ कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भी इस घटना पर दुःख जाहिर करते हुए ट्वीट किये कि, "उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। सभी शोकाकुल परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। सरकार और प्रशासन से अनुरोध है कि घायलों को हर संभव उपचार एवं पीड़ित परिवारों को राहत उपलब्ध कराएं। INDIA के सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि राहत और बचाव में अपना सहयोग प्रदान करें।"
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