मध्य प्रदेशः पंचायतों का तुगलकी फरमान-"मवेशी खुले छोड़े तो 25 जूते मारेंगे, एक हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा"

शहडोल जिले जयसिंहनगर जनपद के नगनौड़ी गांव और ग्राम खैरहा का मामला, मुनादी का वीडियो हुआ वायरल, मुनादी कर रहे दोनों चौकीदारों हटाए गए।
वायरल वीडियो
वायरल वीडियोसाभार- सोशल मीडिया

भोपाल। मध्य प्रदेश शहडोल जिले के सोहागपुर और जयसिंहनगर जनपद में ग्राम पंचायतों का का एक तुगलकी फरमान वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में मुनादी कर रहा युवक ग्रामीणों के ऊपर जुर्माना लगाने के साथ उन्हें सरेआम जूते मारने का ऐलान कर रहा है।

दरअसल, पंचायत के फरमान में कहा गया है कि मवेशियों के खेतों में घुस जाने से किसानों की फसलें चौपट हो रही हैं। किसान परेशान हैं। ऐसे में यदि किसी ग्रामीण के मवेशी खुले में घूमते पाए गए तो उस पर नकद जुर्माना लगेगा। सजा के तौर पर सार्वजनिक रूप से जूते मारने की सजा भी दी जाएगी।

दो गाँव के अलग-अलग वीडियो हुए वायरल

इस मुनादी से जुड़ा पहला वीडियो ग्राम खैरहा से गुरुवार को सामने आया था। इसमें पंचायत का एक कर्मचारी प्लास्टिक के डब्बे को साइकिल पर बजाते हुए गांव भर में मुनादी कर रहा है। वह कह रहा है, "अपने-अपने मवेशियों को संभालकर रखें। घर में बांध कर रखें। बाद में सरपंच और सचिव को दोष नहीं देना। अगर किसी ग्रामीण के मवेशी ने खेतों में नुकसान किया तो प्रति मवेशी 1000 रुपए जुर्माना और 25 जूते मारने का दंड दिया जाएगा।"

नगनौड़ी में 5 जूते मारने का फरमान

शहडोल के जयसिंहनगर जनपद के नगनौड़ी गांव से भी एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है। यहाँ खुलेआम डुगडुगी बजाकर मुनादी कराई गई। साइकिल पर मुनादी कर रहा पंचायत का चौकीदार कह रहा है कि यदि कोई मवेशी आवारा घूमते पाए गए तो उसके मालिक पर 500 रुपए का जुर्माना लगेगा और 5 जूते मारे जाएंगे।

ग्रामीणों में आक्रोश

जिले के नगनौड़ी और खैरहा गाँव में इस तुगलकी पंचायती फरमान का विरोध किया जा रहा है। ग्रामीण इस आदेश के विरोध में उतर आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वीडियो की पुष्टि हो जाने के बाद भी ऐसी मुनादी कराने वाले सरपंच-सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीण प्रशासन से पंचायत के तुगलकी फरमान जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहें है।

पुलिस ने लाउडस्पीकर से किया था अलर्ट

पंचायत की मुनादी के पहले-पहले किसानों की समस्या को देखते हुए शहडोल की खैरहा पुलिस ने गांव-गांव घूमकर ग्रामीणों को समझाइश दी थी। पुलिसकर्मियों ने माइक से ग्रामीणों को संबोधित कर जानवरों को खुला नहीं छोड़ने की समझाइश दी थी। इसके साथ वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी।

इधर ग्रामीणों की शिकायत है कि वीडियो की पुष्टि हो जाने के बाद भी इस तरह का ऐलान कराने वाले सरपंच और सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य ने बताया कि वीडियो की जांच की गई है। दोनों ही जगह पंचायत के चौकीदार ने अपनी तरफ से ऐसा कहा था। पंचायत की ओर से किसी भी सजा का ऐलान नहीं कराया गया है। दोनों को हटा दिया गया है।

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