संघर्षरत पहलवानों को न्याय के लिए 27 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी विरोध

अखिल भारतीय किसान सभा ,सीटू ,अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, डीवाईएफआई, एस एफ आई केंद्रीय कमेटी का पहलवानों को समर्थन
संघर्षरत पहलवानों को न्याय के लिए 27 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी विरोध

नई दिल्ली। किसानों, ट्रेड यूनियन, कृषि श्रमिकों, युवाओं और छात्रों के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल में डीवाईएफआई के महासचिव हिमांगराज भट्टाचार्य और एसएफआई के महासचिव मयूख विश्वास ने मंगलवार को रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने उनके विरोध प्रदर्शन पर अपना समर्थन दिया है। चूंकि सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, पहलवानों ने गत रविवार से जंतर-मंतर पर लगभग तीन महीने के बाद फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

हन्नान मोल्लाह, उपाध्यक्ष, एआईकेएस, पी कृष्णप्रसाद, वित्त सचिव, एआईकेएस, एआर सिंधु, सचिव, सीटू, विक्रम सिंह, संयुक्त सचिव, अखिल भारतीय खेत मजदुर यूनियन, एए रहीम राज्यसभा सांसद व अध्यक्ष डीवाईएफआई ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर देश का मान और सम्मान बढ़ाने वाले ओलंपिक पदक विजेता समेत हमारे शीर्ष खिलाड़ी न्याय की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठने को मजबूर हैं. पुलिस में शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की है। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने दोहराया कि वे केवल निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार से पहलवानों के आरोपों की जांच करने वाली निरीक्षण समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करने की भी मांग की।

बयान में आगे लिखा गया कि प्रमुख महिला पहलवानों की शिकायत है कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख और डब्ल्यूएफआई द्वारा नियोजित कुछ अन्य कोचों द्वारा उनका यौन शोषण और दुर्व्यवहार किया गया था। केंद्र सरकार जहां एक तरफ 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान का जश्न मना रही है, वहीं दूसरी तरफ इस जघन्य अपराध में आरोपी बीजेपी सांसद को बचाने की कोशिश कर रही है. यह कोरा पाखंड है। शीर्ष पहलवानों ने हमारे प्रतिनिधिमंडल से कहा कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती, वे पीछे नहीं हटेंगे।

हम पुलिस से मांग करते हैं कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए। उत्पीड़न और शोषण के आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और न्याय से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। यह हमारे भविष्य के एथलीटों के डरने और अपने सपनों का पीछा न करने का कारण नहीं होना चाहिए।

प्रतिनिधियों ने आगे कहा कि हम अपने खिलाड़ियों को पूरा समर्थन देते हैं। हम विश्वास दिलाते हैं कि इस देश का किसान, मजदूर, नौजवान और छात्र सम्मान और न्याय के संघर्ष में हमारे सम्मानित खिलाड़ियों का साथ देंगे। AIKS, CITU, AIAWU, DYFI, SFI और AIDWA ने विरोध करने वाले एथलीटों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए 27 अप्रैल को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।

यौन उत्पीड़न के खिलाफ जन्तर - मंतर पर धरने को माकपा ने दिया समर्थन

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य व पूर्व राज्यसभा सांसद कामरेड वृंदा कारात ने माकपा की ओर से धरने को समर्थन दिया। कारात ने कहा कि माकपा खिलाड़ियों की न्याय की लड़ाई में अंतिम कदम तक साथ है, खिलाड़ी अकेले नहीं है।

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