भोपाल। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने शनिवार रात को राज्य सेवा परीक्षा 2022 का अंतिम परिणाम जारी कर दिया। इस परीक्षा के माध्यम से 456 पदों पर चयन किया गया है। राज्य सेवा परीक्षा का विज्ञापन 30 दिसंबर 2022 को जारी हुआ था। प्रारंभिक परीक्षा 12 जुलाई 2023 को हुई, जबकि मुख्य परीक्षा 8 से 12 जनवरी 2024 के बीच आयोजित की गई थी। इसके परिणाम 7 जून 2024 को घोषित हुए। साक्षात्कार प्रक्रिया 11 नवंबर 2024 से 9 जनवरी 2025 तक चली।
हालांकि, 13% परिणाम अभी भी लंबित है, लेकिन जारी सूची में चयनित उम्मीदवारों की संघर्ष और सफलता की कहानियां समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा बनी हैं।
आशीष सिंह चौहान ने शिक्षा विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर का पद हासिल किया। उन्होंने 841 अंक प्राप्त किए। भोपाल के बैरागढ़ के एक सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाले आशीष ने हमीदिया कॉलेज से बीए और एमए की डिग्री प्राप्त की। आशीष का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। उनके पिता अजब सिंह सब्जी बेचते हैं और बड़े भाई साड़ी की दुकान पर काम करते हैं।
आशीष ने बताया, "मैं रोज 8-10 घंटे पढ़ाई करता था। मेरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया। पिता और भाई ने कभी मुझसे काम में मदद के लिए नहीं कहा। यही कारण है कि मैं आज इस मुकाम पर हूं।"
भोपाल की रमशा अंसारी ने राज्य सेवा परीक्षा में 878 अंक हासिल कर डीएसपी का पद प्राप्त किया। रमशा ने एक्सीलेंस कॉलेज से बीए इकोनॉमिक्स ऑनर्स की पढ़ाई की। यह उनकी तीसरी कोशिश थी।
रमशा ने बताया, "मैं रोज 11-12 घंटे पढ़ाई करती थी। मेरा परिवार हमेशा मुझे प्रेरित करता था। मैंने मानसिक और शारीरिक रूप से हर चुनौती का सामना करने के लिए खुद को तैयार किया। यही मेरी सफलता का फॉर्मूला था।"
रीवा की आयशा अंसारी ने 12वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर का पद प्राप्त किया। आयशा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के एक निजी स्कूल से और 12वीं तक की पढ़ाई शासकीय प्रवीण कन्या स्कूल से की। उन्होंने रीवा के शासकीय आदर्श महाविद्यालय से स्नातक किया।
आयशा ने बताया, "मेरे पिता ऑटो ड्राइवर हैं। उनका सपना था कि उनके परिवार में कोई बड़ा अधिकारी बने। मैंने इस सपने को पूरा करने की ठानी और आज डिप्टी कलेक्टर बन गई। मेरे माता-पिता और दोस्तों का सहयोग ही मेरी सफलता का आधार है।"
आयशा ने किसी कोचिंग में प्रवेश नहीं लिया और पूरी तैयारी सेल्फ स्टडी के माध्यम से की। उन्होंने बताया, "मैंने घर पर ही पढ़ाई का माहौल बनाया। आर्थिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन माता-पिता ने कभी मुझे किसी चीज़ की कमी महसूस नहीं होने दी।"
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