भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान के मामले में सोमवार 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। इस दौरान स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी, जिसमें अब तक की जांच का ब्योरा और साक्ष्य शामिल होंगे।
गौरतलब है कि विजय शाह के बयान को लेकर पहले हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी, और फिर सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को सुनवाई के दौरान मंत्री को फटकार लगाते हुए SIT से जांच की रिपोर्ट मांगी थी।
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर जिले के महू तहसील के रायकुंडा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में कहा था, "उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।"
"अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा, कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।"
यह बयान उस समय दिया गया जब कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिसरी द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी। उस अभियान में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी लॉन्चपैड्स को निशाना बनाया गया था।
मंत्री के इस बयान को लेकर पूरे देश में तीखी प्रतिक्रिया हुई। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शाह के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए मामले की जांच SIT को सौंपी थी। इसके बाद 19 मई की शाम को एक तीन सदस्यीय SIT का गठन किया गया.
प्रमोद वर्मा (IG, तत्कालीन सागर रेंज, वर्तमान IG जबलपुर)
कल्याण चक्रवर्ती (DIG, तत्कालीन SAF, वर्तमान DIG छिंदवाड़ा)
वाहिनी सिंह (SP, डिंडोरी)
SIT ने 20 मई को इंदौर के बाणगंगा स्थित सरकारी रेस्ट हाउस को बेस कैंप बनाकर जांच शुरू की। 21 मई को टीम रायकुंडा गांव पहुंची, जहां विवादित बयान दिया गया था।
22 मई से 5 दिन तक SIT ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों के बयान दर्ज किए। इसमें कुल 125 से अधिक लोगों के बयान लिए गए। इनमें शामिल, कार्यक्रम में मौजूद पत्रकार मंच पर मौजूद महू विधायक और पूर्व मंत्री ऊषा ठाकुर, कार्यक्रम आयोजक दीपमाला रावत, डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति, जनपद पंचायत अध्यक्ष, कॉलेज स्टूडेंट्स, NCC कैडेट्स और सामाजिक संस्थाओं के वॉलंटियर्स
SIT ने 19 जुलाई को विजय शाह को जबलपुर बुलाया था। उनसे करीब 25 मिनट तक पूछताछ की गई, जिसमें 8 से 10 सवाल किए गए। मंत्री का बयान भी रिकॉर्ड किया गया। SIT ने बयान वाले वीडियो की फॉरेंसिक जांच भी करवाई है, जिसकी रिपोर्ट भी आज कोर्ट में दी जाएगी।
29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई निर्धारित है। इसमें SIT अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी, जिसमें जांच में सामने आए तथ्यों, बयानों और वीडियो प्रमाणों को शामिल किया जाएगा।
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