मध्य प्रदेश: सरकार से नाराज दृष्टिबाधित युवा तेज बारिश में भी सडकों पर उतरे!

दिव्यांगों ने कहा कि सरकार दृष्टिबाधित युवाओं के रोजगार के लिए प्रबंध नहीं कर रही जबकि कई शासकीय भर्तियों में बैकलॉग के पद रिक्त हैं। यहां तक कि उन्हें पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है। दृष्टिबाधितों के लिए छात्रवासों में भी कई तरह की समस्याएं है।
तेज बारिश के दौरान भी अपनी मांगों के समर्थन युवा धरना स्थल पर बैठे रहे।
तेज बारिश के दौरान भी अपनी मांगों के समर्थन युवा धरना स्थल पर बैठे रहे।द मूकनायक

भोपाल- सरकार से नाराज दृष्टिबाधित युवा सड़क पर उतर आए हैं , इसके पांच साल पहले भी दृष्टिबाधित युवाओं ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था। अब पुनः रोजगार, शिक्षा और पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के बैनर तले दृष्टिबाधित युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

दरअसल प्रदेशभर से सैकड़ों की संख्या में दृष्टिबाधित युवा शुक्रवार को राजधानी भोपाल के आम्बेडकर पार्क में इक्क्ठा हुए। यहां तेज बारिश के दौरान भी अपनी मांगों के समर्थन युवा धरना स्थल पर बैठे रहे। दिव्यांग युवाओं और उनके द्वारा पिछले वर्ष की गई मांगों पर ध्यान नहीं देने से नाराज हैं। जैसे ही प्रदर्शन कर रहे दिव्यांग पार्क से सीएम हाउस घेरने बाहर निकले तभी मौके पर मौजूद प्रशासन ने उन्हें रोक लिया।

दिव्यांगों ने कहा कि सरकार दृष्टिबाधित युवाओं के रोजगार के लिए प्रबंध नहीं कर रही जबकि कई शासकीय भर्तियों में बैकलॉग के पद रिक्त हैं। यहाँ तक कि उन्हें पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है। दृष्टिबाधितों के लिए छात्रवासों में भी कई तरह की समस्याएं है।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रा शिक्षा द्विवेदी ने बताया कि 'हमारी लंबित मांगों को लेकर हम भोपाल सीएम शिवराज सिंह से मिलने आए हैं। सरकार से हम 29 सूत्रीय मांग पत्र सौंपने सीएम हाउस जा रहे थे। लेकिन हमें पार्क से बाहर निकलते ही पुलिस प्रशासन ने रोक लिया है। प्रशासन संघ के पांच सदस्यीय दल को मुख्यमंत्री आवास लेकर गया है। हमारी मांगों पर यदि सरकार गंभीर नहीं हुई तो आंदोलन तेज करेंगे।'

राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के बैनर तले दृष्टिबाधित युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया
राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के बैनर तले दृष्टिबाधित युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दियाद मूकनायक

यह है मांगे :

  • भारत सरकार बनाम राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ (एन.एफ.बी.) के मामले में उच्चतम न्यायालय के दिनांक 08.10.2013 आदेश के अनुपालन में दृष्टिबाधितों और दिव्यांगों के आरक्षण के विरुद्ध एक समयबद्ध विशेष भर्ती अभियान चलाकर सम्पूर्ण बैकलॉग पदों को अविलम्ब भरने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाए। निःशक्त व्यक्तियों के आरक्षित पदों पर भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए तथा चयन समिति में संगठन का एक प्रतिनिधि हो ।

  • प्रदेश के दृष्टिबाधित कर्मचारियों एवं अध्यापकों का विकलांग वाहन भत्ता रू. 350/- से बढ़ाकर बेसिक का 5 प्रतिशत या 2000/- प्रतिमाह की दर से सुनिश्चित किया जावे। 

  • सामाजिक सुरक्षा की दर में वृद्धि- वर्तमान समय में सामाजिक सुरक्षा पेंशन रू. 600/- की दर से वर्तमान में दी जा रही है। जो कि वर्तमान महंगाई को देखते हुए जीवन यापन करने के लिए बहुत कम है। संघ आपसे अनुरोध करता है कि इस राशि को रू. 600/- से बढ़ाकर रू. 2,500/- प्रतिमाह की दर से की जाये। 

  • मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में दृष्टिबाधित दिव्यांग परीक्षार्थियों के लिए उन्हें प्रदान किये जाने वाले लेखक (Scribe) का सत्यापन परीक्षा केन्द्र पर ही कराये जाने की सुविधा प्रदान की जाये। वर्तमान में लेखक का सत्यापन मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल कार्यालय, भोपाल में किये जाने के कारण अत्यंत कठिनाई होती है तथा 29/08/2018 की गाइडलाइन को माना जाये।

  • दृष्टिबाधित बालिकाओं के लिए स्कूल से लेकर महाविद्यालय तक का छात्रावास सरकार द्वारा खोला जाये। क्योंकि प्रदेश में बालिकाओं के लिए महाविद्यालय स्तर का कोई भी छात्रावास दृष्टिबाधित बालिकाओं के लिए नहीं है।  

  • दृष्टिबाधित दिव्यांग बुजुर्गो के लिए प्रदेश में एक वृद्ध आश्रम (Old Age Home) स्थापित किया जाये। 

  • संगठन को राजधानी में एक भूखण्ड प्रदान किया जाये जिससे संगठन कार्यालय स्थापित कर दृष्टिबाधितों की पुनर्वास सेवाओं को बढ़ाया जा सके। 

  • मा० उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार दिव्यांग कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण को सुनिश्चित किया जाये। 

  • वर्ष 2021 में उल्लेखित न्यायालय के आदेशानुसार प्रदेश के प्रत्येक विद्यालय में कम से कम एक विशेष शिक्षक की स्थाई नियुक्ति की जाए ताकि दिव्यांग विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ शिक्षा प्राप्त हो सके। 

  • प्रदेश भर में संचालित बसों में निःशक्त यात्रियों को निर्धारित किराए में 50 प्रतिशत की रियायत प्रदान की गई थी। किन्तु हम मांग करते हैं कि बसों की ऑनलाइन टिकट बुकिंग में भी किराये में छूट का प्रावधान उल्लेखित किया जाये। जिससे कि निशक्त यात्रियों को रियायती किराए का लाभ मिल सके।

  • सामाजिक न्याय विभाग की अनुदान प्राप्त संस्थाओं के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की पूर्व की भांति 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष की जावे आयु सीमा।  

  • प्रदेश के दिव्यांगजनों को खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल करते हुए अन्त्योदय योजना का लाभ दिया जावे। 

  • शासन द्वारा दिव्यांगजनों से संबंधित जो भी समितियां बनाई है, उनमें संगठन का प्रतिनिधि सुनिश्चित किया जाये।

  • दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति बनाई जावे।

  • ITI COPA में अध्ययनरत समस्त दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्र-छात्राओं को ITI परिसर में ही आवासीयसुविधा प्रदान की जाए और साथ ही साथ सुनिश्चित की गई स्टायफंड की राशि एवं अच्छी गुणवत्ता के लैपटॉप समय से (प्रवेश के 3 माह के अन्दर ) प्रदान किये जाए। प्रदेश के अन्य कक्षाओं के दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्र-छात्राओं को दिए जाने वाले लैपटॉप समय से दिए जाए।

  • आउटसोर्सिंग नौकरियों में दृष्टिबाधित दिव्यांगों के लिए आरक्षण का पालन सुनिश्चित किया जावे। 

  • सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 के पुनरीक्षित विज्ञापन दिनांक 24-05-2022 में चयनित दिव्यांग उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। नियुक्ति की प्रक्रिया शासन के समक्ष लंबित है। दिव्यांगजन उम्मीदवारों को अविलंब नियुक्ति प्रदान की जाएं।  

  • दिव्यांगजनों को भवन या भूखण्ड खरीदी में स्टाम्प ड्यूटी से मुक्त रखा जाये।

  • दिव्यांग आरक्षण का लाभ प्राप्त कर नौकरी प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की जांच दोबारा मेडिकल बोर्ड से करवाया जाए। जिससे फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट पर रोक लग सके। 

  • म.प्र. कर्मचारी मण्डल द्वारा एवं सीधी भर्ती के अन्तर्गत पूर्व में की गई अवैध नियुक्तियों की पुनः जांच एक आयोग गठित कर कराई जाये। आगामी नियुक्तियों में पारदर्शिता लाई जाए आवेदक के दस्तावेजों की सूक्ष्म जांच बनाए गए बोर्ड द्वारा की जाए। जिसमें चतुर्थ श्रेणी की भर्ती हेतु कक्षा 8वीं की अंकसूची स्थानीय वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापित कीअंकसूची को स्वीकार किया जाए। नियुक्ति हेतु आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए विकलांगता प्रमाण पत्र  एवं आवेदन की जांच तृतीय स्तरीय प्रदेश स्तर पर चिकित्सा बोर्ड का गठन कर बोर्ड द्वारा कराई जाए।

  • तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु ITI डिप्लोमा धारक अभ्यर्थी को वरीयता दी जाए तथा सीट रिक्त रहने पर अन्य डिप्लोमा धारकों को नियुक्ति दी जाए तथा उक्त अभ्यर्थी न मिलने पर नियुक्ति प्रदान कर बाद में प्रशिक्षण दिया जाए। इसमें उक्त पदों पर कार्य कर चुके अनुभवी अभ्यर्थियों को वरीयता दिया जाए। 

  • किसी भी ITI प्रशिक्षण केन्द्र में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए प्रशिक्षित स्थाई प्रशिक्षक नहीं हैं। अतः इन सभी ITI में दृष्टिबाधितों के लिए प्रशिक्षित भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा पंजीकृत स्थाई प्रशिक्षक की नियुक्ति की जाए। 

  •   मध्यप्रदेश में शिक्षित, डिग्री, डिप्लोमा धारक एवं अधिक आयु के दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के न्यायालय द्वारा दिये गये आदेशानुसार शासन द्वारा बेरोजगार भत्ता दिया जाए। 

  • मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के अंतर्गत दिव्यांगजनों को पंजीयन कराकर सभी क्षेत्रों के प्रशिक्षण दिया जाए।

  • म.प्र सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं/ विद्यालयों में विशेषशिक्षकों की नियुक्ति रिक्त पदों पर की जाए इस भर्ती हेतु अनुभवी व पूर्व में कार्य कर चुके अभ्यार्थियों को वरीयता दिया जाएं। इन विद्यालयों में कम्प्यूटर की शिक्षा अनिवार्य किया जाए तथा कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु विशेष प्रशिक्षक की नियुक्ति की जाए। 

  • सामाजिक न्याय विभाग के विशेष विद्यालयों में कार्यरत विकलांग कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधिसमाप्त की जाये। 

  • जबलपुर में स्थित 50 सीटर छात्रावास की तर्ज पर जहां की जनसंख्या अधिक हो वहा पर दृष्टिबाधित छात्रों के लिए महाविद्यालयीन छात्रावास खोला जाए। 

  • मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा चयनित परीक्षाओं के बाद दिव्यांग अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची पृथक से जारी की जाए। 

  • मध्य प्रदेश के दृष्टिबाधित दिव्यांग चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति में CPCT से छूट दी जाए।

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