जानवरों के प्रति दया दिखाएं — सार्वजनिक वाहनों पर अब दिखेगा यह संदेश

1 अप्रैल 2025 से लागू होगा नया नियम; केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों के परिवहन विभागों, परिवहन आयुक्तों और संबंधित अधिकारियों को इस आदेश को लागू करने के निर्देश दिए हैं।
 देश भर के यात्री जल्द ही बसों और अन्य सार्वजनिक वाहनों पर जानवरों के कल्याण को बढ़ावा देने वाला एक सशक्त संदेश देखेंगे।
देश भर के यात्री जल्द ही बसों और अन्य सार्वजनिक वाहनों पर जानवरों के कल्याण को बढ़ावा देने वाला एक सशक्त संदेश देखेंगे।
Published on

नई दिल्ली- जानवरों के प्रति दया भावना बढ़ाने और सड़कों पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक परिवहन वाहनों पर "जानवरों के प्रति दयालु बनें" (Be Kind to Animals) का नारा लगाने का निर्देश जारी किया है। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा।

25 फरवरी को जारी इस आदेश में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A (g) का हवाला दिया गया है, जो हर नागरिक का मौलिक कर्तव्य बताता है कि वे प्राकृतिक पर्यावरण, वन्यजीवों और जीव-जंतुओं के प्रति दया भाव रखें।

मंत्रालय ने इसके लिए जानवरों के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 को भी आधार बताया है।

एक मोटे अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल लगभग 3,00,000 जानवर सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं या घायल हो जाते हैं। इनमें हिरण, तेंदुए, बाघ और हाथी जैसे कई तरह के जानवर शामिल हैं।

नोटिफिकेशन के अनुसार, सार्वजनिक वाहनों के बाहरी हिस्से पर "जानवरों के प्रति दयालु बनें" या हिंदी में "पशुओं पर दया करो" या क्षेत्रीय भाषाओं में इसका अनुवाद साफ-साफ दिखना चाहिए।

नारे के अक्षरों की ऊंचाई कम से कम 150 मिमी होनी चाहिए, ताकि इसे आसानी से पढ़ा जा सके। राज्य वाहनों के रंग के हिसाब से फॉन्ट का रंग चुन सकते हैं। यह नारा पेंट या स्टिकर के रूप में लगाया जा सकता है।

1 अप्रैल 2025 से यह नियम सभी सार्वजनिक वाहनों पर लागू होगा।
1 अप्रैल 2025 से यह नियम सभी सार्वजनिक वाहनों पर लागू होगा।

मंत्रालय ने सभी राज्यों के परिवहन विभागों, परिवहन आयुक्तों और संबंधित अधिकारियों को इस आदेश को लागू करने के निर्देश दिए हैं। पशु कल्याण संगठनों, जैसे कि भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे जानवरों के प्रति क्रूरता कम करने और दया भाव बढ़ाने में मदद मिलेगी।

1 अप्रैल 2025 से यह नियम सभी सार्वजनिक वाहनों पर लागू होगा। 

जैन मुनि डॉ. श्रमण पुष्पेंद्र ने बताया कि यह कदम जानवरों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा, "इसका मकसद है कि लोग जानवरों, चाहे वे पालतू हों या आवारा, के प्रति संवेदनशील बनें और सड़कों पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। सरकार को उम्मीद है कि इस पहल से लोगों में पशु कल्याण को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और सड़क पर आवारा या घरेलू जानवरों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी।"

 इस कदम का पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और पशु कल्याण संगठनों ने स्वागत किया है, जो इसे जानवरों के प्रति दया भाव बढ़ाने और क्रूरता कम करने की दिशा में एक अहम कदम मानते हैं।

इस नए नियम के साथ, देश भर के यात्री जल्द ही बसों और अन्य सार्वजनिक वाहनों पर जानवरों के कल्याण को बढ़ावा देने वाला एक सशक्त संदेश देखेंगे। सरकार को उम्मीद है कि यह दृश्य संदेश नागरिकों में अधिक सहानुभूति और जिम्मेदारी की भावना जगाएगा, जिससे जानवरों के लिए एक सुरक्षित और अधिक दयालु वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।

 देश भर के यात्री जल्द ही बसों और अन्य सार्वजनिक वाहनों पर जानवरों के कल्याण को बढ़ावा देने वाला एक सशक्त संदेश देखेंगे।
पुणे बस दुष्कर्म मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान, तत्काल कार्रवाई की मांग

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com