Ground Report: क्वालिटी एनर्जी के बावजूद बिहार में बहुत कम उद्यमियों तक ही क्यों सीमित है सोलर मिनीग्रिड की ऊर्जा?

बिहार के ग्रामीण अंचल में सोलर तकनीकी कंपनी छोटे, मध्यम और भारी उद्यमियों के व्यापार को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए सोलर मिनी ग्रिड की बिजली सप्लाई कर रही है। लेकिन उद्यमी सोलर एनर्जी के बिजली कनेक्शन को महंगा महसूस कर रहे हैं। हालांकि, कई उद्यमियों के लिए यह अतिरिक्त कमाई का स्रोत भी बना हैं।
लालगंज क्षेत्र के जगन्नाथ बसंत गांव के समीप स्थापित हस्क पावर सिस्टम का सोलर मिनी ग्रिड यूनिट, जहां से स्थानीय मार्केट में कई छोटे-बड़े उद्यमियों को निर्बाध क्वालिटी बिजली प्रदान की जाती है.
लालगंज क्षेत्र के जगन्नाथ बसंत गांव के समीप स्थापित हस्क पावर सिस्टम का सोलर मिनी ग्रिड यूनिट, जहां से स्थानीय मार्केट में कई छोटे-बड़े उद्यमियों को निर्बाध क्वालिटी बिजली प्रदान की जाती है. फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

पटना/बिहार। राजधानी पटना से लगभग 45 किमी दूर लालगंज क्षेत्र के मेन मार्केट में रेनू देवी की हार्डवेयर की दुकान सोलर मिनी ग्रिड ऊर्जा की बदौलत एक सफल व्यापार का उदाहरण है। लालगंज क्षेत्र के जगन्नाथ बसंत गांव के मुहवाने पर अमेरिका स्थित हस्क पावर सिस्टम (Husk Power System) द्वारा विकसित सोलर मिनी ग्रिड का यूनिट्स स्थापित है, जिससे नजदीक के मार्केट में दर्जनभर से अधिक दुकानों को निर्बाध बिजली की सप्लाई होती है। उसी में एक रेनू देवी की भी दुकान है जो हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनी ग्रिड से बिजली प्राप्त कर रहीं हैं। 

दो तल की दुकान, ‘मां दुर्गा प्लाई एल्यूमिनियम ग्लास एंड हार्डवेयर स्टोर’ को मुख्य रूप से रेनू देवी (33) ही संभालती हैं। वह बताती हैं कि दुकान को वह और उनके पति अजय कुमार (40) मिलकर चलाते हैं। रेनू की दुकान 2013 में ही खुली है लेकिन अभी 3 साल से वह सोलर की बिजली का उपयोग कर रहीं हैं। उन्होंने बताया की दुकान में दरवाजे, बिल्डिंग, स्लाइडर बनाने का काम होता है।

रेनू की दुकान में बिजली से सम्बंधित अधिकांश काम होते हैं. जब सामान्य बिजली कट जाती है तब हस्क का सोलर उर्जा बहुत मदद करता है, इससे काम नहीं रुकने पाता.
रेनू की दुकान में बिजली से सम्बंधित अधिकांश काम होते हैं. जब सामान्य बिजली कट जाती है तब हस्क का सोलर उर्जा बहुत मदद करता है, इससे काम नहीं रुकने पाता. फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

“मेरे पास लाइट भी है, इवर्टर भी है और सोलर की बिजली भी है। कभी-कभी जब बिजली कट जाती है तो हमारा काम रुकता नहीं है। सोलर से हमें एक्स्ट्रा काम कर पाने की सुविधा मिलती है। मेरे पर लेबर स्टाफ भी हैं। मिस्त्री भी काम करते हैं। किसी को काम करने में समस्या नहीं होती,” रेनू ने बताया।

रेनू देवी ने तीन साल पहले हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनी ग्रिड से बिजली का कनेक्शन लिया था। हस्क के सोलर से मिलने वाली बिजली और बिहार सरकार द्वारा मिलने वाली सामान्य बिजली में अंतर के बारे में पूछे जाने पर रेनू देवी ने कहा, “हस्क की बिजली थोड़ी महंगी लगती है। लेकिन लाइट कट जाने के बाद मेरे पास बिजली की कोई और सुविधा नहीं होती। सोलर की बिजली होने से काम नहीं रुक रहा है।”

हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनी ग्रिड की बिजली उपभोक्ताओं में से एक रेनू देवी के लिए सोलर उर्जा की बिजली अतिरिक्त कमाई का स्रोत बन चुका है. हालाँकि, रेनू को हस्क की बिजली महंगी लगती है.
हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनी ग्रिड की बिजली उपभोक्ताओं में से एक रेनू देवी के लिए सोलर उर्जा की बिजली अतिरिक्त कमाई का स्रोत बन चुका है. हालाँकि, रेनू को हस्क की बिजली महंगी लगती है. फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

“हस्क का सबकुछ तो ठीक है, लेकिन इसका रिचार्ज कुछ महंगा है,” रेनू ने आगे कहा, “साढ़े पंद्रह सौ रुपये का हर महीने रिचार्ज कराते हैं। इसमें कभी-कभी एक महीने चल जाता है, कभी-कभी कम पड़ जाता है”, रेनू देवी ने द मूकनायक को बताया कि एक महीने में वह सोलर की बिजली का उपयोग करने के लिए लगभग 1552 रुपए (18.68U$) भुगतान करती हैं। 

लालगंज, वैशाली मार्केट के ही एक अन्य ‘शमीम फॉर व्हीलर पेंटर’ दुकान के मालिक ने द मूकनायक को बताया कि “शाम होते ही हमारा शटर डाउन [दुकान बंद हो जाती है] हो जाता है। इसको लेने का कोई मतलब नहीं है।”

लालगंज क्षेत्र में ऐसे बहुत से उद्यमी हैं जिन्हें हस्क के सोलर मिनी ग्रिड के क्वालिटी एनर्जी के बारे में पता है, लेकिन सोलर की बिजली की दर महंगी होने के कारण वह इसका उपयोग नहीं करना चाहते हैं.
लालगंज क्षेत्र में ऐसे बहुत से उद्यमी हैं जिन्हें हस्क के सोलर मिनी ग्रिड के क्वालिटी एनर्जी के बारे में पता है, लेकिन सोलर की बिजली की दर महंगी होने के कारण वह इसका उपयोग नहीं करना चाहते हैं. फोटो साभार- ईजेएन टीम

स्थानीय लोगों से ने बताया कि बिहार में आंधी तूफान के दौरान दो - तीन दिनों तक बिजली नहीं आती है। ऐसे में वह उद्यमी जो बिजली से काम करते हैं, विकल्प के तौर पर Husk Power System का सोलर ऊर्जा का उपयोग करते हैं। जिससे उनका उद्यम अथवा कारोबार नहीं रुकता। 

लालगंज बाजार में, जून 2023 को Killer MR Fation के नाम से रेडीमेड ब्रांड कपड़ों की दुकान शुरू होने के साथ ही दुकान मालिक हस्क पावर सिस्टम के सोलर ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं। दुकान के मुख्य काउंटर पर बैठे रोशन (21) ने बताया कि जब दुकान में कस्टमर होते हैं और लाइट कट जाती है तभी हम हस्क का सोलर लाइट उपयोग करते हैं।

“मेरे अगल बगल के कुछ दुकान हस्क का सोलर लाइट कनेक्शन ले रखे थे। उन्हीं लोगों से सोलर के बारे में पता चला। फिर हमने भी कनेक्श ले लिया”, रोशन ने बताया। 

रोशन ने बताया कि इसका कनेक्शन हमें आसानी से मिल गया। लेकिन वह इस सुविधा की लागत के बारे में आगे बताते हैं कि, “हस्क का सोलर ऊर्जा सामान्य बिजली से दो गुना से भी अधिक महंगा है। बिजली बिल हम लोगों का डेली 300 रुपए (3.61U$) आता है। लेकिन सोलर का बिल एक दिन में 1500 - 2000 रुपये (18.05 - 24.07U$) भी चला जाता है, अगर दुकान में एसी यूज करें तो।”

किलर एमआर फैशन की दुकान चलाने वाले रोशन हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनी ग्रिड की बिजली का उपयोग करते हैं, लेकिन महंगी दर की बिजली होने के कारण सोलर की बिजली सिर्फ इमरजेंसी में ही उपयोग करते हैं.
किलर एमआर फैशन की दुकान चलाने वाले रोशन हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनी ग्रिड की बिजली का उपयोग करते हैं, लेकिन महंगी दर की बिजली होने के कारण सोलर की बिजली सिर्फ इमरजेंसी में ही उपयोग करते हैं. फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

रोशन ने बताया कि वह हस्क के सोलर लाइट के लिए हर महीने 1500 या 2000 रुपये का रिचार्ज करवाते हैं। लेकिन उसका लगातार उपयोग नहीं करते। जब कभी इमरजेंसी में लाइट कट जाती हैं, और दुकान में बिजली की बहुत जरूरत होती है तभी सोलर लाइट का उपयोग करते हैं। “अगर सोलर की बिजली का रोजाना उपयोग करें तो वह एक ही दिन में समाप्त हो जाएगी। इस लिए ज्यादातर सामान्य बिजली से ही सब कुछ चलाते हैं। जब लाइट नहीं होती तो हस्क का सोलर लाइट चला लेते हैं।”

“अगर हस्क का सोलर लगातार महीने भर उपयोग करें तो एक महीने का 20,000 से 25,000 रुपये (240.66- 300.82U$) बिल आएगा। जबकि सामान्य बिजली का बिल सिर्फ 8,000 से 10,000 रुपये (96.26-120.33U$) ही आता है”, रोशन ने द मूकनायक को बताया कि उनकी दुकान में 10 किलोवाट की बिजली खपत है।

मार्केट में ‘मां पार्वती एल्यूमिनियम हाउस’ दुकान को राकेश कुमार (28) लगभग दो साल से चला रहे हैं। हस्क के सोलर ऊर्जा के बारे में उन्हें पता है लेकिन उन्होंने सोलर ऊर्जा कनेक्शन नहीं लिया। “हमारे जैसे दुकानदार जो हस्क का सोलर ऊर्जा कनेक्शन लिए हैं उनका महीने का बिल 2200 रुपये (26.47U$) आता है। जबकि, सामान्य बिजली कनेक्शन से हमारा सिर्फ 500 से 600 रुपये (6.02 - 7.22U$) प्रति महीने में काम चल जाता है”, राकेश कुमार ने द मूकनायक को बताया। 

लालगंज बाज़ार में अपनी एक दुकान चलाने वाले राकेश कुमार हस्क की सोलर बिजली इसलिए नहीं लेना चाहते हैं क्योंकि जितने पैसे में वह हस्क की बिजली एक महीने में उपयोग करेंगे उतने पैसे में वह सामान्य बिजली का उपयोग चार महीनों तक करेंगे.
लालगंज बाज़ार में अपनी एक दुकान चलाने वाले राकेश कुमार हस्क की सोलर बिजली इसलिए नहीं लेना चाहते हैं क्योंकि जितने पैसे में वह हस्क की बिजली एक महीने में उपयोग करेंगे उतने पैसे में वह सामान्य बिजली का उपयोग चार महीनों तक करेंगे. फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

राकेश कुमार इस बात को स्वीकार करते हैं कि बिहार में बिजली समस्या आती रहती है। लेकिन बिजली की मौजूद समस्या के सामने महंगे हस्क के सोलर ऊर्जा कनेक्शन को वह लेने के लिए तैयार नहीं हैं। “अगर यह (हस्क की सोलर ऊर्जा की बिजली) सस्ता होता तो जरूर लेता। अगर इसका 700 - 800 रुपये (8.42-9.63U$) भी लगता तो कनेक्शन ले सकते हैं। लेकिन 2200 रुपये (26.47U$) नहीं दे सकता”, राकेश उम्मीद करते हैं कि अगर भविष्य में हस्क के सोलर ऊर्जा की बिजली दर कम होती है तो वह इसका कनेक्शन ले सकते हैं। क्योंकि अभी उन्हें अपनी दुकान के लिए जितना भुगतान हस्क पावर के सोलर एनर्जी को एक महीने में देना पड़ता उतने पैसे में वह सामान्य बिजली का चार महीने का बिल भुगतान कर सकते हैं। 

राकेश ने हस्क के सोलर ऊर्जा की बिजली की महंगी दर को उदाहरण के लिए पास के एक दुकानदार से तुलना की, जो हस्क के सोलर ऊर्जा से कनेक्शन ले रखा है। राकेश ने बताया कि उस दुकान में सिर्फ एक बल्ब जलता है। इसका महीने का 350 रुपये (4.21U$) बिल देना पड़ता है।

हालांकि, इस बारे में हस्क पावर सिस्टम के मुख्य विपणन अधिकारी विलियम ब्रेंट ने द मूकनायक को इमेल के जरिए बताया कि, "राज्य-संचालित ग्रिड से बिजली पर सब्सिडी दी जाती है, जबकि हस्क पावर को यह नहीं मिलती है। हस्क में ऐसे निवेशक हैं जो उम्मीद करते हैं कि हमारा व्यवसाय व्यवहार्य होगा, जबकि राज्य-संचालित ग्रिड ऐसा नहीं करते हैं, इसलिए ऐसी कीमत पर बिजली की पेशकश करने की उनकी क्षमता वास्तव में उनके लंबे समय से चले आ रहे वित्तीय संकट में योगदान दे रही है। हस्क पावर भी बहुत सारे डीजल उत्पादन को विस्थापित कर रहा है."

अमेरिका बेस्हड हस्क पावर सिस्टम पूरे भारत में अभी सिर्फ दो राज्यों में अपने सोलर मिनी ग्रिड प्लांट्स को स्थापित कर सकी है. उसके सामने उपभोक्ताओं को किफायती दाम पर विद्युत् उर्जा उपलब्ध कराने की चुनौती है.
अमेरिका बेस्हड हस्क पावर सिस्टम पूरे भारत में अभी सिर्फ दो राज्यों में अपने सोलर मिनी ग्रिड प्लांट्स को स्थापित कर सकी है. उसके सामने उपभोक्ताओं को किफायती दाम पर विद्युत् उर्जा उपलब्ध कराने की चुनौती है. फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

हस्क पावर ने पूरे बिहार में लगभग 80 यूनिट सौर ऊर्जा मिनी ग्रिड प्लांट स्थापित किया है। वह अपने इस तकनीकी की सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों और गांवों के समीप स्थापित छोटे व मध्यम उद्योगों को निर्बाध पावर सप्लाई का उद्देश्य रखता है। बिहार में हस्क पावर सिस्टम एकलौता है जो इस दिशा में कार्य कर रहा है। हालांकि, उद्यमियों के बीच यह अभी संघर्षरत स्थिति में है। उपभोक्ताओं का मानना है कि यह सेवा सामान्य बिजली से थोड़ा महंगा है। 

बाजार में अमूल के बने उत्पादों जैसे — दूध, दही, मक्खन, छाछ आदि के फुटकर और थोक विक्रेता महेंद्र कुमार मिश्रा को अपने उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए रेफ्रीजरेटर में बिजली की पर्याप्त आवश्यकता पड़ती है। पुरखौली गांव के निवासी महेंद्र लालगंज में स्थित अपनी इस दुकान से अच्छा व्यापार कर रहे हैं। महेंद्र कुमार भी हस्क पावर सिस्टम के सोलर ऊर्जा के उपभोक्ता हैं। पिछले साल 2022 जून को उन्होंने हस्क का सोलर एनर्जी का कनेक्शन लिया था।

हस्क के सोलर मिनी ग्रिड के बिजली उपभोक्ता महेंद्र कुमार मिश्रा अमूल के बने प्रोडक्ट्स बेचते हैं. उनका मानना है कि यह सौर उर्जा की बिजली अन्य उद्यमियों के लिए भी फायदेमंद है. लोग इसे धीरे-धीरे अपना रहे हैं.
हस्क के सोलर मिनी ग्रिड के बिजली उपभोक्ता महेंद्र कुमार मिश्रा अमूल के बने प्रोडक्ट्स बेचते हैं. उनका मानना है कि यह सौर उर्जा की बिजली अन्य उद्यमियों के लिए भी फायदेमंद है. लोग इसे धीरे-धीरे अपना रहे हैं. फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

सामान्य बिजली और हस्क के सोलर एनर्जी से मिलने वाली बिजली के बीच अंतर के बारे में मिश्रा बताते हैं कि, “दोनों के बीच कुछ खास अंतर नहीं है, लेकिन हस्क की सर्विस थोड़ा बढ़िया है इसलिए इसे पसंद करते हैं। इसकी बिजली हमेशा निरंतर मिलती रहती है। कभी कोई फाल्ट हो तो हस्क की टीम इसे ठीक करने के लिए किसी भी समय उपलब्ध रहती है।” 

महेंद्र ने बताया कि वह अभी हस्क के सोलर ऊर्जा से बिजली का 700 रुपये (8.42U$) प्रति माह भुगतान करते हैं। 

जगन्नाथ बसंत गांव के समीप तीन साल पहले स्थापित हस्क पावर सिस्टम का सोलर मिनी ग्रिड यूनिट जहां से लालगंज बाजार में कई उद्यमियों को पवार की सप्लाई होती है, के एरिया सर्विस इंजीनियर सुनील कुमार (29), ने बताया कि यहां 30 किलोवाट का सोलर सिस्टम इंस्टाल किया गया है। 

सुनील कुमार, एरिया सर्विस इंजीनियर, ने बताया कि 3 साल पहले यहां 30 किलोवाट का सोलर मिनी ग्रिड सिस्टम लगाया गया था. इसकी लाइफ करीब 25 साल है.
सुनील कुमार, एरिया सर्विस इंजीनियर, ने बताया कि 3 साल पहले यहां 30 किलोवाट का सोलर मिनी ग्रिड सिस्टम लगाया गया था. इसकी लाइफ करीब 25 साल है. फोट साभार- ईजेएन टीम

“यहां से हम लोग डीसी फीड करते हैं इनवर्टर को, इनवर्टर डीसी टू एसी कन्वर्ट करके मांग के अनुसार लोड को मार्केट को सप्लाई करता है, बाकी लोड बैटरी को चार्ज करता है। यह बैटरी का स्टोरेज फुल करके रखता है, ताकि जैसे वेदर डाउन हो या फिर लोड का पीक बढ़ा तो कस्टमर को सप्लाई बैटरी से जाने लगता है और सोलर से भी जाने लगता है”, सुनील कुमार ने द मूकनायक को बताया कि, “यहां हमारा खुद का एसी लाइन बनाया गया है। खुद के पोल और वायर लगे हुए हैं। खुद के केबल सर्विस कस्टमर की दुकान तक जाते हैं। वह भी बिना चार्ज के कस्टमर को मिलता है। कस्टमर को सिर्फ उस बिजली के उपयोग का भुगतान करना होता है जितना वह उपभोग करता है।”

हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनिग्रिड यूनिट परिसर में स्थापित जनरेटर, जिससे होकर उपभोक्तों तक बिजली जाती है.
हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनिग्रिड यूनिट परिसर में स्थापित जनरेटर, जिससे होकर उपभोक्तों तक बिजली जाती है. फोट साभार- ईजेएन टीम

एरिया सर्विस इंजीनियर सुनील कुमार ने बताया कि कस्टमर हस्क के सोलर एनर्जी का बिल खुद मोबाइल एप्लिकेशन में देख सकता है और भुगतान कर सकता है। “हमारे पास हर तरह के मिक्स कस्टमर हैं। हाउसहोल्ड भी हैं, रिटेल कस्टमर भी हैं। बड़े फैक्ट्री लोड — ईंट फैक्ट्री, बिल्डिंग की दुकान, केक शॉप, मोटरसाइकिल शोरूम, बैंक — भी हैं”, सुनील कुमार बताते हैं कि “हम लोग अभी किसानों को एग्रीकल्चर उपयोग के लिए बिजली कनेक्शन नहीं दिए हैं।”

सुनील ने बताया कि “इस बिजली का मुख्य उपयोग उन लोगों के लिए है जिन लोगों को सामान्य बिजली जरूरत के समय नहीं मिल पाती है। उस समय उन्हें हमारे बिजली की जरूरत होती है। उस समय हमारी बिजली उनके लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध रहता है। जैसे ही डिस्कॉम की लाइट कटरी है, उपभोक्ता चेंजर घुमा कर हमारी लाइट लेना शुरू कर देता है। उपभोक्ता को जितनी बिजली की जरूरत होती है उतनी बिजली लगातार समय में हम ही दे सकते हैं।”

लालगंज में हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनी ग्रिड प्लांट के एक कमरे में स्थापित की गईं बैटरीज. यहां से सोलर उर्जा की बिजली स्थानीय मार्केट के उपभोक्ताओं को सप्लाई होती है.
लालगंज में हस्क पावर सिस्टम के सोलर मिनी ग्रिड प्लांट के एक कमरे में स्थापित की गईं बैटरीज. यहां से सोलर उर्जा की बिजली स्थानीय मार्केट के उपभोक्ताओं को सप्लाई होती है. फोट- राजन चौधरी, द मूकनायक

सुनील ने बताया कि पूरे बिहार में हस्क पवार सिस्टम के 70 से अधिक सोलर मिनी ग्रिड के यूनिट्स लगे हैं जो एक्टिव हैं। बाकी कई यूनिट्स पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि अधिकांश यूनिट में 30 किलोवाट के सोलर सिस्टम लगे हैं। एक यूनिट से एक महीने में लगभग एक लाख रुपये का रेवेन्यू प्राप्त होता है। 

लालगंज के ही रहने वाले भूषण कुमार (27), इसी हस्क पवार सिस्टम में टेकनीशियन के रूप में कार्यरत हैं। भूषण कुमार ने द मूकनायक को बताया कि वह इस सोलर प्लांट के ग्रिड की साफ सफाई, उसकी देखरेख व मार्केट के उपभोक्ताओं को जाने वाली बिजली के फाल्ट आदि को ठीक करते हैं। भूषण को इस काम के बदले प्रति माह 10500 रुपये (126.35U$) सैलरी मिलती है। 

लालगंज के ही निवासी भूषण कुमार हस्क पावर सिस्टम के इस यूनिट की देखरेख और सोलर उर्जा के उपभोक्ताओं की समस्याओं को ठीक करते हैं. भूषण यहां टेक्नीशियन पद पर कार्यरत हैं.
लालगंज के ही निवासी भूषण कुमार हस्क पावर सिस्टम के इस यूनिट की देखरेख और सोलर उर्जा के उपभोक्ताओं की समस्याओं को ठीक करते हैं. भूषण यहां टेक्नीशियन पद पर कार्यरत हैं. फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

भूषण कुमार ने बताया कि ऐसे एक सोलर प्लांट यूनिट को चलाने के लिए कुल लगभग पाँच लोगों की जरूरत होती है। जिसमें टेक्नीशियन , एरिया सेल्स मैनेजर, गार्ड, सेल्स सीक्रेट्री, एरिया सर्विस इंजीनियर होते हैं। भूषण कुमार ने जानकारी दी कि यहां सभी पुरुष कर्मचारी हैं, महिलाएं नहीं हैं। 

हस्क पवार सिस्टम के मार्केटिंग डायरेक्टर रिजूल चौधरी (36) ने द मूकनायक को बताया कि पूरे भारत में अभी सिर्फ उत्तर प्रदेश और बिहार में 160 सोलर एनर्जी यूनिट्स लगे हैं। जिसमें से अकेले लगभग 70 यूनिट्स बिहार में हैं।

उन्होंने बताया कि सोलर पवार सिस्टम के यूनिट्स को स्थापित करने के लिए संबंधित जगह का चयन करने से पहले उनकी टीम वहां के समुदायों के बीच जाती है और उनके बारे में, उनकी समस्याओं को जानने समझने का काम करती है। फिर लोगों को सोलर ऊर्जा उपयोग के लिए आमंत्रित करते हैं। 

राज्य सरकार की थर्मल एनर्जी और हस्क पवार सिस्टम की सोलर मिनी ग्रिड से मिलने वाली बिजली में भिन्नता के सवाल पर रिजूल चौधरी ने बताया कि, “सामान्य बिजली कनेक्शन बहुत लंबे डिस्टेंस से गांवों-कस्बों तक आता है। इसमें बार-बार पावर चला जाता है, आउटरेज होता है। इसका हल यह सोलर मिनी ग्रिड है। क्योंकि कम्युनिटी के बीच में ही सोलर प्लांट स्थापित होता है, जिससे सोलर की बिजली कनेक्शन का डिस्टेंस कम हो जाता है। हम लोग बिना रुके लगातार बिजली दे सकते हैं। क्योंकि हमारे पास टेक्नोलॉजी है।” 

रिजूल चौधरी, मार्केटिंग डायरेक्टर, हस्क पवार सिस्टम, ने बताया कि हस्क ने पूरे बिहार में लगभग 70 सोलर मिनी ग्रिड के यूनिट्स स्थापित किये हैं, और अन्य जगहों पर नए यूनिट्स स्थापित करने का काम जारी है.
रिजूल चौधरी, मार्केटिंग डायरेक्टर, हस्क पवार सिस्टम, ने बताया कि हस्क ने पूरे बिहार में लगभग 70 सोलर मिनी ग्रिड के यूनिट्स स्थापित किये हैं, और अन्य जगहों पर नए यूनिट्स स्थापित करने का काम जारी है. फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

“हम डिमांड को पूरा एनलाइज कर सकते हैं, कि कहां पर कितना डिमांड है। कौन कस्टमर कब कितना बिजली यूज कर रहा है। हम इसका हर घंटे हर दिन का विवरण पता कर सकते हैं। इससे हमारे उपभोक्ता को लगातार निर्बाध बिजली की सप्लाई मिलती है। इससे बिजली के उपकरणों के खराब होने के भी कम चांस होते हैं, और हमारे उपभोक्ता को क्वालिटी एनर्जी मिलती है। इससे उपभोक्ता के बिजनेस घंटे में बृद्धि होती है और प्रोडक्टविटी बढ़ती है,” रिजूल चौधरी ने बताया।

हस्क पावर सिस्टम इंडिया के निदेशक सौगत दत्ता (Saugata Datta) ने बताया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यम (एमएसएमई) सौर मिनी-ग्रिड ऊर्जा से आय बढ़ा रहे हैं। यह ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमियों के बीच शुद्ध और निर्बाध ऊर्जा के रूप में लोकप्रिय हो रही है।

उन्होंने हस्क पावर द्वारा निर्मित सौर मिनीग्रिड ऊर्जा की उपयोगिता और उसके उद्देश्यों के बारे में बताया कि, ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को चौबीसों घंटे स्वच्छ बिजली प्रदान करके, हस्क का लक्ष्य लाखों व्यवसायों और परिवारों को लाभ पहुंचाना और डीजल उत्पादन से 700 मिलियन गैलन के बराबर CO2 (कार्बन डाई ऑक्साइड) से बचना है।

लालगंज क्षेत्र के जगन्नाथ बसंत गांव के समीप स्थापित हस्क पावर सिस्टम का सोलर मिनी ग्रिड यूनिट, जहां से स्थानीय मार्केट में कई छोटे-बड़े उद्यमियों को निर्बाध क्वालिटी बिजली प्रदान की जाती है.
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लालगंज क्षेत्र के जगन्नाथ बसंत गांव के समीप स्थापित हस्क पावर सिस्टम का सोलर मिनी ग्रिड यूनिट, जहां से स्थानीय मार्केट में कई छोटे-बड़े उद्यमियों को निर्बाध क्वालिटी बिजली प्रदान की जाती है.
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