बिहार: आरक्षण 75 फीसदी करने का विधेयक पास, दलितों को मिल सकेगा 16 की जगह 20 फीसदी आरक्षण

बिहार में अब पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 65% आरक्षण मिलने का प्रावधान है।
बिहार: आरक्षण 75 फीसदी करने का विधेयक पास, दलितों को मिल सकेगा 16 की जगह 20 फीसदी आरक्षण

पटना। बिहार की नीतीश सरकार ने विधानसभा में आरक्षण का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया। यह विधयक सदन में आते ही पास हो गया। इस बिल के मुताबिक, बिहार में अब पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 65% आरक्षण मिलने का प्रावधान है। अभी बिहार में इन वर्गों को 50% आरक्षण मिलता है। हाल ही में बिहार में हुई जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पेश होने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में 65% आरक्षण करने का ऐलान किया था। आरक्षण में बदलाव के बाद दलितों को 16 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी तक आरक्षण मिल सकेगा। हालांकि इस विधेयक पर राज्यपाल की अनुशंसा बाकी है।

जानिए किसे कितना प्रतिशत मिल रहा आरक्षण?

बिहार में मौजूदा समय में आरक्षण की सीमा 50% है। इसमें EWS को 10% आरक्षण इससे अलग मिलता था। बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार का प्रस्ताव पास हो चुका है। हालांकि राज्यपाल के द्वारा इस विधेयक पर अनुशंसा बाकी है। राज्यपाल की हरी झंडी के बाद बिहार में 50 फीसदी आरक्षण की सीमा टूट जाएगी। जिसके बाद बिहार में कुल 65 फीसदी आरक्षण मिलने लगेगा। इसके अलावा EWS का 10% आरक्षण अलग रहेगा। बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को जाति आधारित आरक्षण अब 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब तक पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग को 30 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था, लेकिन नई मंजूरी मिलने पर 43 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसी तरह, पहले अनुसूचित जाति वर्ग को 16 प्रतिशत आरक्षण था, अब 20 प्रतिशत मिलेगा। अनुसूचित जनजाति वर्ग को एक प्रतिशत आरक्षण था, अब दो प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा दिया गया आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य गरीब वर्ग (EWS) का 10 फीसदी आरक्षण मिलाकर इसको 75 फीसदी हो जाएगा।

गौरतलब है कि बिहार में हाल ही में जातिगत जनगणना के नतीजे आये थे। बिहार सरकार ने इसे विधानसभा में भी पेश किया। इस दौरान नीतीश कुमार ने सदन में कहा था कि जातिगत सर्वे की रिपोर्ट को देखते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए कोटा बढ़ाने की जरूरत है। राज्य में जनसंख्या के आधार पर वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाया जा सकता है।

बता दें कि बिहार विधानसभा में 7 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में आरक्षण की सीमा 65 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था। सीएम ने सदन में प्रस्ताव रखा था कि जातिगत सर्वे के मुताबिक SC की आबादी 19.7 फीसदी है, तो इनको 20 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। वर्तमान में ये 16 फीसदी है। वहीं ST की जनसंख्या में हिस्सेदारी 1.7 फीसदी है, तो उनका आरक्षण 1 से 2 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा था। जिसके बाद यह प्रस्ताव 9 नवंबर को हुई सदन की बैठक में पास हो गया। इसका किसी ने विरोध नहीं किया।

बिहार में 34 फीसदी लोग 6 हजार रुपये प्रतिमाह पर जिंदगी गुजार रहे

बिहार विधानसभा में आर्थिक सर्वे के आंकड़ों भी पेश किए गए थे। बताया गया कि प्रदेश में 34.13 फीसदी परिवार महीने में सिर्फ 6 हजार रुपये ही कमाते हैं। 29.61 फीसदी परिवार 10 हजार रुपये या उससे कम में अपना गुजारा चलाते हैं। सर्वे में ये भी बताता है कि राज्य में लगभग 28 फीसदी परिवार 10 से 50 हजार रुपये के बीच कमाई करते हैं। और 4 फीसदी से भी कम परिवार महीने में 50 हजार रुपये से ऊपर की कमाई करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सामान्य वर्ग के 25.09 फीसदी लोग गरीब के तौर पर लिस्टेड हैं। इस वर्ग में 25.32 फीसदी भूमिहार, 25.3 फीसदी ब्राह्मण और 24.89 फीसदी राजपूत गरीब हैं। जबकि अनुसूचित जाति में 42.93 प्रतिशत लोग गरीब हैं। इसी तरह पिछड़ा वर्ग में 33.16 प्रतिशत, अति पिछड़ा में 33.58 प्रतिशत परिवार गरीब हैं।

बिहार: आरक्षण 75 फीसदी करने का विधेयक पास, दलितों को मिल सकेगा 16 की जगह 20 फीसदी आरक्षण
Rajasthan Election 2023: किसको मिलेगा दलित-आदिवासियों का वोट?
बिहार: आरक्षण 75 फीसदी करने का विधेयक पास, दलितों को मिल सकेगा 16 की जगह 20 फीसदी आरक्षण
राजस्थान: मोदी-नड्डा से मांगा जवाब, दलित अत्याचार के आरोपी विधायक को क्यों दिया टिकट?
बिहार: आरक्षण 75 फीसदी करने का विधेयक पास, दलितों को मिल सकेगा 16 की जगह 20 फीसदी आरक्षण
संविधान माह विशेष: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य; अतीत के वह फैसले जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र में अमिट छाप छोड़ी

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com