महिला और स्कूली छात्राओं को आखिर क्यों राजस्थान सरकार दे रही है स्मार्टफोन...

मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के तहत मिलेंगे स्मार्ट फोन, पड़ोसी राज्य एमपी में सबसे कम महिलाएं इस्तेमाल करती हैं स्मार्टफोन
महिला और स्कूली छात्राओं को आखिर क्यों राजस्थान सरकार दे रही है स्मार्टफोन...

जयपुर। केन्द्र सरकार ने हाल में राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण का हवाला देते हुए महिला मोबाइल यूजर्स का डाटा शेयर किया था, जिसमें पता चला था कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में सबसे कम महिला स्मार्टफोन यूजर है। इससे सबक लेते हुए राजस्थान सरकार ने अपने राज्य की महिला व छात्राओं को निःशुल्क स्मार्ट फोन देने की योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना की घोषणा करते हुए स्मार्टफोन देने की घोषणा की।

आप को बता दें कि, गहलोत ने गत शुक्रवार को वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के प्रत्युत्तर के दौरान प्रदेश की महिलाओं को मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के तहत मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़े परिवारों की मुखिया महिला सहित कक्षा 10वीं, 12वीं में अध्ययनरत छात्राओं, सरकारी उच्च शिक्षण संस्थाओं (महाविद्यालय, आईटीआई और पॉलिटेक्निक) में अध्ययनरत छात्राओं, विधवा व एकल नारी पेंशन प्राप्त कर रही महिलाओं को योजनांतर्गत स्मार्ट फोन दिए जाने के आदेश जारी किए। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में रक्षाबंधन पर्व से 40 लाख महिलाओं को योजना का लाभ दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि प्रदेश के विकसित आईटी तंत्र को सम्बल प्रदान करने की दृष्टि से गत बजट में चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखिया को स्मार्ट फोन मय इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि इस योजना की घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्मार्ट फोन ऑटोमोबाइल्स में उपयोग किये जाने वाले चिपसेट की कमी हो गई थी। इससे स्मार्ट फोन की उपलब्धता में कमी के साथ ही दामों में भी वृद्धि हुई है। इसके बावजूद चरणबध्द तरीके से इस घोषणा को पूरा करेंगे।

शिक्षा विकास में बड़ा कदम

वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा का प्रत्युत्तर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपने जादुई पिटारे से विभिन्न योजनाएं निकाली। प्रारम्भिक शिक्षा से उच्च शिक्षा को सम्बल प्रदान करने वाली घोषणाएं कीं। विधानसभा में घोषणा करते हुए कहा कि आगामी वर्ष में 75 करोड़ रुपए की लागत से कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए ब्रिज कोर्स संचालित किए जाएंगे। इससे कोरोना काल के दौरान हुए शैक्षणिक नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। ब्रिज कोर्स से प्रदेश के 70 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे।

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साथ ही स्कूली शिक्षा की सुविधा सुलभ कराने की दृष्टि से 500 प्राथमिक विद्यालयों का उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तथा 500 उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उच्च माध्यमिक विद्यालयों का क्रियान्वयन करने की घोषणा की। इसी तरह 400 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान, वाणिज्य एवं कृषि संकाय विषय प्रारंभ किए जाएंगे।

मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलेगी यूनिफॉर्म

शिक्षा विभाग की तर्ज पर मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को भी 2 सेट निःशुल्क यूनीफॉर्म उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके अलावा राजस्थान में 6843 शिक्षा अनुदेशक (मदरसा पैराटीचर्स) भर्ती किए जाएंगे। संविदा सेवा नियम 2022 के तहत सरकार की यह पहली भर्ती होगी।

जेएलएन मार्ग पर बनेगा एजुकेशन हब

राजधानी जयपुर जेएलएन मार्ग पर एजुकेशन हब बनाने की पुरानी बजट घोषणा को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने विभिन्न कार्यों के लिए 50 करोड़ की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कड़ी में राजस्थान विश्व विद्यालय, कॉमर्स कॉलेज के अपग्रेडेशन के लिए 50 करोड़ रुपए के कार्य कराए जाएंगे। इसके अलावा नए राजकीय विद्यालय एवं राजकीय महाविद्यालय खोलने की घोषणा भी की।

स्वास्थ्य के लिए भी किए प्रावधान

राजस्थान में जीवनदायनी साबित हो रही मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का विस्तार करते हुए कॉकलियर इम्पलांट के रिप्लेसमेंट एवं टाइप 1 डाईबिटीज मिलिट्स से प्रभावित रोगियों के लिए इन्सुलिन पम्प के पैकेज को आवश्यकतानुसार शामिल किए जाने की घोषणा की।

इसी तरह प्रदेश के राजकीय चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान (दवा) योजना के तहत विभिन्न दवाओं की उपलब्धता को समयबध्द तरीके से सुनिश्चित करने की दशा में एक और कदम उठाते हुए दवा बनाने वाली आरडीपीएल कम्पनी को राजकीय कम्पनी को पुनर्जीवित किये जाने की घोषणा भी की गई। साथ ही प्रदेश के राजकीय उपस्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का क्रियान्वयन कर सुविधाएं बढ़ाने की घोषणा भी हुई।

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3 नए सम्भाग व 19 जिलों की घोषणा

19 जिलों की घोषणा के साथ ही अब राजस्थान प्रदेश जिलों की हाफ सेंचुरी पर पहुंच गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में 19 नए जिले तथा 3 नवीन संभाग बनाने की घोषणा की। एक साथ 19 नए जिलों की घोषणा से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली इस सरकार का यह अंतिम बजट है।

वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल, नीम का थाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचौर व शाहपुरा (भीलवाड़ा) को जिला बनाने की घोषणा कर सभी को चोंका दिया। साथ ही उन्होंने बांसवाड़ा, पाली एवं सीकर को संभाग बनाने की घोषणा कर दी।

सड़क, पुल व आरओबी निर्माण के लिए 2600 करोड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 2600 करोड़ रुपए की लागत से सड़क, पुल व आरओबी आदि के निर्माण एवं उन्नयन कार्य करवाए जाएंगे। साथ ही प्रदेश के आदिवासी एवं मरुस्थलीय क्षेत्रों में 250 से अधिक आबादी वाले राजस्व गांवों को डामर सड़कों से चरण बद्ध रूप से जोड़ा जाएगा।

इसी तरह केन्द्र की सौभाग्य योजना समाप्त होने पर घरेलू विद्युत कनेक्शन से वंचित रहने वाले 2 लाख परिवारों को 1000 करोड़ रुपए की लागत से घरेलू कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे। जल जीवन मिशन के तहत उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ एवं राजसमन्द जिलों के 8 कस्बों तथा 1473 गांवों के 3 लाख परिवारों को 4674 करोड़ रुपए की लागत से हर घर जल कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे।

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