राजस्थान: आदिवासी बेटियों की 'उड़ान' पर अनदेखी का अंकुश!

कालाबाजारियों की करतूत, बांसवाड़ा में पुलिस ने छापों में पौने पांच लाख नैपकिन जब्त किए, प्रतापगढ़ में भी बच्चों व महिलाओं के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के पोषाहार, दूध और अन्य सामग्री की नकली पैकिंग कर अन्यत्र बेचने पर 8 गिरफ्तार.
राजस्थान: आदिवासी बेटियों की 'उड़ान' पर अनदेखी का अंकुश!

राजस्थान। महिलाओं के शैक्षिक दर को बढ़ाने के लिए राजस्थान जैसे प्रांत में सरकार और प्रशासन को खासे जतन करने पड़ते हैं। किशोर वय की लड़कियों का स्कूल में ठहराव सुनिश्चित करने एव इनके ड्राप आउट रेट को कम करने की दिशा में सार्थक प्रयास करते हुए सरकारी स्कूलों में प्रतिमाह बालिकाओं को निशुल्क सैनिटरी पैड देने की योजना 'उड़ान' शुरू की गई थी।

ग्रामीण आदिवासी व अन्य जाति की किशोरियों के पास सैनिटरी टॉवल जैसी उचित मासिक धर्म सामग्री नहीं होने के नकारात्मक स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं और लड़कियों को यह चिंता भी हो सकती है कि स्कूल में रक्तस्राव होने पर उन्हें परेशान किया जाएगा या छेड़ा जाएगा, जिससे वे इस अवधि के दौरान स्कूल छोड़ने या क्लासेज में नही आने को मजबूर हो जाती हैं। इसी तरह बालिकाओं में एनीमिया यानी रक्त की कमी भी एक गंभीर समस्या होती है। स्कूलों में पोषाहार के माध्यम से स्टूडेंट्स को संतुलित आहार देने का प्रयास किया जाता है।

लेकिन नैतिकता के गिरते स्तर और मनुष्य में बढ़ते लोभ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कालाबाजारी के जरिये अवैध कमाई करने वाले लोगों को ना तो निर्धन बालिकाओं के स्वास्थ्य से कोई वास्ता है ना ही इनको होने वाली पीड़ा का तनिक भी अहसास। तभी तो अब गरीब छात्राओं के मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे अत्यंत आवश्यक सेनिटरी नैपकिन्स/टॉवेल्स की भी चोरी और कालाबाजारी होने लगी है।

बांसवाड़ा में सरकारी सेनेटरी पैड बेचने के मामले में 7 आरोपी गिरफ्तार, 4 लाख 84 हजार 448 कार्टन पैड जब्त

सरकार की उड़ान योजना के तहत राजकीय स्कूलों में अध्ययनरत बालिकाओं और आगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और किशोरियों को सैनेटरी नैपकिन नि:शुल्क वितरण किए जाते हैं। सीमावर्ती आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा जिले में सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर डाका डालते हुए कालाबाजारियों द्वारा यहां महिलाओं और किशोरियों के लिए आये लाखों सैनेटरी नैपकिन को गुजरात ले जाकर बेचने का खुलासा हुआ है।

बांसवाड़ा पुलिस अधीक्षक अभिजीत सिंह ने बताया कि जिले के सज्जनगढ़ एवं अरथूना क्षेत्रों में आवंटित सैनेटरी नैपकिनो की पेकिंग बदल कर अन्यत्र बेचे जाने की सूचना मिली थी।

मुखबिर की सूचना पर सज्जनगढ़ क्षेत्र के टांडा मंगला निवासी अभयसिंह पुत्र पूंजाजी लबाना के मकान में छापा मारकर 135 कर्टन में 1 लाख 16 हजार सैनेटरी नैपकिन जब्त किए गए। इसी तरह जयेश पुत्र अभयसिंह लबाना के साथ रोहयया रामसिंह गांव के कमलेश पुत्र अभयसिंह लबाना को भी हिरासत में लिया गया है।

एसपी ने कहा कि सैनेटरी नैपकिन की चोरी और कालाबाजारी के तार पड़ोसी जिले प्रतापगढ़ से जुड़े होने से पुलिस ने बांसवाड़ा के दोनों थाना क्षेत्रों के तीन लोगों के अलावा प्रतापगढ़ के रठांजना इलाके के चार लोगों को हिरासत में लिया है।

प्रतापगढ़ में रह रहे प्रदीप पुत्र बीजू लबाना के अरथूना थानांतर्गत टोरी गांव के मकान पर भी छापामारी में 246 कर्टन सैनेटरी नैपकिन मिले। इनमें प्रत्येक कर्टन में 144 पैकेट और प्रत्येक पैकेट से कुल 2 लाख 12 हजार 544 नैपकिन जब्त किए गए। इसके अलावा, 116 पॉलिथीन के कट्टे मिले, जिनमें प्रत्येक में 32 पैकेट थे। इनके हर पैकेट में 42 सैनेटरी नैपकिन मिले। पुलिस ने मौके पर यहां से 1 लाख 55 हजार 904 नैपकिन खोलने के बाद भरे मिले।

बेटियों के हक पर डाका

पुलिस के अनुसार उड़ान योजना के तहत राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (आरएमएससी) द्वारा आगनबाड़ी केन्द्रों एवं सरकारी स्कूलों में बालिकाओं महिलाओं में सैनेटरी नैपकिन का वितरण किया जाता है। इसके लिए गुजरात के सूरत की कंपनी सुशिलयान को बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ में आवश्यकता अनुसार सैनेटरी नैपकिन बनाकर वितरण करने का ठेका दिया गया था। कंपनी ने स्थानीय स्तर पर वितरण के लिए कॉन्ट्रैक्ट सब डीलर जुटाए, लेकिन, उनकी नियुक्ति संबंधित कोई दस्तावेज तैयार नहीं किए। ये सब डीलर कम्पनी से प्राप्त सैनेटरी नैपकिन के पैकेट बांटने के बजाय कर्टन खोलकर अन्य नैपकिन के पैकेट तैयार कर बाजार में बेचने में जुट गए थे।

गुजरात बेचने ले जा रहे थे नैपकिन से भरे कर्टन

पुलिस ने बताया कि ट्रांसपोर्ट की जिम्मेदारी लेने वाली कम्पनी को प्रति कर्टन 150 रुपए मिलते हैं। स्कूलों व अन्य स्थान पर निर्धारित संख्या में नैपकिन पहुंचाए जाते हैं। वहां अनुपस्थित रहने वाली छात्राओं व महिलाओं को भी कागजों में नैपकिन वितरण बता दिया जाता है। इसके बाद इन बचे हुए नैपकिन को सरकारी खाते में जमा कराने के बजाय उसकी कालाबाजारी की जा रही थी। सरकारी योजना का रैपर हटाने के बाद सैनेटरी नैपकिन की पैकिंग बदली जा रही थी। गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकारा है कि इन नैपकिन की पेकिंग बदल कर बेचने के लिए गुजरात भेज रहे थे।

प्रतापगढ़ से भी सैनेटरी नैपकिन, दूध पाउडर, दलिया, उपमा व मुरमुरे जब्त

प्रतापगढ़ जिले में भी बच्चों व महिलाओं के लिए चलाई जा रही सरकार की योजनाओं में मिल रहे पोषाहार, दूध और अन्य सामग्री की नकली पैकिंग कर अन्य राज्यों में बेचने के मामले में पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह से बड़ी मात्रा में सामग्री भी बरामद की गई है।

जिला पुलिस अधीक्षक अमितकुमार ने बताया कि पुलिस ने 13 टीम का गठन कर प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा जिले में एक साथ छापेमारी की है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने पांच प्रकरण दर्ज कर गिरोह के 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें अर्पित लबाना, विक्रम लबाना निवासी टांड़ा थाना धमोतर, सुनील लबाना, अजय लबाना, पिन्टू लबाना, रोहित लबाना निवासी अखेपुर, राहुल लबाना और मदन लबाना दोनों निवासी करमदीखेड़ा थाना धमोत्तर को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 11 क्विंटल दूध पाउडर, सवा लाख सैनेटरी नैपकिन, बड़ी मात्रा में दलिया, उपमा, मुरमुरे और परिवहन में काम ली गई दो पिकअप, एक कार एवं एक बाइक को जब्त किया गया। अखेपुर गांव में पुलिस की सूचना मिलते ही आरोपियों ने सरकारी सामग्री को खाई में डालकर पहुंचकर करीब 80 हजार सैनेटरी। नैपकिन जब्त किए हैं।

इस टीम ने की कार्रवाई

बांसवाड़ा एसपी अभिजीत सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग एसपी कान सिंह भाटी कर रहे थे. जबकि सूर्य सिंह डीवाईएसपी बांसवाड़ा, संदीप सिंह प्रोबेशन डीवाईएसपी के साथ ही अरथुना थाना अधिकारी प्रवीण सिंह, सल्लोपाट थाना अधिकारी नागेंद्र सिंह, भूंगड़ा थाना अधिकारी दीपक कुमार, सज्जनगढ़ थाना अधिकारी धनपत सिंह और रास्ता लाभ थाने के उपनिरीक्षक गणपत और कोतवाली से एक कांस्टेबल श्याम सिंह की अहम भूमिका रही है.

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