'दलित हिस्ट्री, जेंडर फोर्मेशन' विषय पर मीना कोटवाल रखेंगी अपनी बात, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया ने किया आमंत्रित

दलित, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और हाशिए पर समाज के मुद्दों पर काम करने वाले ऑनलाइन मीडिया प्लेटफोर्म द मूकनायक की फाउंडर मीना कोटवाल को यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सांता क्रूज ने अपने अनुभवों, मुद्दों और चुनौतियों पर बात रखने के लिए आमंत्रित किया है.
'दलित हिस्ट्री, जेंडर फोर्मेशन' पर द मूकनायक की फाउंडर मीना कोटवाल रखेंगी अपनी बात
'दलित हिस्ट्री, जेंडर फोर्मेशन' पर द मूकनायक की फाउंडर मीना कोटवाल रखेंगी अपनी बात

नई दिल्ली: द मूकनायक की फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ मीना कोटवाल को यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सांता क्रूज द्वारा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैम्पस में आयोजित 'दलित हिस्ट्री, जेंडर फोर्मेशन' विषय पर अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया गया है.

मीना कोटवाल ने इस सूचना की पुष्टि करते हुए अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा कि, "आज महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती है, आज आप सबसे यह शेयर करते हुए बेहद खुशी हो रही रही है कि यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सांता क्रूज ने मुझे अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया है...... बाबा साहेब आंबेडकर, फुले, फातिमा, पेरियार, सावित्री माई जैसे तमाम महान नायक/नायिकाओं के वजह से ही एक दलित मजदूर की बेटी देश-दुनिया में अपनी बात रख पा रही है, डॉ. आंबेडकर की लेगेसी द मूकनायक के जरिए वंचित/शोषितों की आवाज उठा पा रही है."

मीना द्वारा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए यह भी बताया गया कि, "यहां प्रोफेसर अंजली आरोंदकर के साथ स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैंपस में चर्चा होगी. 29 अप्रैल से 6 मई के बीच यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के कई सारे एक्टिविटीज/चर्चा में शामिल रहूंगी. इस दौरान यूनिवर्सिटी में क्लास लेने का भी मौका मिलेगा."

आपको बता दें कि 'दलित हिस्ट्री और जेंडर फोर्मेशन' के विषय पर होनी वाली चर्चा 1 मई, बुधवार से ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के जरिए देखा व सुना जा सकता है. इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यहां यूनिवर्सिटी के ऑफिसियल वेबसाइट पर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

दलित हिस्ट्री और जेंडर फोर्मेशन के मुद्दे पर बातचीत के कार्यक्रम को सेंटर फॉर साउथ एशिया द्वारा प्रायोजित किया गया है जो दक्षिण एशिया के अध्ययन के लिए स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय का एक केंद्रीय मंच है।

साउथ एशिया सेंटर (सीएसए) दक्षिण एशिया के क्षेत्र पर अनुसंधान की सुविधा प्रदान करता है जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। यहां संकाय और स्नातक छात्र दक्षिण एशिया के अध्ययन को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न विषयों में अनुसंधान करते हैं।

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