एमपी: बेटे की चाह में मार रहे बेटियां, ग्वालियर-चंबल अंचल में लिंगानुपात की स्थिति गड़बड़ाई!

प्रदेश में सबसे ज्यादा भ्रूण हत्या के मामले ग्वालियर-चंबल अंचल में ही सामने आते हैं। इसी कारण जनगणना और सर्वे रिपोर्ट में ग्वालियर, दतिया, भिंड व मुरैना में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या बहुत कम है।
सांकेतिक फोटो।
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भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक दादी ने अपनी ही 4 दिन की पोती का गलाघोंट दिया। ग्वालियर-चंबल संभाग का यह पहला मामला नहीं है, जहां बेटे की चाह में बेटियों कोख में या जन्म लेते ही मार दिया जाता है। प्रदेश में लिंगानुपात की सबसे खराब स्थिति इसी अंचल में ही है। ग्वालियर, भिंड, मुरैना और दतिया में सबसे खराब हालात हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा भ्रूण हत्या के मामले ग्वालियर-चंबल में ही सामने आते हैं। इसी कारण जनगणना और सर्वे रिपोर्ट में ग्वालियर-चंबल के ग्वालियर, दतिया, भिंड व मुरैना में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या बहुत कम है।

जिस माँ की 4 दिन की बेटी की हत्या कर दी गई, वह फूट-फूट कर रो रही है, कह रही है की जो उसके साथ हुआ, वैसा किसी ओर के साथ न हो ग्वालियर के एक दैनिक समाचार पत्र से बातचीत करते हुए 24 वर्षीय काजल चौहान ने कहा- "मैं मूल रूप से भिंड के मेहगांव की रहने वाली हूं। 10 मई 2023 को ग्वालियर में घासमंडी के गोलपाड़ा में रहने वाले अशोक चौहान से मेरी शादी हुई। वह पेशे से मेडिकल रिप्रजेंटेटिव है। कमलाराजा अस्पताल में 23 मार्च की शाम डिलीवरी हुई। सीजेरियन से मैंने एक बच्ची को जन्म दिया। उसका बायां हाथ कोहनी के नीचे से नहीं था। सास प्रेमलता चौहान को बेटे की आस थी, इसलिए गुस्से में बच्ची को गोद में भी नहीं लिया। अस्पताल में मेरी मां हम दोनों का ध्यान रख रही थी। इसी दौरान मेहगांव में ही मेरे चाचा का निधन हो गया। इस कारण मां को गांव जाना पड़ा। ग्वालियर में रहने वाली मेरी बुआ ऊषा सिकरवार आ गई थी।"

"26 मार्च की रात बुआ से सास ने बच्ची को कंबल में लपेटकर ले लिया था। अस्पताल में एक ही अटेंडेंट रह सकता है, इसलिए बुआ चली गई थी। आधी रात को मैंने दूध पिलाने के लिए सास से बच्ची को मांगा, तब उन्होंने कहा कि वह सो रही है। 27 मार्च की सुबह मेरी मौसी और मामा अस्पताल आए, तब मैंने कहा कि सास ने उसे रात से बच्ची नहीं दी है। इस पर उन्होंने बच्ची को मांगा, लेकिन उन्हें भी मना कर दिया। उन्होंने जबरन बच्ची को सास के पास से ले लिया। देखा, तो बच्ची में हलचल नहीं थी। मामा और मौसी बच्ची को डॉक्टर के पास ले गए, तो मृत घोषित कर दिया। इसी दौरान, सास अस्पताल से भाग गई। बेटी को दुनिया को देखने से पहले ही मार डाला। जो मेरे साथ हुआ है, वह किसी भी मां के साथ न हो।" 

चिराग की आस ने ले ली मासूम की जान

काजल ने बताया के बताया कि उसकी सास शादी के बाद से ही बेटे को जन्म देने के लिए कहती थी, काजल ने कहा, "जब मैं गर्भवती हुई, तो हर दिन सास बेटे को जन्म देने के लिए कहती थी। मैं इकलौती बहू हूं। वंश आगे बढ़ाने के लिए हर हाल में उन्हें बेटा चाहिए था। बेटी होने के बाद सास ने उलाहना भी दी, लेकिन अस्पताल में मेरी मां भी थी, इसलिए वह ज्यादा गुस्सा नहीं निकाल पाई।" काजल ने बताया कि बच्ची के जन्म के बाद से पति अशोक चौहान और सास इतने खफा थे कि 3 दिन तक बच्ची को छुआ तक नहीं था। 

आरोपी प्रेमलता.
आरोपी प्रेमलता.

परिवार के लोग 23 दिन तक बेटी की हत्या को छिपाए रहे। ढोंग ऐसा किया कि चैत्र नवरात्रि की नवमी के दिन कन्याओं को भोज कराकर स्कूल बैग गिफ्ट में दिए। बच्ची की मौत 27 मार्च को हो गई थी। काजल की पहल पर बच्ची के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। अस्पताल से छुट्टी होने पर ससुराल वाले काजल को लेने नहीं पहुंचे। काजल ने पति, सास-ससुर से संपर्क भी किया। उन्होंने कह दिया कि तुमने बच्ची का पोस्टमॉर्टम कराकर अच्छा नहीं किया। अब हमसे नाता नहीं है। ससुराल पक्ष ने अस्पताल में मौजूद काजल के मायके पक्ष के लोगों से कह दिया कि हम अब कोर्ट में मिलेंगे।

काजल को शक था कि उसकी बेटी की हत्या की गई है, काजल ने इस मामले की शिकायत कंपू थाने में की थी। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया। गुरुवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई। इसमें बच्ची की मौत गला दबाने से होने की पुष्टि हो गई। शक के आधार पर पुलिस ने बच्ची की दादी प्रेमलता चौहान से पूछताछ की। शुरुआती टालमटोल करने के बाद प्रेमलता ने जुर्म कबूल कर लिया। प्रेमलता ने पुलिस को कहा- "बेटी की गलाघोंट कर हत्या की है।"

सीएसपी अशोक सिंह जादौन ने कहा कि बच्ची की दादी ने ही उसकी हत्या की थी। पूछताछ के बाद प्रेमलता को कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। 

लिंगानुपात की स्थिति

प्रदेश के ग्वालियर-चंबल में लिंगानुपात सबसे कम है, इससे पहले यहां दर्जनों घटनाएं सामने आईं हैं, जहां परिवार के लोगों ने बेटी को जन्म के बाद मार दिया है। यहां गला घोंटकर या बच्चों के मुंह में तंबाकू रख कर मार दिया जाता है। ग्वालियर-चंबल में लिंगानुपात की स्थिति पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब है। यहां 1000 पुरुष पर महिलाओं की संख्या कम है। सर्वे के मुताबिक भिंड 837, मुरैना 840, ग्वालियर 864, दतिया 873 और शिवपुरी 877 महिलाएं एक हजार पुरुषों पर हैं।  

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