कलाक्षेत्र फाउंडेशन: सहायक प्रोफेसर के विरुद्ध यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज, आंदोलन समाप्त

कलाक्षेत्र फाउंडेशन: सहायक प्रोफेसर के विरुद्ध यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज, आंदोलन समाप्त

चेन्नई पुलिस ने शास्त्रीय कला की प्रतिष्ठित संस्थान कलाक्षेत्र फाउंडेशन के सहायक प्रोफेसर हरिपद्मन के विरूद्ध एक पूर्व छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है। लगभग 200 छात्र-छात्राएं इस सहायक प्रोफेसर और तीन अन्य कलाकारों द्वारा कुछ छात्राओं के साथ किये गए यौन उत्पीड़न, बॉडी शेमिंग और मौखिक दुर्व्यवहार को लेकर विरोध कर रहीं थीं। शनिवार को पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद छात्राओं ने अस्थायी रूप से आंदोलन समाप्त कर दिया। छात्राओं का कहना है कि यदि अन्य आरोपियों के भी विरूद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो दुबारा प्रदर्शन किया जाएगा। 

गौरतलब है कि चेन्नई की इस शीर्ष कला और सांस्कृतिक अकादमी में कथित यौन उत्पीड़न की शिकायतों को लेकर बीते कुछ समय से मैनेजमेंट और छात्राओं के बीच काफी तनाव व्याप्त था और कक्षाएं प्रभावित थीं।  

यौन उत्पीड़न की शिकार हुई छात्राओं के लिए न्याय की मांग करते हुए लगभग 200 छात्राओं ने गत गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया था। चार पुरुष फैकल्टी मेंबरों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर छात्राओं के विरोध के बाद कलाक्षेत्र शैक्षणिक संस्थान को बंद कर दिया गया था।

वहीं इस मामले में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने विधानसभा में मामला उठने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया था। जानकारी के मुताबिक यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सहायक प्रोफेसर पर आईपीसी की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। कुछ छात्राओं ने तीन अन्य शिक्षकों पर भी दुराचरण के आरोप लगाए हैं लेकिन संबधित फेकल्टी मेम्बर्स पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 

तमिलनाडु राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ए एस कुमारी ने कहा कि उन्होंने पहले भी इस मामले पर छात्राओं से पूछताछ की थी।

करीब 90 छात्राओं ने शुक्रवार को राज्य महिला आयोग के प्रमुख को शिकायत दी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया। इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने आरोपों को निराधार बताया था। 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले संस्थान कलाक्षेत्र फाउंडेशन में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप पर राज्य विधानसभा को उचित कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया।

यौन उत्पीड़न का मुद्दा उठाने वाले विधायकों को जवाब देते हुए स्टालिन ने कहा कि जब यह मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों को संस्थान में जांच के लिए भेजा. जिन्होंने वहां पूछताछ की। वरिष्ठ राजस्व और पुलिस अधिकारियों का एक पैनल छात्राओं और प्रबंधन के साथ बातचीत कर रहा है।

सालों से यौन शोषण का सामना कर रहीं छात्राएं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्राओं का आरोप है कि उन्होंने कलाक्षेत्र में सालों तक यौन उत्पीड़न, बॉडी शेमिंग, मौखिक दुर्व्यवहार और अपनी त्वचा के रंग के आधार पर भेदभाव का सामना किया है। इसके अलावा छात्राओं ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन ने उनकी शिकायतों के प्रति कोई एक्शन नहीं लिया। प्रशासन ने उनकी शिकायतों को अनदेखा किया है।

महिला आयोग ने आरोपों को कर दिया था खारिज

पीड़िता ने चेन्नई पुलिस कमिश्नर शंकर जीवल से मिलकर असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत की और बताया कि वे उसे अश्लील टेक्स्ट मेसेज भेजते हैं। महिला शिकायत को अदयार- महिला पुलिस थाने भेजा गया जहां हरि पदमन के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई।

प्रदर्शनकारी छात्राओं ने फैकल्टी और तीन आर्टिस्ट पर यौन शोषण का आरोप लगाया। छात्रों ने बॉडी शेमिंग और मौखिक दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए भारी प्रदर्शन किया था। राष्ट्रीय महिला आयोग ने पहले इन आरोपों से इनकार करते हुए इसे दुष्प्रचार अभियान करार दिया था। साथ ही आरोपों को खारिज कर दिया था।

सन 1936 में हुई थी कलाक्षेत्र फाउंडेशन की स्थापना

नृत्यांगना रुक्मिणी देवी अरुंडेल ने 1936 में कलाक्षेत्र फाउंडेशन की स्थापना की थी. इस राष्ट्रीय महत्व के संस्थान में  भरतनाट्यम नृत्य, कर्नाटक संगीत और अन्य पारंपरिक कलाओं की शिक्षा दी जाती है. यह उत्कृष्टता और अनुशासन के अपने उच्च मानकों के लिए जाना जाता है. इस संस्थान ने कई दशकों में कई प्रतिष्ठित कलाकार दिए हैं.

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