दिल्ली नगर निगम चुनाव में महिलाएं चुनावी मैदान में बढ़ चढ़कर ले रही हैं हिस्सा, हर पार्टी में टिकट लेने की होड़

दिल्ली नगर निगम चुनाव में महिलाएं चुनावी मैदान में बढ़ चढ़कर ले रही हैं हिस्सा, हर पार्टी में टिकट लेने की होड़
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दिल्ली में नगर निगम चुनाव की घोषणा हो गई है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच दिल्ली में भी 4 दिसंबर को नगर निगम चुनाव होंगे और रिजल्ट 7 दिसंबर को घोषित होगा। इस चुनाव के लिए सात नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 14 नवंबर नामंकन का आखिरी दिन है और 19 नवंबर तक प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।

महिलाओं में टिकट लेने की होड़

इस ऐलान के बाद से ही दिल्ली में हर पार्टी में महिलाओं की टिकट लेने की होड़ लगी हुई है। दैनिक भास्कर में छपी खबर के अनुसार सभी राजनीतिक पार्टियों के कार्यलयों में महिलाएं टिकट के लिए अपना बायोडेटा दे रही हैं। खबर के अनुसार यह स्थिति सिर्फ महिला आरक्षित सीटों पर ही नहीं हो रही ब्लकि सामान्य सीटों पर ही महिलाओं में टिकट लेने की होड़ लगी है। दिसंबर में होने वाले चुनाव में 104 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। जिसमें से 21 सीटें एससी महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। बाकी की सभी 83 सीटें पर किसी भी वर्ग की महिला चुनाव लड़ सकती हैं।

दिसंबर में होने वाले इस चुनाव में परिसीमन के बाद 250 वार्डो में मत डाला जाएगा। जिससे एक मेयर का चयन होगा। इसके लिए राज्य चुनाव आयोग द्वारा आरक्षित सीटों की भी घोषणा कर दी है। सभी 250 वार्डों में से 104 वार्ड सामान्य, 104 महिला और 42 वार्ड एससी वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं।

परिसीमन के बाद घटी सीटें

दिल्ली नगर निगम के चुनाव इसी साल यूपी विधानसभा के बाद ही होने वाले थे। लेकिन मार्च के महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दिल्ली की तीनों निगमों को एक करने की जानकारी दी। जिसके बाद 30 मार्च को दिल्ली नगर निगम को एक करने वाला विधेयक लोकसभा में पारित कर दिया गया और पांच अप्रैल को राज्यसभा से। अप्रैल के ही महीने में 18 तारीखों में संसद द्वारा पारित विधेयक को मंजूरी दे दी गई। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हुई।

आठ जुलाई को निगम के वार्डों के परिसीमन के लिए केंद्रीय गृहमंत्रालय ने तीन सदस्यीय समिति की घोषणा की। सितंबर के महीने में समिति में परिसीमन का ड्राफ्ट सार्वजनिक किया और अक्टूबर में निगम ने परिसीमन से संबंधित प्रक्रिया किया गया। जिसके बाद दिल्ली तीन नगर निगमों की वार्ड संख्या को घटाकर 272 से 250 कर दिया हैं। जिसके तहत अब दिल्ली में एक ही मेयर होगा। साल 2017 में हुए चुनाव से दिल्ली में तीन मेयर बने थे।

आपको बता दें कि दिल्ली के नगर निगम पर लगभग 15 सालों से भाजपा का कब्जा रहा है। इस बार भी भाजपा अपनी सरकार बनने के लिए मैदान में उतरेगी। इस बार आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में नजर आ रही है। जिसके लिए जगह-जगह पर पोस्टर लगे। इस बार राज्य में आप की सरकार। वहीं साल 2017 की ही तरह कांग्रेस इस चुनाव में कितना कमाल कर पाती है। यह देखना होगा क्योंकि पिछली बार भी कांग्रेस नगर निगम के चुनाव में तीसरी नंबर की पार्टी बनी थी।

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