महाराष्ट्रः छेड़छाड़ की शिकायत की तो शोध छात्रा के खिलाफ ही कार्रवाई!

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय का मामला, प्रॉक्टर ने पीडि़ता को ही थमाया नोटिस, दोषी छात्र को बचाने का आरोप
Photo : Shiksha.com
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महाराष्ट्र। वर्धा जिला स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की एक शोध छात्रा ने अपने साथ हुई छेड़छाड़ की शिकायत जब विश्वविद्यालय प्रशासन से की तो आरोपी छात्र के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए प्रशासन ने उलटे छात्रा को झूठी शिकायत करने का नोटिस थमा दिया।

छात्रा का आरोप है उसका मानसिक शोषण किया जा रहा है। इस मामले में योगा शिक्षक का कहना है कि छात्रा को गलतफहमी हुई है, जबकि प्रॉक्टर का कहना है कि सीसीटीवी में ऐसी कोई घटना नहीं दिखाई पड़ी है। जांच समिति की रिपोर्ट को लेकर प्रॉक्टर ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।

जनिए क्या है पूरा मामला

विश्वविद्यालय स्त्री विभाग में एक छात्रा पीएचडी कर रही है। छात्रा ने बताया-"मैं स्त्री अध्ययन विभाग सत्र 2021-22 की शोधार्थी हूँ। गत दिनों रोजाना की तरह योगा क्लास के लिए गई हुई थी। सुबह लगभग 7ः40 पर परिसर स्थित मैदान में व्यायाम कर रही थी। इस दौरान बाइक सवार तीन लड़के आये। इसमें बीएड के एक छात्र ने मुझे घूरते हुए फ्लाइंग किस दिया। उसने अश्लील इशारे किए। इस घटना के बाद से मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। मुझे हर पल डर महसूस होता है।"

शोध छात्रा ने बताया-"मैंने कुलसचिव को विश्वविद्यालय परिसर में अपने साथ हुई छेड़खानी का शिकायत पत्र दिया था, जिसके बाद मुझे 19 अप्रैल 2023 की शाम 6 बजे कालेज की छुट्टी होने के बाद अनौपचारिक तरीके से बुलाया गया। प्रॉक्टर डॉ. सूर्य प्रकाश पांडे एवं डॉ. रेणु सिंह द्वारा आधा-अधूरा सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया।

छात्रा का आरोप है प्रॉक्टर सहित अन्य लोगों ने मिलकर मुझे डरा-धमका कर, जबरन शिकायत वापसी पत्र लिखवा लिया। इस घटना को लेकर कुलपति से मिली। मैंने उनको अपनी आपबीती बतायी। इस दौरान प्रॉक्टर भी मौके पर मौजूद थे। वीसी के चले जाने के बाद मुझे ही उल्टा नोटिस जारी कर दिया गया। कुलानुशासक के अनुसार मेरी शिकायत झूठी है, इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डरा रहे है। इसके साथ ही मुझसे घटना के साक्ष्य भी उपलब्ध कराने का दबाव बनाया गया, जबकि पूरी घटना सीसीटीवी में कैद है। छात्रा ने बताया मेरे साथ घटित घटना के उपरांत विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 21 अप्रैल 2023 को लैंगिक उत्पीड़न के विरुद्ध आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया है।"

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस मामले में योगा टीचर का कहना है-"मैं उस छात्र को जानती हूं। वह ऐसी हरकत नहीं कर सकता। हालांकि बाइक सवार अन्य छात्र सीनियर छात्र हैं, उनकी मुझे जानकारी नहीं है।"

इस मामले में प्रॉक्टर का कहना है-"छात्रा को सीसीटीवी फुटेज दिखाई गई थी। इनमें आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। छात्रा द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार हैं।"

इस मामले में कुलपति ने कहा है-"छात्रा की मांग पर प्रकरण लैंगिक उत्पीड़न निवारक समिति को संदर्भित कर दिया गया है। अतः प्रशासनिक स्तर पर इस विषय में कोई प्रतिक्रिया देना न्याय के हित में नहीं होगा। समिति की व्यवस्थाएं कार्यवाही को गोपनीय रखने की है अतः मैं चाह कर भी निर्धारित समय सीमा तक समिति से स्थिति के बारे में परीक्षा भी नहीं कर सकता।"

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