मध्य प्रदेश: सरकार की पेंशन योजनाएं खस्ताहाल, लाभार्थियों के खाते में नहीं पहुँच रही राशि! ग्राउंड रिपोर्ट

राज्य सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं जैसे वृद्धा पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना और दिव्यांग पेंशन योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली राशि रोक दी गई है।
सरकारी योजनाओं का सच बताती महिला
सरकारी योजनाओं का सच बताती महिला

भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी साल में शिवराज सरकार ने लाडली बहना योजना को लॉन्च किया है। इस योजना के प्रचार-प्रसार में बीजेपी पूरी ताकत झोंक रही है। एक तरफ इस योजना के शुरू होने के बाद प्रदेश सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। वहीं दूसरी तरफ सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं की हालत खराब है, खासकर कर वृद्धा पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना और दिव्यांग पेंशन योजना जमीनी स्तर पर खस्ताहाल है। कई लाभार्थियों के बैंक खातों में पेंशन की राशि नहीं पहुँच रही। द मूकनायक ने सरकार की पेंशन योजनाओं की ग्राउंड जीरो से पड़ताल की है। पेश है खास रिपोर्ट।

लाडली बहना योजना के अंतर्गत प्रदेश की लगभग सवा करोड़ महिलाओं को एक हजार रुपए की राशि उनके बैंक खातों में महीने की दस तारीख को भेज दी जाती है। चुनावी साल है इस कारण से बीजेपी सरकार इस योजना का प्रचार-प्रसार करने में भी पीछे नहीं है। सीएम शिवराज सिंह मंचों से अपने भाषणों में खासकर इसी योजना का जिक्र भी करते है। इस बार चुनाव में बीजेपी आदिवासियों के साथ महिलाओं पर भी फोकस कर रहीं है। लेकिन जब सरकार की अन्य पुरानी पेंशन योजना की पड़ताल की गई तो मामला गड़बड़ निकला।

माया देवी
माया देवी

द मूकनायक की टीम राजधानी भोपाल के अन्ना नगर स्थित झुग्गी बस्ती पहुँची। यहाँ पर वर्षों से रह रही माया देवी ने बताया कि करीब पांच महीनों से उनके खाते में विधवा पेंशन की राशि नहीं पहुँची है, पहले उन्हें इस योजना का लाभ मिल रहा था, छह महीने पहले तक उनके खाते में 600 रुपए की राशि प्रतिमाह आती थी, लेकिन अब यह राशि आना बंद हो गई है। माया देवी ने जब निगम के वार्ड कार्यालय में जानकारी की तो बताया गया इंतजार करिए। इधर अन्ना नगर की ही निवासी संगीता ने बताया कि उनका बेटा जो कि दिव्यांग है। उसे इस साल से दिव्यांगता की पेंशन नहीं मिली है। उनका कहना है कि कई बार वार्ड कार्यालय में प्रभारी से मिले पर निराकरण नहीं हुआ।

आवेदन के बाद भी महिला को नहीं मिला लाडली बहना योजना का लाभ

सवा करोड़ महिलाओं को लाडली बहना योजना से जोड़ने का दावा सरकार कर रहीं है, लेकिन कई महिलाओं के आवेदन करने के बाद भी उनके खाते में एक हजार की राशि नहीं पहुँची। सरकार हर महीने प्रदेश में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर इस योजना का प्रचार कर रही है। मगर जमीनी हकीकत इससे जुदा है। सुंदर बाई ने बताया कि लाडली बहना योजना के अंतर्गत आवेदन करने के बाद भी उनके खाते में राशि नहीं पहुँची। अब अधिकारी कहते है फिर से आवेदन कर दो।

पैसे का प्रबंध होने पर बढ़ाएंगे राशि- सीएम शिवराज

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 मार्च 2023 को योजना की लॉन्चिंग की थी। लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत महिलाओं के खातों में पैसा ट्रांसफर करने के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा एलान करते हुए कहा था कि जैसे-जैसे पैसों का प्रबंध होता जाएगा, वैसे-वैसे योजना की राशि बढ़ाई जाएगी और आने वाले समय यह राशि 3 हजार कर दी जाएगी।

लाडली बहना योजना पर इतना खर्च!

चुनावी साल में शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना के लिए सरकार ने वर्तमान में पांच साल के लिए 60 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान किया था। एक हजार हर महीना देने की लाडली बहना योजना के लिए पहले साल के 12 हजार करोड़ की राशि आवंटित की गई है। अगर सरकार लाडली बहना योजना में वर्तमान में दी जाने वाली राशि एक हजार से बढ़ाकर तीन हजार कर दी है तो एक अनुमान के मुताबिक 1 लाख 80 हजार करोड़ करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं योजना के लिए पात्रता की उम्र 23 साल से घटाकर 21 साल करने के सरकार के फैसले के बाद योजना पर खर्च करने वाली राशि में इजाफा होना तय है।

एमपी सरकार कर्ज के बोझ तले दबी

चुनावी साल में वोटरों को लुभाने के लिए सरकार जमकर मुफ्त की घोषणाएं कर रही है। रिजर्व बैंक की हाल में राज्यों को लेकर राज्यों की स्टेट फाइनेंसेज, स्टडी ऑफ बजट्स ऑफ 2022-23 प्रकाशित रिपोर्ट में राज्यों पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंता जताई गई है।

मध्य प्रदेश में वर्तमान में सरकार 3 लाख 85 हजार करोड़ के भारी भरकम कर्ज के बोझ तले दबी है। कर्ज इतना है कि सरकार हर साल केवल 24 हजार करोड़ का ब्याज भर रही है। वहीं चुनावी साल में लाड़ली बहना योजना सहित अन्य योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए सरकार को नए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 55 हजार करोड़ के कर्ज लेने की जरूरत पड़ेगी, जो कि जीएसडीपी का 28 प्रतिशत है।

सरकार का वित्तीय प्रबंधन फेल

द मूकनायक से बातचीत करते हुए कांग्रेस के नेता और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भानोत ने बताया कि पूरे मध्य प्रदेश में अन्य संचालित योजनाओं की हालात भी खराब है। हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पूर्व वित्त मंत्री भानोत ने बताया कि प्रदेश सरकार का वित्तीय प्रबंधन ठीक नहीं होने के कारण यह स्थितियां निर्मित हुईं है। सरकर लगातार कर्जे में डूब रही है। 18 सालों में सरकार ने प्रदेश का खजाना चौपट कर दिया है, खजाना खाली है।

प्रदेश के प्रति व्यक्ति पर 50 हजार का कर्ज

वर्तमान कर्ज को यदि जनसंख्या के हिसाब से विभाजित कर समझा जाए तो प्रदेश में प्रति व्यक्ति पर आज 50 हजार रुपए का कर्जा है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 3.14 लाख करोड़ का बजट पेश किया। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक मध्य प्रदेश गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति को इस बात से समझा जा सकता है कि पिछले वर्ष 2022-2023 में राज्य ने 2.79 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया था, जबकि सरकार पर 3.31 लाख करोड़ रुपए का बढ़ता कर्ज था। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि सरकार लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत 3 हजार रुपए देने के लिए इतनी भारी भरकम राशि का प्रबंध कहां से करेगी। यह भी बड़ा सवाल है।

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