'उड़नपरी' के स्कूल में भी लड़कियां सुरक्षित नहीं!

केरल के कोझिकोड जिले में पीटी उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स की छात्राएं परिसर में अवैध निर्माण, दहशतगर्दी और ड्रग माफिया के डर के साये में जीने को मजबूर हैं।
पीटी उषा
पीटी उषा

नई दिल्ली। खिलाड़ियों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्ट्रांग माना जाता है। राजनीति में दखल रखने वालों को आमतौर पर शक्तिशाली समझा जाता है वो भी खासकर तब जब बात किसी सांसद की हो। दिग्गज एथलीट और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष एवं सांसद पीटी उषा एक खिलाड़ी और सांसद दोनों ही दृष्टिकोण से दमदार शख्सियत हैं। ऐसे में उषा का पिछले दिनों मीडिया के मुखातिब होकर सिसक पड़ना ये सोचने को विवश कर देता है कि जब देश का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाने वाली एक खिलाड़ी भी कहीं ना कहीं स्वयं को मजबूर महसूस करती है तो आम जनता का क्या हाल होगा? पेश है द मूकनायक द्वारा इस घटना की एक विस्तृत रिपोर्ट-

अजनबी लोग घुस आते हैं अकादमी में

'उड़नपरी' पीटी उषा 4 फरवरी को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अचानक रो पड़ीं। वह केरल के कोझिकोड जिले में अपने अकादमी परिसर में अवैध निर्माण से परेशान हैं। मीडिया के सामने रोते हुए उन्होंने बताया कि यह बच्चियों की सुरक्षा का मामला है। कोई बिना इजाजत के कैसे छात्राओं के कैंपस में घुस सकता है? यह आरोप लगाते हुए रो पड़ीं कि उनके एकेडमी परिसर में अवैध निर्माण किया जा रहा है। उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स (Usha School of Athletics) के खिलाड़ी कुछ समय से इस तरह के उत्पीड़न और सुरक्षा संबंधी मुद्दों का सामना कर रहे हैं। उनके राज्यसभा सदस्य बनने के बाद से उन्हें काफी परेशान किया जा रहा है। उषा ने कहा कि कुछ गुंडों ने शुक्रवार की रात एकेडमी में घुसकर गुंडागर्दी की इससे लड़कियां काफी डरी हुई हैं। एकेडमी में 25 लड़कियां हैं।

“उड़न परी” ने केरल में वामपंथी सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से इस मामले में हस्तक्षेप करने, परिसर में कथित अतिक्रमण और अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने तथा वहां महिला एथलीट की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। पीटी ऊषा को जुलाई 2022 में भाजपा द्वारा राज्य सभा के लिए नामित किया गया था। 

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'कैंपस में बड़े स्तर पर कूड़ा डाला जा रहा'

उन्होंने कहा, "ऊषा स्कूल की 25 महिला एथलीटों में से 11 उत्तर भारत से थीं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक लिखित शिकायत दी है। कैंपस में बड़े स्तर पर कूड़ा डाला जा रहा है, जिसे ड्रग माफिया का भी खतरा है, लेकिन स्थानीय पंचायत अकादमी प्रबंधन को चारदीवारी बनाने नहीं दे रही है।''

पीटी ऊषा ने कहा कि उनके सांसद बनने के बाद से यह मामला तेजी से बढ़ा है। उन्होंने मीडिया के सामने कहा, ''अवैध निर्माण के बारे में पंचायत को जानकारी दी गई है। अकादमी में ट्रेनिंग लेने वाली लड़कियों की सुरक्षा की जानी चाहिए। मुझ पर निजी हमले बढ़ते जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।" राजनीति को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल उन्हें अपने विरोधी से जुड़ा मानते हैं. उन्होंने कहा, "मेरी कोई राजनीति नहीं है और मैं हर संभव तरीके से हर किसी की मदद करती हूं।"

कांग्रेस सरकार ने दी थी उषा को जमीन

उन्होंने बताया कि 30 एकड़ जमीन, जहां उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स स्थित है, उन्हें राज्य की ओमन चांडी के नेतृत्व वाली  कांग्रेस सरकार ने 30 साल के लिए पट्टे पर दी थी। यह पूछे जाने पर कि भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने के बाद क्या उनकी एकेडमी के लोगों को उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने कहा कि प्रत्येक राजनीतिक दल की आदत है कि वे उन्हें अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी का सदस्य मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कहेगी कि मैं माकपा की समर्थक हूं, जबकि मार्क्सवादी पार्टी कहेगी कि मेरा भाजपा से जुड़ाव है। मेरी कोई राजनीति नहीं है और मैं हरसंभव तरीके से हर किसी की मदद करती रही हूं।’’

द मूकनायक ने पीटी उषा व्यक्तिगत रूप से बात करने की कोशिश की, परंतु वह इस मामले से इतनी आहत हो गई है कि वह बात नहीं करना चाहती हैं!

पीटी उषा के मामले में द मूकनायक ने वहां के पुलिस अधिकारियों से बात करने की भी कोशिश की लेकिन कोई भी बात करने को तैयार नहीं हुआ।

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उड़न परी हैं उषा

पीटी उषा स्पिंटर है। उन्होंने वर्ल्ड लेवल के एथलीट इवेंट पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1984 में लॉस एंजेल्स ओलंपिक में 400 हर्डल में चौथा स्थान प्राप्त किया था। एशियन गेम्स में चार और एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने 14 गोल्ड मेडल हासिल किए हैं। 1985 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मानित किया।

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