दिल्ली पुलिस ने डॉ. रितुसिंह को हिरासत में लेकर देर रात छोड़ा, अगले दिन फिर धरने पर पहुंची

135 दिनों से धरने पर बैठी थी महिला शिक्षक, पुलिस ने गत मंगलवार को धरनास्थल से जबरन उठाया।
डॉ. रितुसिंह
डॉ. रितुसिंहग्राफिक- द मूकनायक

नई दिल्ली। नियमों की अवहेलना कर सेवा से बर्खास्त करने व जातीय उत्पीड़न के खिलाफ 135 दिनों से धरना दे रही दलित प्रोफेसर डॉ. रितु सिंह को गत मंगलवार देर रात दिल्ली पुलिस ने समर्थकों के साथ डिटेन कर लिया और उनके साथ मौजूद सभी लोगों को बुराड़ी थाने ले गई। हालांकि, देर रात लगभग 1 बजे डॉ. रितु सिंह सहित डिटेन किए गए सभी लोगों को छोड़ दिया गया है।

पुलिस ने धरनास्थल को खाली कराया

डॉ. रितु सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर दिल्ली पुलिस के खिलाफ धरनास्थल पर तोड़फोड़ व सामान जब्त करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने कथिततौर पर बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर फाड़ दी और आधा दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था। इस दौरान प्रोटेस्ट की कवरेज करने गए पत्रकारों को भी कुछ देर के लिए हिरासत में रखा गया था।

डॉ. रितु सिंह ने सोशल मीडिया पर एक लाइव वीडियो में रोते हुए पुलिस की कार्रवाइयों की जानकारी दी थी, वहीं दावा किया कि उन्होंने न केवल निजी सामान जब्त कर लिया, बल्कि बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर भी फाड़ दी। इसके अलावा, आरोप लगाया कि कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस अज्ञात स्थान पर ले गई। घटना मंगलवार सुबह सात बजे की है, जब रितु फ्रेश होने के लिए पास के एक प्रोफेसर के घर गई थीं। जब वह वापस लौटी तो देखा कि प्रोटेस्ट साइट पर तोड़फोड़ की गई थी और उनका सामान गैरकानूनी तरीके से जब्त कर ले जाया गया था। हालांकि, इसके बाद भी महिला शिक्षक धरनास्थल पर अपने समर्थकों के साथ डटी रही। इधर, पुलिस ने क्षेत्र में धारा 144 लागू होने की चेतावनी दी। इसके बाद देर शाम समर्थकों सहित महिला शिक्षिका को डिटेन किया गया।

अमित शाह पुलिस ने करा रहे गैरकानूनी काम

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महमूद प्राचा डॉ. रितुसिंह की मदद को पहुंचे। थाना परिसर से ही जारी एक वीडियो में उन्होंने कार्रवाई के पीछे गृहमंत्री अमित शाह का हाथ होने का आरोप लगाया। वहीं गैरकानूनी तौर पर कार्रवाई करने पर पुलिस के खिलाफ शिकायत करने की बात कही।

धारा 144 लागू, नहीं दिखाया आर्डर

पुलिस ने प्रोटेस्ट साइट से सामान की जब्ती कर वहां पर धारा 144 लागू होने का बैनर लगा दिया था। वहीं धरनास्थल व आस-पास माइक से धारा लागू होने व पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्र नहीं होने की माइक से घोषणा की थी। बैनर में 23 दिसम्बर से 23 फरवरी तक क्षेत्र में धारा लागू होने की समयावधि लिखी गई है। प्राचा ने इस संबंध में पुलिस अधिकारियों से आर्डर दिखाने की बात कही, लेकिन पुलिस अधिकारी कोई आर्डर नहीं दिखा पाए।

कौन है डॉ. रितु सिंह?

डॉ. रितु सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलतराम कॉलेज में अस्सिटेंट प्रोफेसर थीं। उन्होंने प्रिंसिपल सविता रॉय के विरुद्ध आवाज बुलंद की, जिन पर अनुसूचित जाति के प्रोफेसरों और प्रशासनिक कर्मचारियों के प्रति जातिवादी व्यवहार करने का आरोप है। डॉ. रितु सिंह 2019 में एससी वर्ग के तहत रिक्ति निकलने पर मनोविज्ञान विभाग में अस्थायी प्रोफेसर बनी थीं। अनुबंध समाप्त होने से पहले उन्होंने एक साल तक कॉलेज में पढ़ाया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जाति-आधारित भेदभाव के कई उदाहरणों का अनुभव किया है और आरोप लगाया कि पद से उनकी बर्खास्तगी प्रिंसिपल के जातीय भेदभाव के रवैये से प्रभावित थी। 2020 से वह एक लंबे कानूनी संघर्ष में जुटी हुई है और कई प्रदर्शनों के समन्वय में सक्रिय रूप से भाग लिया है।

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