बसपा कार्यालय से दलित महापुरुषों की मूर्तियों को कहां किया गया शिफ्ट?

प्रदेश का बिगड़ा लॉ एंड आर्डर हो सकता है कारण!
बीएसपी ऑफिस से हटी बाबा साहेब और मायावती की मूर्तियां
बीएसपी ऑफिस से हटी बाबा साहेब और मायावती की मूर्तियां

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित बसपा कार्यालय परिसर में लगी डॉ. भीमराव आंबेडकर, मान्यवर कांशीराम और मायावती की मूर्तियां हटा ली गई है। हटाई गईं तीनों मूर्तियां कहां गईं हैं इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन चर्चा है कि मूर्तियों को बसपा प्रमुख मायावती के आवास में शिफ्ट किया गया है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि महापुरुषों की जयंती या पुण्यतिथि पर पुष्प अर्पित करने के लिए मायावती को बीएसपी कार्यालय आना पड़ता था। प्रदेश की बिगड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी अहम कारण माना जा रहा है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

लखनऊ में माल एवेन्यू स्थित बहुजन समाज पार्टी के मुख्यालय में गत बुधवार को सभी मंडल और जिला पदाधिकारियों की बैठक हुई थी। पार्टी कार्यालय में बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर, बसपा संस्थापक कांशीराम और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्तियां लगी थीं। इस दौरान जब लोग पहुंचे तो वहां पर मूर्तियों को नहीं देखा। यह देख पार्टी कार्यालय पहुंचे पदाधिकारियों में गुफ्तगू शुरू हो गई। बैठक के ठीक पहले कांशीराम और आंबेडकर की मूर्तियां का हटना कई तरह के सवाल खड़े करता है। सियासी लोग इसे लोकसभा चुनाव से जोड़ कर देख रहे हैं। पार्टी अधिकारियों से इस मामले में पूछताछ शुरू की गई। इसके बाद मूर्तियों को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई। कार्यकर्ताओं को बताया गया कि पार्टी कार्यालय में लगी तमाम मूर्तियों को बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास में शिफ्ट कर दिया गया है।

क्या बसपा कार्यालय नहीं आएंगी मायावती?

बसपा अध्यक्ष मायावती महापुरुषों की जयंती के मौके पर पार्टी कार्यालय पहुंच कर वहां लगी मूर्तियों पर श्रद्धासुमन समर्पित करती रही हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी अधिकारी और कार्यकर्ताओं का भी जुटान होता रहा है, लेकिन पिछले दिनों में मायावती काफी कम घर से निकल रही हैं। छोटे स्तर पर होने वाली बैठकों को भी उनके घर में ही आयोजित किया जाता है। ऐसे में मूर्तियों को उनके घर में शिफ्ट किए जाने को लेकर सवाल उठने लगा कि महापुरुषों की जयंती के मौके पर भी क्या बसपा सुप्रीमो अब पार्टी दफ्तर नहीं आएंगी।

बसपा सुप्रीमो के आवास पर महापुरुषों को शिफ्ट किए जाने के वास्तविक कारणों के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी सामने नहीं आई है। इस संबंध में पार्टी पदाधिकारियों के स्तर पर भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। हालांकि, कयासबाजियों का दौर चल रहा है। मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान महापुरुषों के साथ-साथ पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की प्रतिमाएं भी कई स्थानों पर लगवाई थीं। इसको लेकर खूब बवाल मचा था। बसपा कार्यालय में महापुरुषों के कद के हिसाब से प्रतिमाएं लगाई गई थीं। महापुरुषों की लंबाई और कद-काठी के हिसाब से प्रतिमाओं का निर्माण कराया गया था। अब उन्हें बसपा सुप्रीमो के आवास पर शिफ्ट किए जाने के मसले पर सुगबुगाहट तेज हो गई है।

सुरक्षा भी हो सकता है कारण

बसपा प्रदेश कार्यालय में लगे सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि गत कुछ महीनों में पुलिस हिरासत और कोर्ट परिसर में गए शूटआउट को लेकर एहतियात बरती जा रही है। प्रदेश में लॉ एंड आर्डर की स्थिति बिगड़ी हुई है। इसको देखते हुए सुरक्षा को लेकर विशेष एहतियात बरती जा रही है। नए कार्रवाई को इस दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है।

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