
भोपाल। तेज गर्मी और चिलचिलाती धूप से आमजन बेहाल है। इस बीच एमपी के श्योपुर जिले से एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है जिसने सभी का दिल झकझोर कर रख दिया है। वायरल फोटो में एक मां और उसके तीन मासूम बच्चे हैं। यह चारों भीषण गर्मी में गरम सड़क से बचने के लिए पैरों में पॉलीथिन बांध कर चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनकी बेबस माँ ने गर्म सड़क से बच्चों के पैर बचाने के लिए पैरों में पॉलिथिन बांध दी थी।
श्योपुर जिले के आदिवासी विकास खंड कराहल से पति का इलाज कराने महिला अपने तीन बच्चों के साथ ब्लॉक मुख्यालय आई थी। रविवार को दोपहर में शहर की सड़कों पर चिलचिलाती धूप में मां अपने बच्चों के पैरों में पॉलीथिन बांधकर घूम रही थी। जिसके बाद एक फोटो जर्नलिस्ट ने इनका फोटो कैमरे में कैद कर लिया। सोशल मीडिया पर फोटो आते ही कुछ घण्टों में वायरल हो गया। आदिवासी सहारिया परिवार की यह तस्वीर वायरल होने के बाद राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पर कई सवाल उठ रहे हैं।
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार अपने तमाम दावों में कहती है कि उनकी योजनाओं का लाभ समाज के हर तबके को मिल रहा है। श्योपुर से आई ये तस्वीर सभी सरकारी दावों को आइना दिखा रही है।
तपती धूप में बच्चों के पांव न जले, इसलिए पैरों में पॉलीथिन पहनाकर बाजार में चला रही महिला का फोटो सामने आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। प्रशासन ने महिला का पता लगाकर उसे सरकार की योजनाओं से लाभांवति करने का निर्णय लिया है। कलक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर प्रशासन के अमले ने हर गांव और हर ब्लॉक में महिला को तलाशना शुरू कर दिया। इस तलाशी अभियान में महिला की शहरी क्षेत्र के वार्ड संख्या- 08 की झुग्गीबस्ती में रहने की जानकारी मिली है।
सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद आदिवासी परिवार के महिला-बच्चों को तलाशने के लिए कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए। अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों के कामकाज के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर फोटो डालकर महिला को तलाशने को कहा। दिनभर मशक्कत के बाद महिला के वार्ड संख्या-08 टेलीफोन एक्सचेंज के पीछे झोपड़ी में होने की पुष्टि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिंकी जाटव ने की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तस्दीक के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासन को बाजार में बच्चों को लेकर घूम रही महिला घर पर नहीं मिली। घर पर दो बच्चे काजल (6) और खुशी (4) के साथ पिता सूरज मिला। सूरज ने बताया कि वह लंबे समय से टीबी रोग से ग्रसित है। घर का खर्चा उसकी पत्नी रूकमणी मजदूरी कर चलाती है।
कलक्टर के निर्देश पर मौके पर पहुंची महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर ममता व्यास और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिंकी जाटव ने संबंधित परिवार से जानकारी लेकर प्रशासन को जानकारी भेजी है। कलक्टर ने परिवार को सरकारी योजना का लाभ देने के निर्देश दिए। जानकारी है कि आदिवासी परिवार को जल्द ही शासन की योजनाओं का लाभ मिलेगा।
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