भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले के मालथौन क्षेत्र में 42 वर्षीय नीलेश उर्फ नत्थू आदिवासी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। मृतक की पत्नी रेवा आदिवासी ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मौत की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति को राजनीतिक साजिश के तहत “मोहरा” बनाकर दबाव डाला गया और अंततः उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया गया।
शुक्रवार को जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से विस्तृत जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है और पुलिस ने किन कदमों को अंजाम दिया है। अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
रेवा आदिवासी ने याचिका में गंभीर आरोप लगाए कि जुलाई 2025 की शुरुआत में क्षेत्र के विधायक भूपेंद्र सिंह और उनके सहयोगियों ने उनके पति पर दबाव बनाया कि वे विधायक के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत झूठी FIR दर्ज करवाएं।
नीलेश को जब यह एहसास हुआ कि वे किसी गलत काम में फंसाए जा रहे हैं, तो उन्होंने पुलिस और प्रशासन को लिखित शिकायत व हलफनामा देकर बयान दर्ज कराए। इतना ही नहीं, उन्होंने इस साजिश का खुलासा करने के लिए सोशल मीडिया पर एक सार्वजनिक वीडियो भी पोस्ट किया।
रेवा के मुताबिक, यही वीडियो उनके पति के लिए जानलेवा साबित हुआ। वीडियो से नाराज होकर विधायक समर्थकों ने नीलेश का अपहरण कर मारपीट की और लगातार धमकियां दीं। मानसिक और शारीरिक दबाव से टूटकर 25 जुलाई को नीलेश ने आत्महत्या कर ली।
याचिका के अनुसार, कुछ माह पहले नितिन जैन, राघवेंद्र परिहार और अजीत राय नामक लोग रेवा के घर आए और कहा कि उनकी जमीन पर कब्जा हुआ है, जिसे वे छुड़वाने में मदद करेंगे। उन्होंने मनोज जैन पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया और नीलेश को FIR कराने के लिए साथ ले गए।
रेवा का कहना है कि उस रात उनके पति राघवेंद्र परिहार के घर पर थे। अगली सुबह राघवेंद्र ने उन्हें सलाह दी कि वे कहीं बाहर चले जाएं। रेवा ने इंकार किया और कहा कि वे निर्दोष हैं, इसलिए भागने का सवाल ही नहीं उठता। तब उन्हें अजीत राय के ढाबे पर 5 हजार रुपये देकर इंदौर भेज दिया गया।
रेवा ने कोर्ट को बताया कि बाद में नीलेश ने फोन पर जानकारी दी कि राघवेंद्र, निक्की जैन और अजीत राय उन्हें सागर ले गए हैं और कह रहे हैं कि यदि वे स्थानीय नेता के खिलाफ रिपोर्ट लिखाएंगे तो उन्हें 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।
नीलेश ने साफ इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें किसी पर झूठा मुकदमा नहीं करना है, उन्हें सिर्फ अपनी जमीन चाहिए। इसके बाद भी उन पर दबाव बढ़ाया गया, जिस पर नीलेश ने चेतावनी दी थी कि अगर दबाव जारी रहा तो वे आत्महत्या कर लेंगे।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि पर्याप्त सबूत और डिजिटल साक्ष्य देने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है। परिवार में असुरक्षा का माहौल है और उन्हें न्याय की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। रेवा ने इस आत्महत्या को असल में हत्या बताते हुए निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
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