मणिपुर: ‘अलग प्रशासन की मांग वाले बयान को NDTV ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया’, कुकी सामाजिक कार्यकर्ता का न्यूज चैनल पर बड़ा आरोप

मणिपुर के सामाजिक कार्यकर्ता हेजांग मिसाओ ने 'Nampi Media Jampilal' नाम के YouTube चैनल को दिए अपने एक साक्षात्कार को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप NDTV पर लगाया है. इस बारे में उन्होंने अपने उस साक्षात्कार की पूरी बातें स्पष्ट की है.
हेजांग मिसाओ, सामाजिक कार्यकर्ता
हेजांग मिसाओ, सामाजिक कार्यकर्ता ग्राफिक- द मूकनायक
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नई दिल्ली: मणिपुर के सामाजिक कार्यकर्ता, व InSIDE North East के फाउंडर हेजांग मिसाओ, जो राज्य में हिंसा से प्रभावित युवाओं और महिलाओं की मदद करने के उद्देश्य से Gun2Pen प्रोजेक्ट चला रहें हैं, अब एक YouTube साक्षात्कार में अपने बयानों को लेकर एक बड़े विवाद में फंस गए हैं. हालांकि, हेजांग NDTV द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि “मेरे बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. और उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया गया है.”

NDTV ने अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट में बताया है कि, हेजांग मिसाओ YouTube चैनल पर साक्षात्कार में, राज्य में कुकी समुदाय के लिए अलग प्रशासन की मांग को "जीवित" रखने के लिए "मणिपुर संकट को बढ़ाने की आवश्यकता" के बारे में बात करते हुए सुना गया था।

NDTV ने हेजांग मिसाओ के बयान के बारे में क्या छापा?

न्यूज चैनल ने अपने रिपोर्ट में दावा किया है कि, मिसाओ YouTube चैनल 'Nampi Media Jampilal' पर साक्षात्कार में कह रहे हैं कि एक अलग-भूमि के लिए संघर्ष उनके पूर्वजों के समय से चल रहा है, और कई अलग-अलग मांगों वाले विद्रोहियों के कई गुटों के बावजूद, वे सभी अंततः एक मुद्दे - सेप्रेट एडमिनिस्ट्रेशन- पर सहमत होने में कामयाब रहे।

NDTV की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मिसाओ ने साक्षात्कार में कहा कि, "अब अलग प्रशासन आंदोलन कम हो गया है। हमें अब यह मौका नहीं मिलेगा, और ऐसा अवसर फिर कभी नहीं आएगा। हमें इस क्षण का उपयोग और भी अधिक अराजक स्थिति बनाने के लिए करना चाहिए, ताकि जो कोई भी हमें देखे, वह कहे कि हम कभी एक साथ नहीं रह सकते।"

एनडीटीवी के मीडिया रिपोर्ट में आगे लिखा गया है कि, मिसाओ ने कहा, "मणिपुर हिंसा के बाद, सशस्त्र समूह एक मांग पर एक साथ आए हैं। यह गॉड का काम है। लेकिन मैतेई हमें एक अलग प्रशासन नहीं देना चाहते हैं। एसओओ समूहों ने भी हस्ताक्षर किए हैं कि मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। लेकिन गॉड की योजना कुकी को एक राष्ट्र देने के बारे में लगती है, और मुझे लगता है कि यह वहां है। अगर हिंसा नहीं होती, तो हमें अलग प्रशासन की मांग करने का मौका नहीं मिलता."

मिसाओ ने अपने बयान को किया स्पष्ट

द मूकनायक ने उक्त मामले पर हेजांग मिसाओ से सवाल किया कि क्या, “अगर हिंसा नहीं होती, तो हमें अलग प्रशासन की मांग करने का मौका नहीं मिलता”, आपके शब्द हैं, जैसा कि NDTV की वेबसाइट पर लिखा गया है, उन्होंने जवाब दिया कि, “मैं कह रहा था कि उन्होंने (मैतेई समुदाय के लोग) हमें भगा दिया, हमारे घर जला दिए, हमारे लोगों को मार डाला जिससे अलग प्रशासन की मांग करने का रास्ता खुला। इस तरह उन्होंने मेरी बात को तोड़-मरोड़ दिया”

मिसाओ ने आगे कहा कि, “यह मेरी निजी राय थी और मैं स्पष्ट रूप से कहता हूँ कि हथियारों की आवाजाही को खत्म करके लोकतांत्रिक तरीके से सार्वजनिक आंदोलन की ओर बढ़ना चाहिए, चाहे वह रैली हो, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हो आदि. (यह हिस्सा मैंने अंग्रेजी में कहा). वे उस संगठन को क्यों घसीटते हैं जिसके साथ मैं काम कर रहा हूँ. (उनकी योजना भयावह है)”

यह पूछे जाने पर कि क्या NDTV ने उक्त रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले या बाद में आपसे संपर्क किया, मिसाओ ने द मूकनायक को बताया कि, “उन्होंने मुझसे कभी संपर्क नहीं किया.”

जाहिर है कि NDTV द्वारा प्रकाशित उक्त रिपोर्ट पढ़ने के बाद आमतौर पर किसी की भी राय मिसाओ के खिलाफ हो सकती है. हालांकि, इसका असर वह खुद भी महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, “दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि एनडीटीवी की रिपोर्ट देखने के बाद हमारे डोनर मुझसे सवाल कर रहे हैं।”

आपको बता दें कि, मिसाओ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में राज्य में शांति बहाल करने की दिशा में गन2पेन प्रोजेक्ट चला रहे हैं. इसमें हिंसा से प्रभावित युवा और महिलाएं शामिल हैं. जिसके लिए वह लोगों द्वारा दिए जाने वाले आर्थिक मदद पर आश्रति हैं. लेकिन, अब वह इस मीडिया रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद बदनामी झेल रहे हैं. 

द मूकनायक के सवाल पर कि क्या NDTV के इस से कुकी समुदाय के सरकार से मांगों पर असर पड़ेगा या उनके आन्दोलन फीके पड़ सकते हैं, वह उम्मीद जाहिर करते हुए कहते हैं, “यह खत्म होगा या नहीं, यह मैं नहीं जानता। मेरी चिंता यह है कि हथियारों के टकराव के कारण होने वाली कीमती जानों की हानि समाप्त होनी चाहिए।”

मिसाओ ने द मूकनायक को बताया कि, NDTV की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद चुराचांदपुर के एसपी ने ऑफिस इंचार्ज (OC) से मुझे खोजने को कहा. OC मेरे पीछे पड़े थे. OC ने कहा कि अभी तक कोई एफआईआर नहीं है लेकिन उन पर मैतेई का दबाव है.

न्यूज़9 के साथ एक पुराने साक्षात्कार के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि, “मणिपुर पर हमारी चर्चा के दौरान मैंने स्पष्ट संदेश दिया कि अब समय आ गया है कि दोनों समुदाय जाग जाएं और होश में आएं और ये हत्याएं बंद करें। एक साथ बैठकर बातचीत शुरू करें, यही एकमात्र समाधान है.”

कौन हैं हेजांग मिसाओ?

जामखोजांग (उर्फ हेजांग) मिसाओ, इंटीग्रेटेड सोशल एंड इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट फॉर एम्पावरमेंट (इनसाइड-नॉर्थ ईस्ट) के संस्थापक और सीईओ हैं, जो एक ऐसा संगठन है जो गन2पेन परियोजना के तहत बच्चों और युवाओं तथा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है। संघर्ष के माहौल में पले-बढ़े और बंदूक से संबंधित संघर्ष और हिंसा के शिकार होने के कारण, उन्होंने संघर्ष और हिंसा से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए इस संगठन की शुरुआत की।

मिसाओ मणिपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिनके नाम पर कई पुरस्कार हैं, जैसे कि सद्गुरु राष्ट्रीय पुरस्कार और महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति उनके जुनून, प्रतिबद्धता और नवाचार के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविदं द्वारा प्रशंसा पुरस्कार। इसके अलावा, वह चेंजलूमर, यूथ इनवॉल्व, मानव सेवा धर्म संवर्धनिनी (MSDS) के फेलो भी हैं. मिसाओ को शिक्षा क्षेत्र में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है।

द मूकनायक के खबर प्रकाशन के बाद NDTV का जवाब

उक्त रिपोर्ट का यह हिस्सा खबर प्रकाशन के बाद अपडेट किया गया है. उक्त रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद मामले में NDTV के पत्रकार Debanish Achom, जिन्होंने हेजांग मिसाओ के मामले को रिपोर्ट किया था, ने प्रतिक्रिया देते हुए द मूकनायक से कहा कि, "जामखोजांग (उर्फ हेजांग) मिसाओ ने अभी तक यूट्यूब इंटरव्यू की पूरी अंग्रेजी या हिंदी ट्रांसक्रिप्ट नहीं दी है, जो उनकी बोली में है। हमने इसे तीन अलग-अलग सूत्रों से स्वतंत्र रूप से ट्रांसक्रिप्ट किया है, जो उनकी बोली बोलते हैं। उनके कथन वाले कंटेट की स्वतंत्र रूप से जाँच किए बिना केवल इनकार की रिपोर्ट करना भ्रामक है, क्योंकि उनके इनकार को भी NDTV की कहानी में प्रमुखता से शामिल किया गया है।"

"हेजांग ने झूठ बोला कि NDTV ने उनसे संपर्क नहीं किया। हमने उन्हें दो दिनों तक कई बार कॉल किया और उन्होंने जवाब नहीं दिया। हमने अपने द्वारा किए गए कॉल का स्क्रीनशॉट साझा किया है, जिसे उनके मोबाइल कॉल हिस्ट्री से क्रॉस चेक किया जा सकता है," NDTV के पत्रकार ने कहा.

यहां यह उल्लेखनीय है कि NDTV के पत्रकार Debanish Achom मैतेई, जबकि हेजांग मिसाओ कुकी समुदाय से आते हैं. और भारत के पूर्वी राज्य मणिपुर में इन्हीं दोनों समुदायों के बीच एक साल से अधिक समय से हिंसा जारी है.

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