मध्य प्रदेश: पीढ़ियों से सामाजिक बहिष्कृत परिवारों ने कलेक्टर से ईसाई धर्म अपनाने की मांगी अनुमति, जानें पूरा मामला

पीड़ित परिवारों ने कलेक्टर को कहा, की प्रशासन समाज में नहीं मिलवा सकता तो धर्मांतरण की अनुमति दे।
मध्य प्रदेश: पीढ़ियों से सामाजिक बहिष्कृत परिवारों ने कलेक्टर से ईसाई धर्म अपनाने की मांगी अनुमति, जानें पूरा मामला

भोपाल। मध्य प्रदेश के डिंडौरी में 150 परिवारों ने सामाजिक बहिष्कार से प्रताड़ित होकर, कलेक्टर से ईसाई धर्म अपनाने की अनुमति मांगी है। पीड़ित परिवारों ने कहा कि 150 साल पहले हमारे पूर्वजों को बहिष्कृत कर दिया था। तब से लेकर आज तक हम समाज से बाहर ही हैं। 

मंगलवार को धनुआ सागर गांव के राठौर परिवार बच्चों के साथ जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने लिखित आवेदन कलेक्टर सौंपते हुए कहा, कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर अब हम समाज में समायोजित नहीं हुए तो ईसाई धर्म अपना लेंगे। पीड़ित परिवारों ने कहा कि, "प्रशासन समाज में नहीं मिलवा सकता तो धर्मांतरण की अनुमति दे।"

सात पीढ़ियों से हैं बहिष्कृत

पीड़ित बिहारी लाल ने कलेक्टर को बताया कि, "सात पीढ़ी पहले हमारे पूर्वजों ने समाज से बाहर की महिला को घर में रख लिया था। तभी से हमारा परिवार बहिष्कृत है। काफी मिन्नतें करने पर 13 मार्च 2022 को तत्कालीन सरपंच राम प्रभा और पंचों ने बैठक की। गंगा स्नान, राम कीर्तन, भंडारा, सामाजिक भोज और धर्मशाला के नाम पर दो लाख रुपए दान करने की सहमति बनाकर समाज में शामिल कर लिया। 2023 में कृष्णा परमार जिला अध्यक्ष बने तो उन्होंने फिर बहिष्कार का फरमान सुना दिया। समाज के लोगों ने उनकी बात नहीं मानी।"

"8 जनवरी 2024 को गांव में हम सुंदर राठौर के यहां कीर्तन कार्यक्रम में पहुंचे। यहां परमार ने माइक से ऐलान कर दिया कि इन 150 परिवारों को जो भी सामाजिक कार्यक्रम में बुलाएगा या इनसे रोटी-बेटी का संबंध रखेगा, उसे भी समाज से अलग कर दिया जाएगा। इसके बाद लोगों ने डर के कारण हमें बुलाना बंद कर दिया।" शुकवारिया बाई ने बताया कि, "परमार हमारे रिश्तेदारों को फोन करके धमकी देते हैं कि हमसे संबंध न रखें। गांव में यज्ञ चल रहा है, बच्चे वहां जाते हैं, तो उन्हें मारकर भगा दिया जाता हैं। पैर तोड़ने की धमकी देते हैं।"

इस पूरे मामले में कलेक्टर ने कहा कि, इस तरह समाज से किसी को अलग करना गैरकानूनी है। गांव में जाकर दोनों पक्षों को समझाइश दी जाएगी। इसके बाद भी नहीं मानते तो फिर कानूनी कार्रवाई करने का विचार करेंगे।

दूसरी ओर देर शाम एडीएम कोर्ट में केस रजिस्टर्ड कर लिया गया। एसडीएम रामबाबू देवांगन ने बताया कि राठौर समाज के तत्कालीन सरपंच राम प्रभा पराशर, सामाजिक पंच चंदू समनापुर, पूर्व अध्यक्ष ओमकार चंदेल, वर्तमान अध्यक्ष कृष्णा परमार, मुकद्दम गुलाब सिंह, कार्यवाहक सरपंच डुले सिंह, पंच दयाराम राठौर को नोटिस जारी किया गया है। अगले मंगलवार से दोनों पक्षों की सुनवाई होगी।

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