मध्य प्रदेश: आदिवासी युवक की हत्या का विरोध करने वाले 100 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज

आदिवासी युवक की हत्या से आक्रोशित लोगों ने आरोपी के घर के सामने जलाया था शव
आदिवासी युवक की हत्या से आक्रोशित लोगों ने आरोपी के घर के सामने जलाया था शव

भोपाल। मध्यप्रदेश के खंडवा के कोठा गांव में आदिवासी युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, आरोपियों के घर के बाहर आंगन में अंतिम संस्कार करने पर आदिवासी समाज के 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस घटना के बाद से दोनों समुदाय में आक्रोश फैल गया है। दोनों पक्षों में रोष के चलते प्रशासन ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है। इधर, यादव समाज ने पुलिस से मांग की है कि, निष्पक्ष जांच हो, जो दोषी है, उन पर कार्रवाई करें। समाज के अन्य लोगों व महिलाओं को बेवजह परेशान न किया जाए। 

यादव समाज ने पीड़ित पक्ष पर आरोप लगाया है कि, जिस युवक की हत्या हुई है, उसे एक परिवार ने आपसी रंजिश में पीटा था। मकसद जान से मारने का नहीं था। लेकिन मृतक फूलचंद के समाज वालों ने समय पर इलाज नहीं कराने दिया। आरोपी पक्ष ने एंबुलेंस तक बुलाई। लेकिन वो घटना को राजनीतिक रूप देने के चक्कर में देरी हुईं जिससे उसकी मौत हो गई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यादव समाज ने कहा है कि कार्रवाई और हत्या का मुकदमा तो उन्हीं लोगों पर दर्ज होना चाहिए। जानकारी अनुसार, मृतक फूलचंद की पत्नी ने आरोपी यादव परिवार के लोगों के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा भी दर्ज कराया था।‌ इसके बाद से पति फूलचंद आए दिन शराब के नशे में आरोपी पक्ष से गाली-गलौज करता था। इसी बात पर विवाद हुआ और बेरहमी से मारपीट में फूलचंद की मौत हो गई।

आदिवासी युवक की हत्या से आक्रोशित लोगों ने आरोपी के घर के सामने जलाया था शव
मध्य प्रदेश: आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या, आक्रोशित परिजनों ने आरोपियों के घर के सामने किया अंतिम संस्कार

पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि, घर के आंगन में शव रखकर जलाने वाले 100 से अधिक लोगों पर धारा 451, 147, 148, 186 सहित अन्य गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। खालवा पुलिस ने फुलचंद की हत्या के मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार कर जिला न्यायालय में पेश किया है, जहां से सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। सोमवार रात को आरोपी दुर्गालाल यादव सहित अन्य आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। आदिवासी समाज ने युवक को इंसाफ दिलाने के लिए खालवा जनपद के पास चक्का जाम कर दिया था। 

द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल के अधिवक्ता एवं विधि विशेषज्ञ मयंक सिंह ने बताया कि 100 से अधिक लोगों पर उक्त धराओं में की गई कार्यवाही संदेहास्पद दिखाई देती है। ऐसे मामलों में पुलिस फरियादी पक्ष पर मामला दर्ज कर देती है जिससे मामला निष्पक्ष दिखाई दे। हालांकि इस तरह की कार्यवाही में कोर्ट के अनुमति के बिना आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कि जा सकती। मयंक सिंह ने बताया कि न्यायदृष्टांत एवं सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस अरनेस कुमार बनाम स्टेट ऑफ बिहार में दिए गए निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। 

क्या था पूरा मामला?

पूरा मामला खंडवा जिले का है। यहां खालवा थाना क्षेत्र के गांव कोठड़ा में सोमवार देर रात को आदिवासी युवक को आरोपियों ने बेरहमी से पीटा था। खंडवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि फूलचंद पिता केंडे कर के साथ आरोपियों ने मारपीट की जिसके बाद वह लहूलुहान हालत में घर पहुंचा और अपने साथ मारपीट की घटना की जानकारी परिजनों को दी। उसने बताया कि कुछ लोगों ने उसे लोहे की रॉड से पीटा। परिजन उसे एंबुलेंस में लेकर खंडवा जिला अस्पताल रवाना हुए। रास्ते में फूलचंद की मौत हो गई।

फूलचंद की पत्नी के बताए अनुसार, आरोपी गांव के मनबढ़ हैं। पुलिस ने कोठडा के दुर्गालाल, रामदयाल उर्फ रामू और मयाराम सहित कुल 9 आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है। 

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