उत्तर प्रदेश: बिजली विभाग के अधिकारी ने समुदाय विशेष को दी भद्दी गालियां, ऑडियो वायरल तो बिठाई जांच

मामले को संज्ञान में लेते हुए विद्युत् विभाग द्वारा दो सदस्यों की जांच समिति का गठन किया गया है, जिसमें 4 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
आरोपी अधिकारी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की जा रही  है।
आरोपी अधिकारी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की जा रही है।
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अम्बेडकर नगर- उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर में सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक समुदाय विशेष के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। जिससे लोग काफी आक्रोशित हैं। मामला अम्बेडकर नगर के टांडा क्षेत्र का बताया जा रहा है।

वायरल ऑडियो में ये कहा गया है कि, " जितने हिन्दू है सब अपने भाई है। कोई भी हो चाहे जिस भी पार्टी से संबंध रखता हो मुझसे ये मतलब नहीं है। मैं एक सरकारी कर्मचारी हूँ, सब देख लूंगा। तुम लोग टांडा को लूट खाओ और जुलाहों को पेल डालो मार डालो। सब कुछ ठीक करने की जिम्मेदारी मेरी है।"

बताया जा रहा है कि उपरोक्त बातें विद्युत विभाग के एक अधिकारी द्वारा कही गई है। जो विभाग में एक सम्मानित पद पर कार्यरत है।

पत्रकार को भी दी गई धमकी

कथित ऑडियो वायरल करने वाले पत्रकार ने आरोप लगाया है कि ऑडियो वायरल करने की वजह से उसे पीटा गया तथा उससे यह भी कहा गया कि अगर उसने ऑडियो डिलीट नहीं की उसे जान से मार दिया जाएगा। जिससे पत्रकार के अंदर भय का माहौल बना हुआ है और वो अपने व अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग कर रहा है।

वायरल ऑडियो से बुनकर समाज तथा सामाजिक कार्यकर्ता काफी आक्रोशित हैं। उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष व टांडा नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन हाजी इफ्तेखार अंसारी ने टांडा उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और अपनी नाराजगी प्रकट की और संबंधित अधिकारी के खिलाफ  जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की है।

ज्ञापन में ये भी कहा गया है कि उक्त ऑडियो एक गंभीर एवं चिंता का विषय है तथा मुख्यमंत्री के द्वारा जनपद अम्बेडकर नगर को एक जिला एक उत्पाद में कपड़ा उद्योग को चयनित करने की मंशा पर भी पानी फेरने वाला है।

मामले को संज्ञान में लेते हुए विद्युत् विभाग द्वारा दो सदस्यों की जांच समिति का गठन किया गया है, जिसमें 4 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

ऑडियो में कथित तौर पर जुलाहा शब्द का प्रयोग किया गया है जो एक विशेष समाज की ओर इशारा करता है। कुछ लोगों का कहना है कि ऐसे सम्मानित पद पर बैठे अधिकारी जब ऐसे शब्दों का प्रयोग करेंगे तो समाज में विश्वास कैसे पैदा होगा, समरसता कैसे बनेगी? यह तो समाज में विभाजन और तनाव को बढ़ावा देगा। एक अधिकारी के रूप में उन्हें सभी वर्गों को एक समान समझना होगा और इन सब से ऊपर उठकर समान रूप से सेवा देना होगा।

आरोपी अधिकारी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की जा रही  है।
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