हैदराबाद: एचआईवी के बोझ से जूझ रहे भारत — जो इस बीमारी के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है — में हाल ही में प्रकाशित एक राष्ट्रीय अध्ययन ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को उन राज्यों में शुमार किया है जहां महिला यौनकर्मियों (FSWs) की प्रति हॉटस्पॉट सबसे अधिक सघनता दर्ज की गई है।
PMPSE (प्रोग्रामेटिक मैपिंग एंड पॉपुलेशन साइज एस्टिमेशन) नामक यह अध्ययन, जो PLOS Global Health में प्रकाशित हुआ है, के अनुसार भारत में सबसे अधिक महिला यौनकर्मियों की कुल संख्या के हिसाब से कर्नाटक शीर्ष पर है, जहां 15.4% FSWs हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश (12%), महाराष्ट्र (9.6%), दिल्ली (8.9%) और तेलंगाना (7.6%) का स्थान है। इन पांच राज्यों में देश की कुल 9.95 लाख महिला यौनकर्मियों में से 53% से अधिक रहती हैं।
इस अध्ययन का नेतृत्व नेशनल एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रदीप कुमार ने किया। इसमें देश के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 651 जिलों को कवर किया गया। अध्ययन में 43,579 हॉटस्पॉट्स की पहचान की गई, जिनमें 642 जिलों में FSWs मौजूद थीं। इनमें से 34 जिले ऐसे थे जहां 5,000 से अधिक यौनकर्मी थीं। आंध्र प्रदेश में ऐसे 5 जिले और तेलंगाना में 6 जिले पाए गए। 16,095 गांवों में भी महिला यौनकर्मी मौजूद पाई गईं।
अध्ययन में यह भी सामने आया कि 55.1% हॉटस्पॉट्स पर यौनकर्मी घरेलू स्तर पर काम करती हैं। वहीं, लगभग 14% यौनकर्मी केवल 10,718 नेटवर्क ऑपरेटरों के माध्यम से काम करती हैं और 9% यौनकर्मी लिंक वर्कर स्कीम (LWS) गांवों में पाई गईं।
तेलंगाना में 568 नेटवर्क ऑपरेटरों की पहचान की गई — जो देश में सबसे अधिक में से एक है। आंध्र प्रदेश में प्रत्येक LWS गांव में औसतन 10 महिला यौनकर्मी थीं, जबकि तेलंगाना में यह संख्या 8 थी।
तेलंगाना न केवल महिला यौनकर्मियों की सघनता में बल्कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (H/TG) और पुरुष-समलैंगिक (MSM) की प्रति हॉटस्पॉट सघनता में भी देश में सबसे आगे रहा।
तेलंगाना में प्रति हॉटस्पॉट औसतन 25 ट्रांसजेंडर व्यक्ति दर्ज किए गए — जो कि दिल्ली (24), गुजरात (21), आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र (20-20) से भी अधिक है। हालांकि कुल ट्रांसजेंडर आबादी में दिल्ली (18.6%) सबसे आगे है, लेकिन तेलंगाना में ट्रांसजेंडरों की उपस्थिति कहीं अधिक सघन पाई गई।
देशभर में अनुमानित 96,193 ट्रांसजेंडर व्यक्ति हैं, जिनमें से 90.8% हॉटस्पॉट्स पर मौजूद पाए गए। अध्ययन में 6,585 ट्रांसजेंडर हॉटस्पॉट्स की पहचान की गई, और 15,231 समुदाय-सदस्यों से डेटा एकत्र किया गया।
वहीं MSM (पुरुष-समलैंगिक) समुदाय में भी तेलंगाना शीर्ष पर रहा, जहां प्रति हॉटस्पॉट 50 MSM दर्ज किए गए। इसके बाद दिल्ली (29) और गोवा (27) का स्थान रहा। आंध्र प्रदेश की MSM आबादी देश में 6.3% है, लेकिन तेलंगाना की हॉटस्पॉट सघनता जोखिम के अधिक जटिल स्वरूप की ओर इशारा करती है।
अध्ययनकर्ताओं ने नियमित, समुदाय-आधारित PMPSE गतिविधियों पर जोर दिया है ताकि स्वास्थ्य रणनीतियां अधिक प्रभावी बन सकें। उनका मानना है कि इस तरह का व्यापक मानचित्रण एचआईवी रोकथाम और देखभाल कार्यक्रमों को अधिक लक्षित और क्षेत्रीय बना सकता है, विशेष रूप से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में जहां उच्च जोखिम वाले समूहों की सघनता अधिक है।
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