राजस्थान: मुस्लिमों के मेव समाज ने गोकशी रोकने के लिए खुद बनाया ये नियम, उलंघन पर जुर्माना और बहिष्कार

मेव समाज के सदर शेर मोहम्मद की अध्यक्षता में किशनगढ़बास विधानसभा क्षेत्र में हुई मेव महापंचायत। समाज के जिम्मेदारों ने ली इससे दूरी बनाने की शपथ। ऐसा करने पर समाज से बहिष्कृत कर जुर्माना लगाने का भी लिया निर्णय। सदर बोले चंद लोगों के लिए पूरा मेव समाज क्यों झेले बदनामी का दंश। समाज पकड़ कर पुलिस को सौंपेगा ऐसे लोगों को।
मेव महापंचायत
मेव महापंचायत

जयपुर। मेवात में गोकशी व तस्करी करने वालों की खैर नहीं है। ऐसे लोगों का मेव समाज हुक्का पानी बंद कर बहिष्कृत करने की तैयारी कर चुका है। इससे जुड़े असमाजिक तत्वों को अब समाज दंडित करेगा। फिर भी नहीं माने तो, पकड़ कर समाज खुद पुलिस के हवाले करेगा। शनिवार 9 मार्च को राजस्थान की किशनगढ़बास विधानसभा क्षेत्र के मेदावास गांव के पास मेव समाज की पंचायत में यह निर्णय लिया गया। समाज ने एसे लोगों को इलाके से बाहर निकालने तक का निर्णय किया है। समाज का यह निर्णय मेव समाज पर गोकशी के बदनुमा दाग को साफ करने में काफी हद तक सार्थक साबित होने वाला है।

अल्लाह के नाम पर ली सपथ

महापंचायत में मेव समाज ने अल्लाह के नाम पर हाजत (शपथ) भी ली है। मेव समाज के सदर शेर मोहम्मद मेव ने पंचायत में आए जिम्मेदारों को शपथ दिलाई कि "हम जिम्मेदार लोग अल्लाह को हाजिर नाजिर (उपस्थित) मानकर यह हाजत (शपथ) लेते हैं कि, गोकशी व गौ तस्करी के खिलाफ रहेंगे। न ही इसको खाने के लिए इस्तेमाल (उपयोग) करेंगे। हम गौ तस्करी इलाके में होने नहीं देंगे। न ही गोकशी वालों को इलाके में रहने देंगे। हम अहद (वादा) करते हैं, कि हमारे इलाके में गाय मांस को किसी भी सूरत में न लाने दिया जाएगा न खाने दिया जाएगा।"

किशनगढ़बास विधानसभा क्षेत्र के मेदावास गांव के पास हुई मेव महापंचायत में समाज लोगों ने कहा कि हम गोकशी का विरोध तो करते हैं, लेकिन समाज के ही असामाजिक तत्व इससे जुड़े रहते हैं। इससे इस बुराई पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। महापंचायत में उलेमाओं ने भी गौ मांस के उपयोग से बचने की सलाह के साथ सरकारी कानून की पालना व लोगों की भावनाओं की कदर करने की बात कही। पंचों ने कहा कि हम लोग इससे दूरी बना लेंगे तो खरीद फरोख्त बंद हो जाएगी।

मेव समाज के सदर शेर मोहम्मद मेव ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि, गोकशी व गौ तस्करी मेवात पर बदनुमा दाग है। असामाजिक तत्वों की वजह से पूरा समाज बदनाम है। इसलिए हमने समाज की पंचायत में सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अब मेवात (राजस्थान) में  गोकशी रोकने के लिए 31 लोगों की निगरानी समिति का गठन किया है। यह लोग गोकशी व तस्करी से जुड़े लोगों पर नजर रखेंगे। ऐसा करने पर समाज को सूचित भी करेंगे। इसके अतिरिक्त खबर देने वाले को समाज 11 हजार रुपए का इनाम देगा। साथ ही झूठी सूचना देने पर 21 हजार रुपए का दंड भी लगाएंगे। उन्होंने कहा कि हो सकता है कोई व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण भी झूठी सूचना दे दे।

शेर मोहम्मद आगे कहते हैं कि, जिसके घर में गाय काटना पाया गया, उस पर डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना करेंगे। समाज से बहिष्कृत करेंगे। न कोई गम में शामिल होगा न खुशी में शामिल होगा। हुक्का पानी बंद कर देंगे। जो गौ तस्करी करेगा (काटने के लिए गाय लाकर देगा) उस पर एक लाख का जुर्माना करेंगे।

बैठक में किशनगढ़बास इलाके के मिर्जापुर, बिरसनपुर, बागोड़ा, मेदावास, खानपुर रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र का कोलाड़ी (रघुनाथ गढ़), व तिजारा सहित पूरे अलवर जिले के मेव समाज के लगभग दो हजार लोग एकत्रित हुए।  

बीते दिनों किशनगढ़बास इलाके में गोकशी (बीफ मंडी) का खुलासा हुआ था। इसमें यह सामने आया था कि कुछ लोग गाय काट कर हरियाणा में गौ मांस सप्लाई करते हैं। मेव समाज के सदर ने कहा कि ऐसे लोगों की वजह से पूरा मेव समाज बदनाम होता है। हमारे यहां के लोग न तो गौ मांस खाते हैं न गोकशी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि 2 से 5 प्रतिशत लोग इससे जुड़े हो सकते हैं। हम चाहते हैं कि चंद लोगों को लिए पूरा समाज बदनामी का दंश क्यों झेले? इन्हें सुधारने के लिए ही हमने पंचायत की है। इसलिए जिस इलाके में गोकशी का खुलासा हुआ उसी इलाके में पंचायत कर मेव समाज के सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य व अन्य जनप्रतिनिधि तथा समाज के प्रतिष्ठित लोगों को बुलाया था।    

गौकशी के विरोध में मेवात (राजस्थान) में हुई मेव महापंचायत में शामिल हुए मौलवी जुबैर अहमद ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि, इस्लाम में गौ मांस के उपयोग की बात करें तो पैगंबर (प्रोफिट) हजरत मोहम्मद साहब ने कभी गौ मांस नहीं खाया। इस्लाम में भी गाय के घी व दूध को फायदेमंद बताया गया है। जबकि मीट में वबा (बीमारी) बताई गई है। उन्होंने कहा कि आलिमों (इस्लाम के जानने वाले) से भी मैंने इसकी पुष्ठी की है।

..... तो फिर इस काम को क्यों करते हैं?

गोकशी को लेकर मेवातियों पर मुकदमे हुए, गिरफ्तारी हुई। गोकशी के आरोप में हत्या तक हुई। सब जानते हैं यह गलत है, तो फिर इस काम को क्यों करते हैं? इस सवाल पर मौलवी जुबैर अहमद ने कहा कि, इसका सबसे बड़ा कारण अशिक्षा है। दूसरा बड़ा कारण मेवात में बेरोजगारी है। आप देखें गरीब व बेरोजगार ही इस अपराध से जुड़ते हैं। सरकार मेवात में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम करने के साथ रोजगार के आयाम स्थापित करे तो गोकशी जैसे अपराध पर अंकुश लग सकता है।

मौलवी जुबैर अहमद ने कहा कि, इस्लाम को ठीक से पढ़ा होता तो भी लोग इससे (गोकशी) गुरेज करते। उन्होंने कहा कि, "मैं इनकार नहीं कर सकता कि कोई भी मुसलमान इसका उपयोग नहीं करता, लेकिन मैं गाय का मांस नहीं खाता हूं। क्योंकि मैं सामाजिक व शारीरिक तौर पर इसे समझता हूं। इसलिए समाज ने एकत्रित होकर इससे दूरी बनाने का निर्णय लिया है।"

अहमद आगे कहते हैं कि, गोकशी व तस्करी को किसी एक मजहब से नहीं जोड़ना चाहिए। इसमें जितने मुस्लिम मेव हैं, इनते ही दूसरे धर्म को मानने वाले लोग शामिल हैं। आप सरकारी आंकड़ों का आकलन करेंगे तो पता चलेगा गौ तस्करी में कितने दूसरे धर्म के लोग गिरफ्तार होते हैं? उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए पूछा, गोकशी के लिए गोवंश खरीदने के लिए ब्याज पर पैसा कौन दे रहा है? खरीद कर कौन ला रहा है? मुसलमानों को काटने के लिए गाय लाकर कौन बेच रहा है?

"मेवात में गौकशी की ईमानदारी से जांच की गई तो कई चेहरों से नकाब उतरेगा। दिल्ली, गुडगांव, गाजियाबाद तक गौ मांस सप्लाई की चैन कैसे सफल हो रही है? इसकी भी तो पड़ताल की जाए। यहां मुसलमान होने के कारण केवल मेव बदनाम है। फिर भी मेव समाज इस कुरीति को रोकने के लिए आगे नहीं आ रहा है," उन्होंने कहा.

उन्होंने कहा कि समाज के साथ प्रशासन को ईमानदारी से कदम उठाने की जरूरत है। गोकशी से जुड़े चंद लोगों को रोकना बड़ी बात नहीं है। हमें मिलकर इस बुराई को रोकने के लिए गांव-गांव जागरूकता के कार्यक्रम चलाने होंगे। लोगों में इसके नुकसान को लेकर प्रचार-प्रसार करना होगा। मेव समाज इसे रोकने के लिए समाज में प्रचार-प्रसार करेगा।

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