मेरठ, उत्तर प्रदेश – जनपद के लावड़ गांव में एक दलित परिवार के साथ कथित रूप से पुलिस द्वारा की गई मारपीट का मामला सामने आया है। यह घटना 7 मई की बताई जा रही है, जिसका वीडियो शुक्रवार को सामने आया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं को लाठी-डंडों से पीटा और सोने-चांदी के गहने छीन लिए।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, गांव में दो भाइयों सुशील और सुनील के बीच संपत्ति विवाद की सूचना पुलिस को मिली थी। जांच के लिए पहुंची पुलिस जब दोनों भाइयों को थाने ले जाने लगी, तो परिवार की महिलाओं ने इसका विरोध किया। पीड़िता कविता ने बताया कि विरोध करने पर पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को गली में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
कविता ने आरोप लगाते हुए कहा, "मेरे पति और देवर को पुलिस खींचकर ले जा रही थी। जब मेरी सास, जेठानी और मैंने विरोध किया, तो पुलिस ने हमें भी पीटना शुरू कर दिया। बाइक से लाठी-डंडे निकाले और मारने लगे। मोहल्ले के एक व्यक्ति ने छत से इसका वीडियो बनाया, जिसे हमने SSP को सौंपा है। हमें न्याय चाहिए।"
एसपी देहात डॉ. राकेश कुमार मिश्रा ने आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि पुलिस विवाद सुलझाने गई थी, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस से अभद्रता की।
उन्होंने कहा:
महिलाओं ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और एक अंडर-ट्रेनी कांस्टेबल की वर्दी फाड़ दी। वायरल हो रहा वीडियो एकपक्षीय है, असली स्थिति इससे अलग है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
शुक्रवार को भीम आर्मी के कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के साथ SSP कार्यालय पहुंचे और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। भीम आर्मी के पदाधिकारी आदेश ने कहा:
पुलिस की इस तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन किया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के विधायक ने भी इस घटना की निंदा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
यह उत्तर प्रदेश पुलिस का बर्बर रवैया है। लावड़ में दलित समाज की महिलाओं के साथ की गई मारपीट निंदनीय है। राज्य में महिलाओं के साथ पुलिस दुर्व्यवहार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सरकार को दोषियों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
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