उत्तर प्रदेश। इटावा के कथावाचक अपमान केस में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इटावा पुलिस ने दोनों कथावाचकों के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने के मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत सिंह यादव के खिलाफ ये मुकदमा इटावा के बकेवर थाने में दर्ज किया है।
दरअसल, इटावा के बकेवर इलाके में स्थित दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान जाति छुपाने के मुद्दे पर 21 जून को दोनों कथावाचकों की पिटाई की गई थी। इस दौरान उनके बाल भी काट दिए गए थे। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया था।
हालांकि, इस मामले में सियासत तेज होने के बाद दोनों कथावाचकों पर फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने का आरोप लगा था। इस मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड मिले हैं, जिन पर दो अलग-अलग नाम हैं।
इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले में जांच शुरू कर दी है।
कथावाचकों के साथ हुई अभद्रता को लेकर सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल उठाए थे। उन्होंने एक्स अकाउंट पर लिखा था, "इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई। हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध किया गया अपराध है। सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए। अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे।"
इसके बाद, दोनों कथावाचकों ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी। अखिलेश ने एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा था, "‘इटावा कथावाचन पीडीए अपमान कांड’ के पीड़ितों का सम्मान किया गया और उनकी आर्थिक हानि के लिए सहायता राशि दी गई और जिस दृष्टिहीन कलाकार की ढोलक छीनी गयी, उसे नई ढोल भी दी गई।"
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने इटावा की घटना का जिक्र करते हुए सीएम योगी से सवाल किया।
उन्होंने कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री अब तक क्या सो रहे थे? उनको जब जगना था, तब तो वह जगे नहीं। कथावाचकों को अपमानित किया गया और चोटी काट दी गई। अगर ये बात सच है तो हम किस बात के विश्व गुरु हैं? क्या आपको लगता है कि दुनिया के लोग इस मामले को नहीं देख रहे होंगे? दुनिया के लोग जरूर देख रहे होंगे कि भारत में क्या हो रहा है।"
उन्होंने कहा, "अगर ट्रंप जी को पता लग जाए कि इटावा में ऐसा हुआ है, तो समझ लो क्या होगा। मैं संविधान को मानता हूं। वह कहते हैं कि हम चार बजे जग जाते हैं, लेकिन इटावा के अंदर रातभर कथावाचक अपमानित होते रहें। मैं सरकार से सवाल करता हूं कि इस तरह की घटना क्यों हो रही है? इससे पहले मुझे महोबा की घटना की जानकारी मिली थी। एक शादीशुदा दलित परिवार को चप्पल नहीं उतारने पर अपमानित होना पड़ा।"
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "समाज और संस्थाओं के कई सम्मानित सदस्यों ने महान विचार साझा किए हैं। आज छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती पर हम छत्रपति शाहूजी महाराज, डॉ. बीआर अंबेडकर, डॉ. राममनोहर लोहिया और अन्य महान हस्तियों के दिखाए गए मार्ग को याद करते हैं। हम इस मार्ग पर चलते रहेंगे और सामाजिक न्याय की स्थिति स्थापित करने के लिए अथक प्रयास करेंगे।"
अखिलेश यादव ने तेज प्रताप यादव के साथ हुई बातचीत के बारे में भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया। उन्होंने कहा, "मेरा उनके (तेज प्रताप यादव) साथ अच्छा संबंध है। मुझे नहीं पता था कि उनके साथ इतनी बात हो जाएगी। उनका कॉल दो बार आया था, इसके बाद मैंने उनसे बात की और मैंने उनसे पूछा कि क्या वह चुनाव लड़ रहे हैं या नहीं? मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि बिहार में भाजपा बहुत बुरी तरह हार रही है। वहां के लोग जान गए हैं कि जो फॉर्मूला महाराष्ट्र में अपनाया गया कि मुख्यमंत्री को आगे रखो और चुनाव के बाद दूसरा मुख्यमंत्री बना दो, बिहार के लोग इस बात को अच्छे से समझते हैं।"
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