927 एकड़ ज़मीन पर दलितों का हक़! सैकड़ों गिरफ्तार, जेल में भूख हड़ताल... पंजाब सरकार पर भड़का ग़ुस्सा

927 एकड़ ज़मीन पर दलितों के हक की मांग को लेकर ज़मीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के कार्यकर्ताओं की जेल में भूख हड़ताल, सैकड़ों गिरफ्तार, प्रशासन पर गंभीर आरोप।
Over 100 ZPSC Activists Launch Hunger Strike in Jail, Demand Land Redistribution for Dalits in Punjab.
पंजाब में ज़मीन की मांग को लेकर 100 से अधिक ज़मीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के कार्यकर्ता जेल में भूख हड़ताल परग्राफिक- राजन चौधरी, द मूकनायक
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संगरूर — पंजाब में ज़मीन के अधिकारों को लेकर चल रहे आंदोलन ने उस समय नया मोड़ ले लिया जब 20 मई को संगरूर में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए ज़मीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी (ZPSC) के 125 से अधिक कार्यकर्ताओं ने जेल परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जिंद रियासत की 927 एकड़ ज़मीन को भूमिहीन दलित परिवारों में बांटा जाए और उस पर प्रस्तावित ‘बेगमपुरा’ बसाया जाए।

यह मांग अगस्त 2023 में जिंद रियासत के अंतिम शासक सतबीर सिंह के निधन के बाद उठी। ZPSC का कहना है कि यह ज़मीन संगरूर जिले के बीड़ ईस्वान गांव में स्थित है और भूमि सीमा कानून के तहत कोई भी व्यक्ति 17 एकड़ से अधिक ज़मीन का मालिक नहीं हो सकता। इसलिए यह ज़मीन सरकार के अधीन आनी चाहिए और भूमिहीन दलितों को दी जानी चाहिए।

ZPSC अध्यक्ष मुकेश मलौद और कोषाध्यक्ष बक्कर सिंह हथोआ ने आरोप लगाया कि 20 मई को जब कार्यकर्ता शांतिपूर्वक बीड़ ईस्वान गांव की ओर मार्च कर रहे थे, तब उन्हें बलपूर्वक रोककर गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ लोगों को देर रात रिहा कर दिया गया, लेकिन 400 से अधिक प्रदर्शनकारी अभी भी हिरासत में हैं, जिनमें लगभग 300 को विभिन्न जेलों में बंद किया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पेंडू खेत मज़दूर यूनियन (PKMU) के अध्यक्ष तरसेम पीटर ने बताया कि संगरूर जेल में 70, मलेरकोटला में 35, पटियाला में 66, नाभा में 85 और बठिंडा जेल में लगभग 100 महिलाएं बंद हैं। कई अन्य कार्यकर्ताओं की लोकेशन अब तक प्रशासन ने सार्वजनिक नहीं की है। पीटर ने कहा, “यह लोकतंत्र के हर सिद्धांत का उल्लंघन है।”

ZPSC ने आरोप लगाया है कि जेल में बंद कार्यकर्ताओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उन्हें भीड़भाड़ वाले बैरकों में रखा गया है, साफ पीने का पानी नहीं दिया जा रहा, भोजन की व्यवस्था खराब है और परिवारों द्वारा भेजे गए ज़रूरी सामान तक उनसे छीन लिए जा रहे हैं।

इस आंदोलन में कई छात्र कार्यकर्ता भी शामिल हैं, जिनमें पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन की सुखदीप कौर भी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें जेल में अपने परीक्षा देने की अनुमति तक नहीं दी गई। ZPSC ने इसे “तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या” बताया है।

इस घटनाक्रम के बाद पेंडू मज़दूर यूनियन ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान शुरू कर दिया है। यूनियन के महासचिव अवतार सिंह रसूलपुर ने कहा, “400 से अधिक दलित मज़दूर — पुरुष और महिलाएं — गिरफ्तार किए गए हैं और कई अब भी लापता हैं। यह पूरी कार्रवाई अन्यायपूर्ण और अलोकतांत्रिक है।”

यूनियन के प्रेस सचिव कश्मीर सिंह घूगाशोर ने कहा, “सरकार ज़मीनदारों और कॉरपोरेट घरानों के साथ खड़ी है और बेगमपुरा बसने से रोक रही है, जो 927 एकड़ ज़मीन पर भूमिहीन मज़दूरों के लिए प्रस्तावित एक बस्ती है। हम सभी गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।”

इस मुद्दे पर संगरूर के डिप्टी कमिश्नर संदीप ऋषि ने बताया, “927 एकड़ में से लगभग 800 एकड़ वन भूमि है, जबकि 125 एकड़ खेती योग्य ज़मीन कुछ निजी लोगों के कब्ज़े में है, जिनका संबंध जिंद रियासत के दिवंगत शासक सतबीर सिंह से है। इस ज़मीन का स्वामित्व अभी सरकार को नहीं सौंपा गया है, और मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं, इसलिए सरकार या कोई संगठन इस पर अभी दावा नहीं कर सकता।”

इस बीच जालंधर से रविदासिया समाज के सबसे बड़े डेरा संत सर्वन दास जी सचखंड बलान के पूर्व महासचिव सतपाल विरधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर इस कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने लिखा, “यह गिरफ्तारी पंजाब के दलितों के साथ अन्याय है। यह संविधान की आत्मा के खिलाफ है और न्याय की पूरी अवधारणा पर आघात है।”

विरधी ने सभी गिरफ्तारियों की निष्पक्ष जांच, तुरंत रिहाई और ज़मीनी संगठनों से पारदर्शी संवाद की मांग की है। उन्होंने कहा, “भूमिहीन लोगों की यह मांग भीख नहीं, उनका संवैधानिक अधिकार है। 1972 में भूमि सुधार कानून लागू हुआ था, लेकिन आज तक यह कागजों में ही है और असलियत में दमन हो रहा है।”

भूमि के अधिकारों को लेकर जारी यह संघर्ष अब पूरे राज्य और देश में मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय के सवालों को नई दिशा दे रहा है।

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