फगवाड़ा — पंजाब के जालंधर ज़िले के फिल्लौर तहसील स्थित नंगल गांव में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के अपमान की घटना के विरोध में मंगलवार को फगवाड़ा रेस्ट हाउस में कई प्रमुख अनुसूचित जाति (एससी) संगठनों की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में दोषियों की गिरफ्तारी, प्रशासन की नाकामी पर सवाल और डॉ. आंबेडकर की मूर्तियों की सुरक्षा को लेकर ठोस उपायों की मांग की गई।
बैठक का आयोजन गुरु रविदास टाइगर फोर्स, आंबेडकर सेना मूलनिवासी और युवा विकास मोर्चा जैसे प्रमुख दलित संगठनों द्वारा किया गया। इसमें यश बर्ना (अध्यक्ष, गुरु रविदास टाइगर फोर्स), धर्मेंद्र बोथ (अध्यक्ष, आंबेडकर सेना मूलनिवासी), अनु सुहोता और अश्विनी सुहोता (अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, युवा विकास मोर्चा) समेत कई आंबेडकरवादी और मूलनिवासी कार्यकर्ता शामिल हुए।
आंबेडकर सेना के सदस्य अधिवक्ता रणदीप कुमार कैली ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह दलित अस्मिता पर सीधा हमला है और प्रशासन एवं पुलिस मूर्तियों की सुरक्षा करने में विफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय प्रणाली में कानूनी खर्च अधिक होने के कारण एससी समुदाय के लिए न्याय प्राप्त करना बेहद कठिन होता जा रहा है।
कैली ने खालिस्तानी समर्थक और अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू पर समुदाय को भड़काने और स्थानीय युवाओं को विदेश भेजने के बहाने उकसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दलित नेताओं को एकजुट होकर ऐसे षड्यंत्रों का मुकाबला करना होगा।
गुरु रविदास टाइगर फोर्स के प्रतिनिधि यश बर्ना ने संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर ने सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान की भावना को बढ़ावा दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पन्नू और उसके समर्थक 'केशधारी हिंदू' और सिख पहचान के बीच भ्रम फैलाकर समुदायों के बीच दरार पैदा कर रहे हैं।
आंबेडकर सेना मूलनिवासी के मनीर बोध ने स्थानीय एससी सांसदों और विधायकों की चुप्पी पर तीखी आलोचना की, विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर सवाल उठाए। वहीं, मनी आंबेडकरी ने कहा कि दलितों की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है और अलगाववादी संगठनों की चुप्पी इस पीड़ा को और बढ़ा रही है।
नेशनल मूलनिवासी संघ के अध्यक्ष अजय मूलनिवासी ने सभी दलित संगठनों से एकजुट होने की अपील की और ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए सामूहिक रणनीति बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पन्नू के खिलाफ कार्रवाई न करने पर सवाल उठाए और अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की मांग की।
अजय ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इन घटनाओं के पीछे परोक्ष रूप से सक्रिय हो सकता है, खासकर पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में, जहां संघ की पकड़ कमजोर मानी जाती है। उन्होंने दावा किया कि पन्नू आरएसएस का “एजेंट” बनकर अशांति फैलाने का काम कर रहा है।
बैठक के अंत में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि बुधवार सुबह 10 बजे फगवाड़ा के हरगोबिंद नगर स्थित आंबेडकर पार्क में सभी एससी नेता और समर्थक इकट्ठा होकर उपमंडल अधिकारी (एसडीएम) को ज्ञापन सौंपेंगे। इसमें दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और आंबेडकर की मूर्तियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की जाएगी।
संगठनों ने यह भी सुझाव दिया कि डॉ. आंबेडकर की सभी मूर्तियों पर सेंसर-आधारित अलर्ट सिस्टम लगाए जाएं, ताकि किसी भी छेड़छाड़ की स्थिति में स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचना मिल सके।
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