भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अदालत ने 20 वर्ष के कैद की सजा सुनाई है। वहीं प्रदेश के नर्मदापुरम में न्यायालय ने 14 वर्षीय बच्ची से बलात्कार के एक मामले में भी दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
दरअसल सागर में प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति मिश्रा की कोर्ट में हुई। अभियोजन के मीडिया प्रभारी ने बताया कि 3 फरवरी 2021 को कैंट थाने में पीड़िता ने शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि वह आरोपी को करीब 4 माह से जानती है। वह उसके पड़ोसी के घर आता-जाता था। जिस कारण उसकी आरोपी अजय से जान-पहचान हो गई थी। आरोपी अजय उससे कहता था कि वह उसे अच्छी लगती है और कभी-कभी उससे मिलने घर तरफ आ जाता था। 20 नवंबर 2020 को दोपहर करीब 2 बजे पीड़िता घर पर अकेली थी। तभी आरोपी अजय घर आया और उससे पूछा कि घर पर कौन है तो पीड़िता ने बताया कि सभी काम पर गए हैं। जिसके बाद आरोपी घर पर थोड़ी देर बैठा और घर के दरवाजे लगा लिए। गंदी हरकत करने लगा और जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता के द्वारा कोर्ट को बताया गया था, की घटनाक्रम के दौरान पीड़िता चिल्लाई। लेकिन आसपास कोई नहीं था। इसलिए किसी ने आवाज नहीं सुनी। आरोपी अजय से कहा कि वह उसकी शिकायत करेगी तो पिता और भाई घर वापस नहीं आ पाएंगे। जिससे पीड़िता डर गई और उसने यह बात किसी को नहीं बताई। उसके बाद आए दिन अजय उसके साथ गलत काम करता था। 1 फरवरी 2021 को हिम्मत करके पीड़िता ने मां को अपनी आपबीती बताई। जिसके बाद परिवार वालों ने पीड़िता के साथ थाने पहुंचकर शिकायत की। शिकायत पर पुलिस ने मामले को दर्ज कर लिया।
कोर्ट ने मामले में सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान अभियोजन साक्ष्य और दस्तावेज न्यायालय में पेश किए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए आरोपी अजय पटेल को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।
नर्मदापुरम में 14 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाले को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट, नर्मदापुरम के न्यायालय आरोपी हेमू कीर को दोषी पाते हुए पॉक्सो अधिनियम में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि 14 वर्षीय किशोरी को 3 जनवरी 2022 की आधी रात में आरोपी मुँह बांधकर उठाकर गाड़ी में बैठाकर पानवर्री में एक कमरे में ले गये थे। नशीला पदार्थ खिलाकर उसे बांध दिया। फिर आरोपी सुरेश, सूरज, रामकुमार गाड़ी से आएं फिर पीड़िता को गाड़ी में बैठाकर मुँह बांधकर होरियापीपर अपने घर ले गए। फिर विदिशा विक्की के घर ले गये थे, जहां पीड़िता को बंद कर दिया। आरोपी हेमू सुरेश, सूरज, रामकुमार ने बलात्कार किया। आरोपी राजकुमारी भी विदिशा पहुंची। फिर आरोपी पीड़िता को सलकनपुर ले जाकर आरोपी हेमू ने जबरदस्ती शादी की। फिर पीड़िता को आरोपी विदिशा ले गए। जहां पर पुलिस पहुंच गई और सभी को पुलिस ने पकड़ लिया। हेमंत श्रीवास्तव निरीक्षक ने विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जांच के दौरान के दौरान पीड़ित द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से घटना की पुष्टि होने पर आरोपी हेमू कीर को 20 वर्ष का सश्रम कारावास और तीन हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
मध्यप्रदेश नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में नंबर वन पर है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की साल 2021 की रिपोर्ट में देश में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के 33036 तो मध्य प्रदेश में 3515 मामले दर्ज हुए। जबकि कुल ज्यादती के मामलों में 6462 एमपी में ही हुए। रिपोर्ट के मुताबिक हर तीन घंटे में एक बच्ची से दुष्कर्म हुआ। साल 2020 में भी यही स्थिति थी। तब 5598 दुष्कर्म के केस दर्ज हुए थे, इनमें 3259 नाबालिग बच्चियों के थे। साल 2020 में भी एमपी देश में नंबर वन था।
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