वंचित-शोषित तबके से आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वरदान बनी यह शैक्षिक योजना, जानिए कैसे मिल रहा लाभ

राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 10 हजार से अधिक छात्र प्रतिवर्ष हो रहे लाभांवित
वंचित-शोषित तबके से आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वरदान बनी यह शैक्षिक योजना, जानिए कैसे मिल रहा लाभ

जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, व आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए वरदान साबित हो रही है। योजना के तहत राजस्थान सरकार दूसरे शहरों में रहकर कोचिंग करने वाले चयनित अभ्यर्थियों को आर्थिक सहयोग भी कर रही है। 

आर्थिक तंगी के कारण प्रतियोगी परीक्षा व प्रोफेशनल कोर्स से वंचित अभ्यर्थियों के लिए समान अवसर उपलब्ध करवाने के मकसद से राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना शुरू की है। योजना के तहत 50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित रखते हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक व आर्थिक पिछड़ा वर्ग से आने वाले अभ्यर्थियों को ही प्राथमिकता दी जाती है ताकि अपनी आर्थिक स्थिति के कारण प्रतिभाशाली छात्र अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने से वंचित नहीं रह जाएं।

आवास व भोजन के लिए 40 हजार रुपए की मदद

मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत छात्र-छात्राओं का चयन करने के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं के अंकों के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है। मेरिट के आधार पर ही लाभार्थियों का चयन किया जाता है। योजना के तहत ऐसे विद्यार्थी जो पढ़ाई करने के लिए अपने घर से दूर किसी दूसरे शहरों में जाते है। पारिवारिक वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम है। ऐसे छात्रों को इस योजना के तहत आवास व भोजन के लिए प्रति वर्ष 40 हजार रुपए भी प्रदान किए जा रहे हैं। 

दस हजार अभ्यर्थियों को लाभान्वित करने की मंजूरी

योजना के तहत हाल ही में दस हजार विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत समाज के हर तबके हर वर्ग से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों व अभ्यर्थियों को लाभ दिया जाएगा। प्रदेश सरकार का प्रयास है की राज्य के सभी प्रतिभावान छात्रों को इस योजना के माध्यम से आगे बढ़ने का सामान अवसर मिले। 

योजना का लाभ लेने की पात्रता

राजस्थान मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना का आवेदन करने के इच्छुक छात्र-छात्राओं को आवेदनकर्ता राजस्थान राज्य में स्थायी रूप से निवास करता हों। जिन अभ्यर्थियों के अभिभावक पे-मैट्रिक्स लेवल-11 का वेतन का लाभ उठा रहें है, आवेदन कर सकते है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग से संबंधित छात्र-छात्रा आवेदन करने के पात्र होंगे। जिन छात्र-छात्रों की पारिवारिक वार्षिक आय 8 लाख रुपए या इससे कम है वे आवेदन कर सकते हैं। ऐसे छात्र-छात्रा जिन्होंने एंट्रेंस एग्जाम पास करके एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में एड्मिशन लिया या जिन्होंने प्रतियोगी परीक्षा का निर्धारित चरण पास किया है, आवेदन कर सकते हैं। जिन अभ्यर्थियों का नंबर मेरिट लिस्ट में होगा वे कोचिंग इंस्टिट्यूट में फ्री एड्मिशन ले सकते हैं। 

यह दस्तावेज हैं जरूरी

मुख्यमंत्री अनुप्रति योजना का आवेदन करने के लिए पात्र छात्र-छात्राओं के पास आवेदक का आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो प्रतियोगी परीक्षाओं में पास होने के प्रमाण पत्र, शपथ पत्र शिक्षण संस्थान में एडमिशन लेने का प्रमाण, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी जरूरी है। ताकि चयन होने पर अभ्यर्थियों को सूचित किया जा सके। 

इन प्रतियोगी परीक्षाओं की कर सकेंगे तैयारी

इस योजना के अंतर्गत अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं को शामिल किया गया है, जिसमें यूपीएससी, एसएससी द्वारा कराए जा रहे विभिन्न एग्जाम के साथ राज्य चयन आयोग द्वारा कराए जा रही भर्ती परीक्षाएं शामिल है। इस योजना का लाभ केवल साल में एक बार लिया जा सकता है।  

सत्र 2022-23 के लिए इतने आवेदन आए

सवाईमाधोपुर जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी ( पीआरओ ) सुरेंद्र मीना ने बताया कि राजस्थान के 33 जिलों में मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत 15678 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 13685 आवेदन स्वीकार किए गए हैं। मीना ने बताया कि प्रतापगढ़ जिले में 360 में से 254 आवेदन स्वीकार किए गए हैं। झुंझुनू में 411 में से 352, बूंदी में 261 में से 200, अजमेर में 418 में से 355, अलवर में 737 में से 629, बांसवाड़ा में 697 में से 573, बारां में 333 में से 286, बाड़मेर में 574 में से 530, भरतपुर में 602 में से 558, भीलवाड़ा में 346 में से 265, बीकानेर में 341 में से 292, चित्तौड़गढ़ में 198 में से 168, चूरू में 409 में से 348, दौसा में 905 में से 789, धौलपुर में 300 में से 231, डूंगरपुर में 569 में से 562, हनुमानगढ़ में 310 में से 270, जयपुर में 1517 में से 1358, जैसलमेर में 139 में से 125, जालोर में 348 में से 309, झालावाड़ में 318 में से 248, जोधपुर में 844 में से 810, करोली में 537 में से 475, कोटा में 405 में से 355, नागौर 794 में से 711, पाली में 332 में से 300, राजसमंद में 149 में से 149, सवाईमाधोपुर में 426 में से 369, सीकर में 650 में से 576, सिरोही 186 में से 169, श्रीगंगानगर में 314 में से 288, टोंक 458 में से 350 तथा उदयपुर 490 में से 431 आवेदन स्वीकार हुए हैं।

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