राजस्थान में ओवैसी की दस्तक से क्यों चढ़ा राजनीति का पारा?

राजस्थान के मुसलमानों के हालात पर एआईएमआईएम की रिपोर्ट- हर तीसरा बच्चा कुपोषित, 34 फीसदी संक्रमित, आर्थिक स्थिति सबसे कमजोर
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जयपुर. राजस्थान में  एआईएमआईएम ( ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ) की दस्तक से राजनीतिक गलियारों में हलचल है। राजस्थान की राजनीति का पारा भी चढ़ गया है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के जयपुर प्रवास के दौरान उनसे कांग्रेस की गहलोत सरकार में एक राज्यमंत्री और कई विधायकों ने होटल में मुलाकात की। ओवैसीऔर कांग्रेस नेताओं की यह मुलाकात राजस्थान में कांग्रेस सरकार के रिपीट होने का दावा कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चिंता बढ़ाने वाली है। ओवैसी ने जनसभा में इस मुलाकात कर जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के कई विधायक और मंत्री उनके सम्पर्क में है। समय आने पर उनके नामों का खुलासा भी कर दिया जाएगा। 

बता दें कि चुनावी सीजन में देश भर में मुस्लिम बाहूल्य क्षेत्रों में ही एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी और इनकी पार्टी सक्रिय रहती है। इससे किस पार्टी को फायदा होता है यह भी जगजाहिर है। बिहार का चुनाव इसका उदहारण है जहां दर्जनो सीटों पर एआईएमआईएम   के प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। वहां भाजपा को फायदा हुआ है। हालांकि ओवैसीअपनी सभाओं में भाजपा और कांग्रेस पार्टियों पर शब्द बाणों से वार करते हुए मुसलमानों  के मुस्तकबिल की बात दोहराते हैं। ओवैसी कहते हैं कि देश में मुसलमानों  पर जुल्म हो रहा है। चाहे भाजपा की सरकार हो या फिर कांग्रेस की सरकार दोनो ही पार्टियां मुसलमानों  के हितों की बात करने से कतराती है। 

राजधानी जयपुर में आयोजित सभा में भी ओवैसी ने भाजपा और कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। जयपुर के रामलीला मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास देश की सबसे बड़ी डिग्री है। उन्होंने कहा कि जो भी उनको लिखकर दिया जाता है उसे पढ़ लेते हैं। प्रधानमंत्री समानता की बात करते हैं लेकिन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समानता से काफी दूर है। 

संविधान को खत्म करने की कोशिश

ओवैसी ने कहा कि देश में संविधान को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। देश का एक विचारधारा के तहत चलाने का प्रयास हो रहा है। जबकि देश के अलग-अलग राज्यों में अपने अलग-अलग कानून है। इन कानूनों के मुताबिक हम लोगों को अपनी जिंदगी जीने का अधिकार है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े-बड़े उद्योगपतियों के झगड़ों के मामलों को लेकर कानून लाए। इस कानून के तहत उद्योगपतियों के झगड़ों  का हल सिंगापुर की बजाय  भारत में किया जाए तो हम लोगों को काफी खुशी होगी।  

यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध 

रामलीला मैदान से असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम तो शुरू से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध कर रहे हैं। पार्लियामेंट में भी करेंगे। आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून लाने से पहले देश के हर तबके से बात होनी चाहिए। हर वर्ग की सहमति लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश का मीडिया केवल बुर्के वाली महिलाओं को सामने लाकर लोगों को गुमराह कर रहा है। यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून के पीछे आपका क्या मकसद है। या फिर एक धर्म विशेष में अकीदत रखने वाले समुदाय को ही प्रताड़ित करना है। उन्होंने कहा कि मीडिया को बिलकिस बानो के मुद्दे को भी हाइलाइट कर लोगों तक सच्चाई पहुंचाना चाहिए।  

 विधायकों से मुलाकात का किया जिक्र

ओवैसी ने सभा के दौरान कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार के कई विधायक मुझसे सीधे सम्पर्क में है। उन्होंने कहा कि यह लोग मुझसे बात भी करते रहते हैं। समय आने पर उन लोगों के नामों का ऐलान भी किया जाएगा। ओवैसी के कांग्रेस के मंत्री और विधायकों के उनके संपर्क के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। यदि कांग्रेस विधायकों को औवेसी से राजनीतिक सम्पर्क है, तो इससे चुनाव में किस पार्टी को फायदा होने वाला है यह किसी से छिपा नहीं है। साथ ही यह कांग्रेस के लिए चिंता बढ़ाने वाला है। 

मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप 

राजधानी जयपुर के रामलीला मैदान से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार है। यहां सरकार मुसलमानों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं कहता हूं कि कन्हैया लाल के हत्यारे आतंकवादी थे। उन को सख्त से सख्त सजा मिलना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि जिन लोगों ने जुनैद -नासिर को मारा है, उन लोगों को आप क्या कहेंगे ? क्या इनके हत्यारों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी? ओवैसी ने कहा कि जुनैद और नासिर के परिजनों को मुआवजा देने में राजस्थान की कांग्रेस सरकार भेदभाव कर रही है। उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या पर परिजनों को ५० लाख और सरकारी नौकरियां दी जाती है। नासिर-जुनैद के परिजनों को केवल १५ लाख रुपए दिए, बच्चों को शिक्षा का प्रबंध भी नहीं किया। यह मुसलमानों के साथ भेदभाव नहीं तो क्या है ?

 उन्होंने कहा कि हमने राजस्थान के मुसलमानों के हालात पर एक रिपोर्ट तैयार की है। मैं नौजवानों, बुजुर्गों से गुजारिश करूंगा की उस रिपोर्ट को जरूर पढ़े। मुसलमान का हर तीसरा बच्चा अनुपात में कम वजन का (कुपोषित) है। 34 फीसदी बच्चे संक्रमित है। राजस्थान में आर्थिक स्थिति से सबसे कमजोर मुसलमान है।  

मुस्लिम अत्याचारों पर कांग्रेस की चुप्पी क्यों ?

ओवैसी ने कहा कि राजस्थान में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं। जयपुर शहर में सरकार की नाक के नीचे और अलवर में इबादतगाहों में तोडफ़ोड़ की जाती है, लेकिन सरकार चुप रहती है। अल्पसख्यकों के पढऩे के लिए बन रहे छात्रावास का विरोध कर केवल मुस्लमानों को टारगेट कर सौहार्द बिगाड़ऩे का प्रयास किया है। फिर भी सरकार चुप रहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार नहीं चाहती है कि मुसलमानों के बच्चे पढ़े। यही वजह है कि अल्पसंख्यक बालक छात्रावास की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर वक्फ बोर्ड की जमीन को नीलाम नहीं किया जा सकता है, लेकिन जयपुर डेवलपमेंट ऑथॉरिटी (जेडीए) द्वारा वक्फ संपत्ति को नीलाम किया जा रहा है। सरकार चुप है। उन्होंने कांग्रेस पर धोखेबाज होने का आरोप लगाते हुए कहा कि आपको मुस्लिमों से हमदर्दी है तो फिर मुसलमानों को आरक्षण क्यों नहीं दिया जाता ?

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