जयपुर। भारतीय समाज सुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक व क्रान्तिकारी राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले की 196वीं जयंती पर मंगलवार को प्रदेश सहित देश भर में विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। इस दौरान लोगों ने फुले द्वारा सामाजिक हित में किए गए कार्यों को याद कर उनका अनुसरण करने का प्रण भी लिया।
प्रदेश महामंत्री माली सैनी महासभा राजस्थान एवं जिलाध्यक्ष महात्मा ज्योतिबा फुले राष्ट्रीय संस्थान सवाई माधोपुर कन्हैया लाल सैनी ने बताया कि महात्मा ज्योति राव गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ। पिता गोविंदराव फुले व माता विमला बाई थीं। इनका विवाह सावित्रीबाई फुले से हुआ। सैनी ने आगे बताया कि महात्मा ज्योतिबा फुले (ज्योतिराव गोविंदराव फुले) को 19वीं सदी का प्रमुख समाज सेवक माना जाता है।
उन्होंने भारतीय समाज में फैली अनेक कुरीतियों को दूर करने के लिए सतत संघर्ष किया। छुआ-छूत उन्मूलन, नारी-शिक्षा, विधवा विवाह और किसानों के हित के लिए ज्योतिबा ने उल्लेखनीय कार्य किया है।
सैनी ने महात्मा फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जातिगत भेदभाव के कारण उन्हें विद्यालय छोड़ना पड़ा था। स्कूल छोड़ने के बाद भी उनमें पढ़ने की ललक बनी रही। दाई मां सगुनाबाई ने बाल अवस्था में ज्योतिबा को घर में ही पढ़ने में मदद की। घरेलू कार्यों के बाद जो समय बचता, उसमें वह किताबें पढ़ते थे। ज्योतिबा पास-पड़ोस के बुजुर्गों से विभिन्न विषयों में चर्चा करते थे। लोग उनकी सूक्ष्म और तर्क संगत बातों से बहुत प्रभावित होते थे।
राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के मलारना डूंगर कस्बे में महात्मा ज्योतिबा फूले की 196वीं जयंती हर्ष के साथ मनाई गई। कस्बे में फल सब्जी मंडी में आयोजित कार्यक्रम में महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने की शपथ ली गई। इस दौरान महात्मा ज्योतिबा फूले सेवा समिति मलारना डूंगर अध्यक्ष सुरेंद्र सैनी ने महात्मा फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए समाज में शिक्षा और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इस दौरान सैनी समाज तहसील अध्यक्ष मनोज कुमार सैनी, जिला सचिव रामकरण सैनी, कोषाध्यक्ष संजय सैनी, मोती लाल सैनी, मीठा लाल सैनी, नारायण सैनी, लल्लू सैनी, राजेन्द्र सैनी, जगदीश सैनी, प्रेम राज सैनी, राधा किशन सैनी, रामस्वरूप सैनी, दिलराज सैनी, बनवारी सैनी, राहुल सैनी व राजेश सैनी आदि मौजूद रहे।
इसी तरह राजस्थान के बारां जिले के मांगरोल कस्बे में भीम आर्मी मांगरोल कार्यकर्ताओं द्वारा महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई, इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने ज्योतिबा फुले सामुदायिक भवन पहुंचकर ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वहीं फुले की बताई राह पर चलने का आह्वान किया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भीम आर्मी बारां पीयूष रेगर ने बताया कि फुले ने जिस प्रकार शिक्षा की अलख जगाई थी, आज सरकार शिक्षा को खत्म करना चाहती है, नई शिक्षा नीति के नाम पर महापुरुषों के इतिहास की जगह धार्मिक ग्रन्थों को पढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। बस सरकारों का मकसद देश को वापस गुलामी की ओर ले जाना है, और देश को अशिक्षित करना है, यदि जनता अभी तक इन सरकारों के मंसूबे को नही समझ पाई है, तो बहुत जल्दी समझ जाए नहीं तो यह परिणाम देश की भोली भाली जनता को भुगतना पड़ेगा। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष भीम आर्मी अजय डागर, आईटी सेल प्रभारी नवीन मीणा, रामदास खजोतिया, दिलीप रेगर, रामू संगत, रामभरत मीणा बोरदा, वार्ड पार्षद गजानंद रेगर, महावीर सनगत, विजय रेगर आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।
चित्तौड़गढ़ के कपासन में भी महान क्रांतिकारी ज्योतिबा फुले की जयंती पर नगर के माली समाज द्वारा शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा नगर के उप बस्ती भोपाल खेड़ा स्थित जाखड़ माता मंदिर से गाजे-बाजे के साथ शुरू हुई। नगर भ्रमण के दौरान शोभायात्रा को कई सामाजिक संगठनों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा में नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के फूल माली समाज के सैकड़ों महिला-पुरुष भी उपस्थित थे, शोभायात्रा में महान क्रांतिकारी संत ज्योतिबा फुले की आकर्षक झांकी भी सजाई गई, सुरक्षा के मद्देनजर भारी तादाद में पुलिस बल तैनात रहा।
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