राजस्थान: आलोचना के बाद घाटमिका पहुंचे सीएम, पीड़ितों से की मुलाकात

सीएम बोले- उदयपुर कन्हैया दर्जी हत्याकांड आतंकी घटना, नासिर -जुनैद हत्याकांड अलग है, दोनों में फर्क.
पीड़ित परिजनों के साथ सीएम गहलोत
पीड़ित परिजनों के साथ सीएम गहलोत

जयपुर। नासिर-जुनैद बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के बाद सड़क से सदन तक सरकार की आलोचना हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत दिवस गुरुवार को घाटमिका गांव पहुंच कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद मृतकों के बच्चों व पत्नियों को 5-5 लाख रुपये आर्थिक मदद की घोषणा कर हमदर्दी का इजहार करने का प्रयास किया।

साथ ही उदयपुर में हुई टेलर की हत्या व नासिर - जुनैद की हत्या में फर्क बता कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर लग रहे जाति व धर्म आधारित न्याय व्यवस्था के आरोपों को भी हवा दे दी।

घाटमिका में हेलीपेड पर बने सेफहाउस में पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकार वार्ता के दौरान उदयपुर में दर्जी हत्या कांड को आतंकी घटना बताया। जबकि नासिर-जुनैद हत्याकांड को उदयपुर हत्याकांड से अलग सामान्य घटना बताने का प्रयास किया।

हालांकि गलती का अहसास होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे दोनों घटना को इंसानियत विरोधी बताकर आरोपियों को फांसी को सजा होने की बात कहकर मरहम लगाने का प्रयास किया।

अब मुख्यमंत्री के दोनों घटनाओं का दृष्टिकोण अलग - अलग बताने के बयान को लेकर मेवात सहित देश भर में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान खोलने की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।

यह बोले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

भरतपुर में घाटमिका में नासिर और जुनैद के परिवारों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उदयपुर की घटना की जितनी चर्चा थी उतनी ही इस घटना की है। दोनों में फर्क इतना है कि उसमें (उदयपुर कन्हैया हत्याकांड) में पुख्ता आतंकवादी गतिविधि के सबूत हैं। उदयपुर घटना में तहरीके लब्बेक नामक संगठन का हाथ भी सामने आया है। इसलिए हमने आरोपियों को कुछ घण्टे में अरेस्ट तो करवा दिया। इसके बाद केस को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पुलिस से ले लिया।

सीएम ने कहा कि अब भारत सरकार की एजेंसी एनआइए उदयपुर प्रकरण की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि वो (उदयपुर) अलग घटना थी। जिसके कारण एनआईए ने केस ले लिया। उस घटना की जांच राजस्थान पुलिस नहीं कर रही है।

मुख्यमंत्री आगे बोले कि उस (उदयपुर) घटना और इस (भरतपुर घाटमिका) घटना में फर्क है। वो घटना अलग ढंग की थी। यह घटना अलग ढंग की है। उस घटना में यू.ए.पी.ए. की धाराएं लगी है।

बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री को इंसानों की हत्या की घटनाओं में फर्क बताने की गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने कहा कि इस (भरतपुर) घटना को भी किसी भी कीमत पर हम कम नहीं आंक सकते।

गहलोत ने फिर कहा चाहे वो घटना आतंकी हो। वहां भी इंसान चला गया। यहां भी दो इंसानों की मौत हो गई। इसमें हम पूरी तरह लगे हुए हैं। मुलजिम अरेस्ट हो। उनको फांसी की सजा हो। इस तरह की घटना में फांसी से कम सजा नहीं हो।

सीएम ने कहा कि हम इस मामले को भी पुलिस की केस ऑफिसर स्कीम के तहत जांच कराएंगे। इसके तहत जांच शुरू होने से पीड़ितों व आरोपियों के बयान लेने व चालान पेश करने तक लीगल ऑफिसर साथ रहेगा। ताकि कहीं भी जांच में तथ्य नहीं छूट पाए। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण पर निगरानी रखेंगे।

पीड़ित परिजनों के साथ सीएम गहलोत
नासिर-जुनैद हत्याकांड: आरोपियों की गिरफ़्तारी में देरी से सरकार पर उठ रहे सवाल

हर तरफ से हुई आलोचना तो पहुंचे घाटमिका

राजस्थान में अलग-अलग आपराधिक मामलों में हुई हत्याओं में राजस्थान सरकार ने पीड़ित परिवारों को अलग-अलग आर्थिक पैकेज दिए हैं। विशेष कर दलित, आदिवासी व मुस्लिम परिवारों के मुकाबले अन्य जाति धर्म से आने वाले पीड़ित परिवारों को अलग आर्थिक पैकेज दिया गया है।

इसका उदाहरण उदयपुर कन्हैया दर्जी हत्याकांड है। जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिना देर किए पीड़ित परिवार के पास पहुंचे। 50 लाख आर्थिक पैकेज के साथ ही एक परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी भी दी गई। यही वजह है कि राजस्थान सरकार पर जाति व धर्म आधारित न्याय करने के आरोप लगने लगे।

पीड़ित परिजनों के साथ सीएम गहलोत
नासिर-जुनैद हत्यकांड: आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर कब्रिस्तान में बैठे लोगों को शांतिभंग का नोटिस

आपको बता दे कि सीएम के भरतपुर दौरे से पहले नगर, भरतपुर से विधायक वाजिब अली ने भरतपुर के निवासी नासिर-जुनैद हत्याकांड में न्याय में हो रही देरी को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए थे। टोंक जिले के देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा ने भी इस मसले पर सदन में सरकार को घेरा था। इससे पूर्व भीम आर्मी प्रमुख व आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के आह्वान पर प्रदेश भर में भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी व मुस्लिम महासभा ने जिला व उपखण्ड स्तर पर प्रदर्शन कर राजस्थान की गहलोत सरकार पर दलित, आदिवासी व मुस्लिम समाज से आने वाले पीड़ितों के प्रति सरकार पर भेदभाव करने के आरोप लगाए थे।

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने प्रेस नोट जारी कर इंद्र मेघवाल, जितेंद्र मेघवाल, ओमप्रकाश रैगर, कार्तिक भील व नासिर जुनैद हत्याकांड के मुकाबले उदयपुर प्रकरण में तीव्रगति से न्याय करने के आरोप लगाए थे। जमाते इस्लामी हिन्द की राष्ट्रीय व प्रदेश इकाई भी राज्य सरकार पर मुस्लिमों को न्याय देने भेदभाव के आरोप लगा चुकी है। हर तरफ से आलोचना के बाद मुख्यमंत्री घाटमिका गांव पहुंचे।

पीड़ित परिजनों के साथ सीएम गहलोत
नासिर-जुनैद हत्याकांड: अहमद पटेल के सहयोगी रहे कांग्रेस नेता डॉ. मेराज हुसैन का इस्तीफ़ा

आर्थिक पैकेज को लेकर दी सफाई

मुख्यमंत्री ने आर्थिक पैकेजों पर उठ रहे सवालों पर सफाई देते हुए कहा कि लोग यह भी कह रहे हैं कि पैकेज क्या दिया उदयपुर में? यहां क्या दिया? उन्होंने कहा कि पैकेज का कोई कम्पीटीशन नही होता है। वो तो हर जगह घटना होती है। उसके बाद में आप उस पैकेज को याद करते हो। कोई पैकेज को याद मत करो। सीएम ने कहा कि पैकेज का नहीं, सवाल मानवीय दृष्टिकोण का है। संवेदनशीलता का है।

गहलोत बोले कि बच्चों को मैंने देखा है, जुनैद की पत्नी व अभी 6 बच्चे हैं। दूसरा भाई नासिर जो है उसने बच्चा गोद लिया है। उसकी पत्नी भी है। पीड़ित परिवार ने आर्थिक पैकेज का कोई सवाल नहीं किया है। यह उनका बड़प्पन है।

उन्होंने कहा कि मैंने तय किया है कि सबको 5-5 लाख रुपए इनमें 4-4 लाख की एफडी करवाएंगे। एक-एक लाख रुपए नकद देंगे। इससे की जब यह बड़े हो तो इनके पढाई लिखाई के व शादी ब्याह में काम आ सके। गहलोत ने बच्चों को तालीम की व्यवस्था देखने का भी भरोसा दिलाया।

पत्रकार को किया गिरफ्तार?

सीएम के घाटमिका पहुंचने से 2 घंटे पहले ही भरतपुर के पहाड़ी थाना पुलिस ने एक स्थानीय पत्रकार व ह्यूमन राइट्स जस्टिस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर वसीम अकरम मेव व घाटमिका प्रकरण मामले में हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कब्रिस्तान में चल रहे धरने में अहम भूमिका निभा रहे एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया था। 24 घण्टे बाद पुलिस ने दोनों को शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार दिखा कर शुक्रवार को उपखण्ड अधिकारी के समक्ष पेश किया। जहां एसडीएम पहाड़ी ने मानव अधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पत्रकार को वसीम अकरम को भविष्य में देश में किसी भी हेलीपैड के पास नहीं जाने की शर्त के साथ जमानत पर छोड़ दिया।

जमानत के बाद पुलिस थाने से बाहर आये पत्रकार वसीम अकरम ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि पुलिस ने उसे स्थानीय नेता के इशारे पर गिरफ्तार किया है। हम सिर्फ नासिर व जुनैद के लिए सरकार से न्याय मांग कर रहे हैं। आगे भी मानव अधिकारों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

मेवात इलाके रहने वाले इनामुल हसन ने कहा कि मुख्यमंत्री घाटमिका केवल राजनैतिक खाई को पाटने आए है। 15 फरवरी की घटना है। पुलिस अभी तक नासिर जुनैद की हत्या के मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। जब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते न्याय की बात बेमानी है।

चप्पे-चप्पे पर पुलिस

भरतपुर के स्थानीय पत्रकार विनोद कुमार मीना बताते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घाटमिका दौरे के दौरान पूरे गांव को छावनी में बदल दिया गया था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती से राजस्थान के मेवात इलाके में सुरक्षा की जगह आमजन में आशंकाओं के साथ भय देखा गया। घरों की छतों पर भी हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात थे। सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी हर किसी को शक की नजर से देख रहे थे।

यह है मामला

भरतपुर जिले के घाटमिका निवासी नासिर व जुनैद का 15 फरवरी को बजरंग दल से जुड़े कथित गो-रक्षकों ने अपहरण कर हरियाणा के भिवानी के लुहारू इलाके में ले जाकर जीप में डाल कर जिंदा जला कर हत्या करदी थी। इससे पूर्व आरोपी नासिर जुनैद को घायल अवस्था में हरियाणा के फिरोजपुर झिरका पुलिस थाने लेकर गए थे। जहां दोनों की मरणासन स्थिति को देखते हुए घायलों को कस्टडी में लेने से मना कर दिया था। बाद में इनके इन्ही की जीप में जले हुए कंकाल मिले थे। इस संबंध में राजस्थान के गोपालगढ़ पुलिस थाने में बजरंग दल से जुड़े लोगों को नामजद करते हुए मामला दर्ज कराया गया था।

मामले की गम्भीरता को देखते हुए राजस्थान पुलिस ने एक आरोपी रिंकू सैनी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी की निशानदेही पर हरियाणा के जींद की एक गोशाला से नासिर और जुनैद का अपहरण कर हत्या के काम में ली गई स्कॉर्पियो जीप भी जब्त की। जब्ती के बाद एफएसल जांच में स्कॉर्पियो में मिले खून के धब्बे नासिर और जुनैद के होने की पुष्ठी भी हुई।

अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा गई राजस्थान पुलिस को हत्या आरोपियों के समर्थन में उतरी भीड़ के विरोध का सामना करना पड़ा। भीड़ ने राजस्थान पुलिस को खुले आम धमकी भी दी। कथित गौरक्षकों के विरोध के दबाव में अब राजस्थान पुलिस पर हत्या के नामजद आरोपियों को बचाने के आरोप भी लग रहे हैं।

यह भी रहे सीएम के साथ

मुख्यमंत्री के साथ घाटमीका में पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान, कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह, राज्यमंत्री जाहिदा खान, मुख्य सचिव उषा शर्मा, पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा, एडीजी क्राइम दिनेश एनएम, संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा, भरतपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव, जिला कलेक्टर आलोक रंजन और पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह मौजूद थे।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

Related Stories

No stories found.
The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com