बाल अधिकार संरक्षण: उदयपुर को देश के मॉडल जिला बनाने की कवायद

1 जून से 30 जून तक पूरे राष्ट्र के चयनित जिलों में एक्शन मन्थ संचालित होगा जिसके तहत राजस्थान प्रदेश के कुल 7 जिलों का चयन किया गया है जिसमें उदयपुर जिला भी सम्मिलित है।
उदयपुर, राजस्थान
उदयपुर, राजस्थानफोटो साभार- इंटरनेट

राजस्थान। बालश्रम और बाल अपराध मुक्त उदयपुर बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्वयं सेवी संगठनों के साथ मिलकर 1 जून से 30 जून 2023 तक अभियान संचालित किया जाएगा। अभियान में नियोक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही के साथ बालश्रमिकों के बेहतर पुनर्वास पर भी टीम गठित कर कार्य किया जाएगा। बाल विवाह की रोकथाम के भी गत माह उदयपुर में काफी सार्थक परिणामों के साथ बाल विवाह रुकवाए गए। उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि उदयपुर को बाल अधिकार  संरक्षण की दृष्टि से देश-प्रदेश में मॉडल जिला बनाए।

इसके लिए बच्चों से जुड़े अपराधों जैसे बाल श्रम, बाल विवाह, बाल भिक्षावृति, बाल तस्करी आदि के मामलों में गहन मॉनिटरिंग और इनकी रोकथाम के लिए विशेष समेकित प्रयास होंगे। 

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कलेक्टर मीणा ने बाल कल्याण समिति, श्रम विभाग, मानव तस्करी विरोधी युनिट चाईल्ड लाईन आदि के कार्यों को लेकर फीडबैक लिया। लैंगिक अपराधों (पोक्सो) के प्रकरणों पर भी कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। ऐसे ही बाल नशा मुक्ति संयुक्त एक्शन प्लान पर चर्चा की। कलेक्टर ने सभी राजकीय एवं गैर राजकीय गृह के संचालन नियमानुसार करने में बच्चों को कोई परेशानी नहीं होने देने के निर्देश दिए।

एक्शन मन्थ में उदयपुर का चयन

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा संचालित ‘बालश्रम उन्मूलन अभियान‘ के राजस्थान समन्वयक एवं पूर्व सदस्य राजस्थान बाल आयोग डाँ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने  बताया कि 12 जून को प्रति वर्ष बालश्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इस बार 1 जून से 30 जून तक पूरे राष्ट्र के चयनित जिलों में एक्शन मन्थ संचालित होगा जिसके तहत राजस्थान प्रदेश के कुल 7 जिलों का चयन किया गया है जिसमें उदयपुर जिला भी सम्मिलित है। इस पूरे माह में बालश्रम रेस्क्यू की निगरानी राष्ट्रीय स्तर तक सुनिश्चित की जाएगी ताकि हर बच्चे का रेस्क्यू से पुनर्वास तक फोलोअप सुनिश्चित हो पाए।

अच्छी संस्थाओं को मिलेगी सराहना

राजस्थान बाल आयोग के सदस्य राजीव मेघवाल ने राजस्थान बाल आयोग द्वारा बाल श्रमिकों के रेस्क्यू हेतु जारी गाइड लाईन की जानकारी दी। नोडल अधिकारी एवं सहायक निदेशक बाल अधिकारिता मीना शर्मा ने बताया कि अभियान के दौरान जिन दुकान या रेस्टोरेन्ट पर बाल श्रमिक नहीं मिलेंगे उन्हें ‘बालश्रम मुक्त स्थान‘ का प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा एवं जहां बाल श्रमिक कार्य करते पाये गए उनके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी। 

अभियान में शामिल होंगे ये लोग

अभियान में सरकारी विभागों के अलावा स्वयं सेवी संगठनों की भी भागीदारी निश्चित की गई है। अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक, संभागीय श्रम आयुक्त संकेत मोदी, शिक्षा विभाग से नेहा बंसल, बाल कल्याण समिति उदयपुर से कार्यवाहक अध्यक्ष, सदस्य अकुर टांक, डॉ. संगीता राव एवं अंजना जोशी, एक्सेस टू जस्टिस कार्यक्रम के जिला समन्वयक नितिन पालीवाल, गायत्री सेवा संस्थान से अनिता जैन, किशोर न्याय बोर्ड, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग के प्रतिनिधि, चाईल्ड फण्ड इंण्डिया, फॉस्टर केयर सोसाइटी, लविना संस्थान सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रहेगी। 

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