बाबा साहब के हिसाब से दो साल चलाकर देखो देश, फिर बन जाएंगे हम विश्व गुरु: विनय रतन

झालावाड़ में बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित, भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन ने किया अनावरण
बाबा साहब के हिसाब से दो साल चलाकर देखो देश, फिर बन जाएंगे हम विश्व गुरु: विनय रतन

राजस्थान। झालावाड़ जिले के झरेल गांव में रविवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई। बहुजन समाज के महिला पुरुषों की मौजूदगी में यहां मुख्य अतिथि एवं भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन ने मूर्ति का अनावरण किया। इससे पूर्व भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय स्थित मामा-भांजा चौराहे से रैली निकाली। रैली यहां से झालरा पाटन होते हुए झरेल गांव पहुंची। यहां विधवत रूप से बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित की गई।

मूर्ति अनावरण के बाद गांव में सभा आयोजित कर बहुजन समाज के लोगों को बाबा साहब के संघर्षों के बारे में बताते हुए उनके हक और अधिकारों के लिए जागरूक किया गया। 

मुख्य अतिथि विनय रतन ने कहा कि मंत्री या विधायक बनने से बड़ा काम इस दौर में किसी स्थान पर बाबा साहब की प्रतिमा को स्थापित करना है। गांव वालों के सहयोग से यह काम आज हमने कर दिया। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। 

उन्होंने कहा कि आज के मौजूदा समय में जहां धन-अत्यचार का बोलबाला है, यहां कब आपके साथ कुछ हो जाए ये कोई नहीं जानता। ऐसे समय भी भारत में रहने वाले लोग सच न बोले तो मुझे लगता है कि वो देश से गद्दारी है। उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि जिस महापुरुष की हमने आज प्रतिमा स्थापित की है, 14 अप्रैल को जिनकी हम हर साल जयंती मनाते हैं अगर उस व्यक्ति के हिसाब से इस देश को दो साल चला दिया जाए तो, यह देश पहले की तरह विश्व गुरु हो जाएगा। 

कभी हमें चलने, पढ़ने व खाने पीने का अधिकार नहीं था

विनय रतन ने झालावाड़ में कहा "मैं जिस समाज से आता हूं उस समाज को कभी चलने का, पढ़ने का, खाने का पीने का अधिकार नहीं था। कभी मूंछे नहीं रख सकते थे। राजस्थान में बहुजनों के घोड़ी पर बैठने पर अभी भी बवाल मचाया जाता है।" उन्होंने कहा कि यहां यह लोग मुझे जबरदस्ती घोड़ी पर लेकर आए। मैं मेरी शादी में भी घोड़ी पर नहीं बैठा था। उन्होंने कहा कि आप संगठित हैं तो, फिर घोड़ी नहीं हाथी पर बैठ कर बारात निकालो। कोई नहीं रोक पाएगा। अगर हमारे लोग घोड़ी पर नहीं बैठेंगे तो इस देश में कोई भी घोड़ी पर नहीं बैठेगा। शोषण करने वाले से शोषण सहने वाला अधिक दोषी होता है। इस लिए शोषण का जवाब देने की जरूरत है। 

बाबा साहब ने ही दिया संविधान रूपी हथियार

भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि वो लोग जो यहां सदियों से शोषित पीड़ित रहे हैं, जिनकी महिलाओं को स्तन ढकने का अधिकार नहीं था, जिनकी महिलाओं का क्रय-विक्रय हुआ करता था, जिनको चलने का, पगड़ी बांधने का, मूछ रखने का अधिकार नहीं था -उन लोगों को यह समझना होगा कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर उन लोगों को संविधान के रूप में अधिकारों का हथियार देकर गए हैं। 

उन्होंने कहा राजस्थान और मध्य प्रदेश में आये दिन बलात्कार व हत्याओं की घटनाएं सामने आती हैं। यह हत्याएं वहां होती है जहां शोषित, पिछड़े लोग अपने हक और अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। जहां अम्बेडकर वाद फलफूल रहा है। राजस्थान में ओमप्रकाश रेगर का मामला हो या कार्तिक भील का। पानी को लेकर विवाद हुआ। इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। मेरा समाज सो रहा है। हमें जागरूक होकर बाबा साहब के संविधान को हथियार बना कर अत्याचारों के खिलाफ लड़ने की जरूरत है।

उन्होंने कहा जो वर्ग वर्षों से शोषित रहा है उसको यहां अपना राज स्थापित करना चाहिए। यह प्रदेश रजवाडों का रहा है। उन्हें बताना होगा कि जो लोग तुम्हारे नौकर थे। तुम्हारे जूते साफ किया करते थे आज बाबा साहब की बदौलत वो भी इस देश में मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री बन सकते हैं। लड़ाई सिर्फ व्यवस्था परिवर्तन की है। 

बाबा साहब एक अछूत वर्ग से आते थे। इसीलिए पूरे देश में बाबा साहब की ख्याति को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें कोई शक नहीं है।

सरकारें बाबा साहब के सामने नतमस्तक होती हैं, लेकिन उनके द्वारा लिखे गए कार्य को सही तरीके से धरातल पर नहीं उतारा जाता। यदि उनके लिखे कार्य को सही तरीके से धरातल पर उतारा जाए तो इस देश से गरीबी का नामो-निशान मिट सकता है।

उन्होंने कहा कि यहां जातीय मानसिकता आज भी हावी है। जिन लोगों ने अंग्रेजों के हाथों न जाने कितने भारतीयों को मरवाया आज उन्हें वीर कहा जाता है। चाटुकारों को इस देश में महान बताया जाता है। जब भी आप समता-समानता की बात करोगे, अधिकारों की बात करोगे तो वो चंद लोग, जो इस देश में यहां जमीनों पर कब्जा जमा कर बैठे रहे, सेवा करवाते रहे वो अभी भी यही चाहेंगे कि तुम उनकी सेवा करते रहो। 

महापुरुषों के बारे में पढ़ाना होगा 

भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन ने कहा कि महापुरुषों के द्वारा लिखी गई कृति, उनके द्वारा लिखी गई किताबें, उन्होंने किताबों में क्या लिखा। इस सब को यहां की पुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए। महात्मा ज्योतिबा फूले को पढाया जाना चाहिए, लेकिन नहीं पढाया जाएगा। माता सावित्री बाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षक ने भारत की सभी वर्ग की महिलाओं (जिन्हें पहले पढ़ने का अधिकार नहीं था) को पढ़ाने के लिए पहला स्कूल खोला। जब सावित्री बाई फुले को कोई जगह नहीं दे रहा था तब महिलाओं को पढ़ाने के लिए माता फातिमा बाई शेख ने जगह दी। इन लोगों को किताबों में पढ़ाना चाहिए। विनय रतन का यह बयान इस वक्त बढा महत्वपूर्ण है जब देश में स्कूली पाठ्य पुस्तकों से महापुरुषों के चेप्टर हटा कर देश के इतिहास को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। 

मिड-डे मील एक षड्यंत्र

विनय रतन ने सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल योजना को शिक्षा की नींव कमजोर करने का षड़यन्त्र बताया। उन्होंने कहा कि स्कूल में केवल खाने के लिए जाएंगे। यदि हमारा बच्चा स्कूल का खाना नहीं खाएगा तो क्या हम उसको रोटी नहीं खिला सकते। सरकार के स्कूलों में शिक्षा नहीं केवल खाना दिया जा रहा है। इसे समझना होगा इसके जरिये भारत की आने वाली नस्ल को गूंगा - बहरा बनाया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में नेता, व्यापारी या किसी सेठ के नहीं गरीबों के बच्चे पढ़ने जाते हैं। इस व्यवस्था को बदलने का नाम ही अम्बेडकर वाद है। उन्होंने कहा कि इस देश में शिक्षा में सुधार ही भारत की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। बाबा साहब ने भी तलवार नहीं उठा कर कलम उठाई थी।

देश भक्ति का मतलब समझाया

उन्होंने कहा कि देश भक्ति का मतलब समझना होगा। भारत मां की जय बोलना, 15 अगस्त और 26 जनवरी मनाना ही देश भक्ति नहीं है। उन्होंने कहा अगर कोई सरकारी कर्मचारी है अपने क्षेत्र से करप्शन खत्म करें तो वह देश भक्ति है। कहीं गलत हो रहा है, आप मजबूती से खड़े होकर आवाज उठाएं और कहें कि यह गलत हो रहा है। इसे देश भक्ति कहते हैं। 

जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी

यहां झालावाड़ में बाबा साहब की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम सम्बोधित करते हुए भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन ने कहा कि आर्टिकल 19 में आपको बोलने का अधिकार दिया गया है। उसी संविधान में मत का अधिकार भी मिला है। 

उन्होंने कहा यह राजनीति नहीं बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था है। जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी, लेकिन यह विडंबना है कि भारी संख्या के बावजूद आज भी देश में हमारा समाज गुलामी की जिंदगी जी रहा है।

उन्होंने कहा बार-बार राज और वोट की बात इसलिए कर रहा हूं कि हमारी समस्याओं का समाधान वहां छिपा है। जब गांव से किसी गरीब किसान, मजदूर का बेटा या बेटी खिलाड़ी बनकर निकलता है, जब कोई बच्चा पढ़ लिखकर आगे निकल जाता है तो बिना ट्यूशन फीस व सुविधा शुल्क के आगे नहीं बढ़ पाता। उसे स्कॉलरशिप की जरूरत होती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमारी समस्याओं के समाधान के लिए हमें अपना राज स्थापित करना होगा। इसके लिए हमें अपने मत का प्रयोग करना होगा। उन्होंने कहा लोकतांत्रिक व्यवस्था में वोट की ताकत से ही राज की दिशा तय की जा सकती है। 

बाबा साहब की प्रतिमा के साथ एक लाईब्रेरी की स्थापना हो

भीम आर्मी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान इंदासर ने कहा कि गांव में बाबा साहेब की मूर्ति के साथ ही एक लाइब्रेरी भी स्थापित करें। 

उन्होंने कहा इसके लिए किसी की मेहरबानी की जरूरत नहीं है। आप गांव के लोग मिलकर थोड़े-थोड़े पैसे जमाकर लाइब्रेरी में पुस्तक रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि भीम आर्मी नामक पाठशाला भी खोली जाए। गांव के पढ़े लिखे युवा समय निकालकर सुबह शाम गांव के बच्चों को शिक्षा के साथ ही महापुरुषों के बारे में भी पढ़ाए। संविधान पढ़ाएं। तब जाकर हमारी आने वाली पीढ़ी कामयाब होगी। 

इंदासर ने कहा डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि 21वीं सदी हमारी है। इसके लिए हमें घर-घर जाकर समाज को जोड़ना होगा। केवल नारे लगाने या रैली निकालने से कुछ नहीं होगा। 

कुर्मी समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विष्णु पाटीदार ने कहा बाबा साहब ने कठोर परिश्रम कर संविधान का निर्माण किया। उसी संविधान के आधार पर ही आज पूरे देश में कानून व्यवस्था चली आ रही है। 

बाबा साहब के बनाये संविधान के कारण ही आज पूरे राष्ट्र के नागरिक सुरक्षित महसूस करते हैं। उस कानून के तहत अपने अधिकारों का बखूबी उपयोग कर रहे हैं। उनके बनाये संविधान के कारण आज आदिवासी समाज की महिला देश की राष्ट्रपति बनी है। हम संविधान के अनुरूप चलने का प्रयास करें।

दलित, आदिवासी व बहुजनों को अपने बच्चों को पढ़ाना होगा। सौ तालों की एक ही चाबी शिक्षा है। शिक्षा पर जोर देंगे तो हर पीड़ा से मुक्ति पा सकेंगे। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ऐसे व्यक्ति थे जो संघर्ष करके अपने आप को हिंदुस्तान में स्थापित किया। संविधान का निर्माण कर देश की राजनीति में भाग लेकर देश के प्रथम कानून मंत्री बने। बाबा साहेब की वजह से आज हम यहां स्वतंत्रता से सांस ले रहे हैं।

आजाद समाज पार्टी के प्रदेश सचिव कृष्ण मेहरा ने कहा कि एससी, एसटी व पिछड़ों को हर तरफ दबाया जा रहा है। मूंछ रखने पर, मटकी से पानी पीने पर हत्याएं हो रही हैं। अपने हक की लड़ाई लड़ रहे कार्तिक भील की हत्या कर दी गई। 9 साल की आदिवासी बेटी का बलात्कार कर 10 टुकड़े कर दिए गए। आवाज उठाने पर सामंती सरकार ने लाठियां बरसाई। इन हत्या और अत्यचारों को रोकने के लिए बहुजनों को संगठित होकर अपना राज लाना होगा। 

इनके अलावा भीम आर्मी प्रदेश महासचिव जितेंद्र हटवाल, आजाद समाज पार्टी कोटा सम्भाग प्रभारी पवन चौहान, प्रदेश सचिव आईटी सेल आजाद समाज पार्टी किशन मेघवाल आदि में भी विचार रखे।

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