कौन हैं दलित समाज से आने वाले यश घनघोरिया? 3 लाख से अधिक मत पाकर बने MP युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष

यश घनघोरिया की जीत के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगाया है। भाजपा के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने अपने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “कांग्रेस में पद मेहनत से नहीं, वंश और पट्ठावाद की परंपरा से तय होते हैं।
दलित समाज से आने वाले यश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भोपाल के अभिषेक परमार को भारी मतों से हराया
दलित समाज से आने वाले यश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भोपाल के अभिषेक परमार को भारी मतों से हराया Internet
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भोपाल। मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इस बार प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान जबलपुर विधायक और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया को मिली है। दलित समाज से आने वाले यश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भोपाल के अभिषेक परमार को भारी मतों से हराया है। यश को कुल 3,13,730 वोट मिले, जबकि अभिषेक परमार को 2,38,780 वोट प्राप्त हुए।

यह जीत न सिर्फ यश के लिए बल्कि पूरे प्रदेश में युवा कांग्रेस के युवाओं के लिए एक प्रतीकात्मक क्षण के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि कांग्रेस के अंदर यह पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी के बीच किसी दलित चेहरे ने युवा कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन हुआ है।

कौन हैं यश घनघोरिया?

20 सितंबर 1996 को जबलपुर में जन्मे यश घनघोरिया को कांग्रेस का उभरता हुआ दलित युवा चेहरा माना जा रहा है। यश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे हैं। करीब 10 साल से वे पार्टी से जुड़े हुए हैं और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने पिता के चुनाव प्रचार से लेकर युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने तक सक्रिय भूमिका निभाई है। यश ने जबलपुर से अपनी स्कूली शिक्षा और इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई पूरी की है। वर्तमान में वे एलएलबी (कानून) की पढ़ाई कर रहे हैं।

9 नवंबर को दिल्ली में होगा औपचारिक ऐलान

हालांकि वोटों की गिनती पूरी कर परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष पद का औपचारिक ऐलान 9 नवंबर को दिल्ली में होगा। इस दिन युवा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के सामने शीर्ष तीन उम्मीदवार यश घनघोरिया, अभिषेक परमार और देवेंद्र सिंह दादू का इंटरव्यू लिया जाएगा। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन प्रभारी और मध्यप्रदेश प्रभारी इस साक्षात्कार के बाद अंतिम रूप से प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेंगे।

सदस्यता अभियान में 15 लाख से अधिक युवाओं की भागीदारी

युवा कांग्रेस ने इस वर्ष सदस्यता अभियान को पूरी तरह ऑनलाइन मोड में संचालित किया। यह प्रक्रिया 20 जून से 19 जुलाई तक चली। अभियान के तहत कुल 15,37,527 युवाओं ने सदस्यता फॉर्म भरे। इनमें से 63,153 युवाओं ने सदस्यता शुल्क नहीं जमा किया, जबकि 14,74,374 युवाओं ने ₹50 शुल्क के साथ सदस्यता ग्रहण की।

युवा कांग्रेस नेताओं के अनुसार, यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल सदस्यता अभियान रहा, जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से युवाओं की रिकॉर्ड भागीदारी दर्ज की गई।

प्रदेश महासचिव पद पर धीरज सिंह परिहार को सबसे ज्यादा वोट

प्रदेश युवा कांग्रेस के 55 पदों के लिए कुल 182 उम्मीदवारों ने मैदान में उतरकर चुनाव लड़ा। प्रदेश महासचिव पद के लिए धीरज सिंह परिहार को सर्वाधिक 17,000 वोट मिले, जबकि अन्य पदों के लिए भी प्रदेशभर के युवाओं में उत्साह देखा गया।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार युवा कांग्रेस ने संगठनात्मक चुनावों को अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने का प्रयास किया, ताकि प्रत्येक क्षेत्र के युवाओं को नेतृत्व में भागीदारी का अवसर मिले।

बीजेपी ने साधा निशाना, कहा- वंशवाद की जीत

यश घनघोरिया की जीत के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगाया है। भाजपा के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने अपने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “कांग्रेस में पद मेहनत से नहीं, वंश और पट्ठावाद की परंपरा से तय होते हैं। संगठन चुनाव बस औपचारिकता हैं, युवाओं की मेहनत और संघर्ष का कोई मतलब नहीं। परिणाम पहले से ही फाइनल होते हैं, "अध्यक्ष वही जो नेता का बेटा।”

उन्होंने आगे लिखा कि “कांग्रेस का सच साफ है जहां लोकतंत्र का केवल नाम लिया जाता है, वहां परिवारवाद ही असली विचारधारा है। युवा चाहे कितना ही संघर्ष कर लें, अंतिम निर्णय तो हमेशा बंद कमरे में परिवार ही करता है।”

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह, कहा- “नए जोश के साथ काम करेंगे”

दूसरी ओर, यश घनघोरिया के समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस जीत को लेकर उत्साह का माहौल है।जबलपुर से लेकर भोपाल और इंदौर तक युवाओं ने पटाखे फोड़कर और मिठाई बांटकर जश्न मनाया। समर्थकों का कहना है कि यश का नेतृत्व प्रदेश की युवा कांग्रेस में नई ऊर्जा लाएगा और संगठन को बूथ स्तर तक सशक्त करेगा।

दलित युवाओं के लिए नई उम्मीद

यश घनघोरिया की यह जीत केवल एक संगठनात्मक पद की जीत नहीं, बल्कि दलित समाज के युवाओं के लिए नई उम्मीद भी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस अब संगठन में विविध सामाजिक पृष्ठभूमि से आने वाले चेहरों को नेतृत्व देने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

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