चंद्रशेखर ने अचानक क्यों भंग कर दी आजाद समाज पार्टी की केन्द्रीय कार्यकारिणी?

पार्टी पुनर्गठित करने के लिए केंद्रीय सहित राजस्थान प्रदेश कार्यकारिणी को किया भंग।
चंद्रशेखर ने अचानक क्यों भंग कर दी आजाद समाज पार्टी की केन्द्रीय कार्यकारिणी?

नई दिल्ली। आजाद सामाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने पार्टी को मजबूत करने के लिए शनिवार को केंद्रीय कार्यकारिणी भंग कर दी। इससे पहले राजस्थान की कार्यकारिणी भंग करने की जानकारी सार्वजनिक की गई।

चंद्रशेखर का कहना है पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने के लिए ऐसा करने की जरूरत है। यह फैसला हरियाणा और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए लिया गया है। दरअसल, दलित, आदिवासी, पिछड़े व अल्पसंख्यकों के हित व संविधान की रक्षा के दावों के साथ पहली बार राजस्थान विधानसभा चुनावों में मैदान में उतरी आजाद सामज पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। हालांकि आजाद समाज पार्टी के कुछ प्रत्याशी कड़े संघर्ष के साथ बहुत कम मार्जिन से चुनाव हारे। डेढ़ साल पहले राजस्थान में दस्तक देने वाली आसपा के लिए यह संघर्ष व कम मार्जिन की हार नए रास्ते खोलने वाली है। राजस्थान में आरएपली के साथ गठबंधन को आजाद समाज पार्टी अनुभव के रूप में मानकर चल रही है। गठबंधन में केवल आरएलपी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ही एक सीट जीत पाए हैं।

केंद्रीय कार्यकारिणी भंग होने की दी जानकारी

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने केंद्रीय कार्यकारिणी को कई राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर भंग कर दिया है। वहीं राजस्थान प्रदेश प्रभारी सत्यपाल चौधरी ने शनिवार 9 दिसंबर को एक आदेश जारी कर आजाद समाज पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी सहित यूथ विंग व भीम आर्मी छात्र विंग की कार्यकारिणी को भंग कर दिया। नई कार्यकारिणी का गठन होने तक निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष अमर चंद हरसौलिया कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाले रहेंगे।

अब समीक्षा भी होगी

सत्यपाल चौधरी ने द मूकनायक से विशेष बातचीत में कहा कि हमारी नई पार्टी है। हमें उम्मीद से अधिक वोट मिला है। दुर्भाग्य है कि हम कोई सीट नहीं जीत पाए। इस पर समीक्षा के लिए जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट चन्द्रशेखर आजाद की अगुवाई में बैठक कर समीक्षा की जाएगी। राजनीति में जो जीता वही सिकंदर होता है। जिस तरह से राजस्थान विधानसभा चुनावों में हमारे साथियों ने मुकाबला किया काबिले तारीफ है। डेढ़ दो साल की पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। गठबंधन करने में भी हम सफल रह हैें।

चौधरी ने आगे कहा कि राजनीतिक रूप से यहां अलग स्थिति है। उसकी भी हम राष्ट्रीय स्तर पर समीक्षा करेंगे। समय कम मिलने से कुछ खामियां रही हैं। हमारे साथ कई साथी आए जो मिशन मूवमेंट में काम करना चाहते हैं। समीक्षा करके ऐसे लोगों को नई जिम्मेदारी दी जाएगी। पुराने साथियों को सम्मानजनक तरीके के साथ रखा जाएगा। पहली बार में हमने 0.92 प्रतिशत मत हासिल किया। कम समय में यह हमारा अच्छा प्रदर्शन रहा है। चौधरी ने माना कि जो प्रत्याशी हमारे सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहते थे, ऐसे जिताऊ प्रत्याशियों को हम मौका नहीं दे पाए।

असपा व बीएपी के प्रदर्शन ने राजनीतिक पार्टियों का खींचा ध्यान

आजाद समाज पार्टी ने राजस्थान में पहले चुनावी रण में अच्छा प्रदर्शन कर सबका ध्यान अपनी और खींचा है। अलवर जिले की बानसूर विधानसभा सीट पर रोहिताश कुमार ने भाजपा के देेवीसिंह शेखावत से सीधी टक्कर दी। यहां रोहिताश कुमार बीजेपी से बहुत कम मार्जिन से हारे हैं। जबकि 11 सीटों पर असपा के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। हालांकि तीन महीने पहले वजूद में आई भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने तीन सीट जीत कर दिग्गज राजनीतिक पार्टियों को चौंका दिया।

बसपा ने दानिश अली को पार्टी से निलम्बित किया

इधर, बसपा ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा सांसद दानिश अली को पार्टी से निलम्बित कर दिया है। उत्तर प्रदेश राज्य कार्यालय से जारी पत्र में निलम्बन का कारण नहीं बताया गया है। सांसद दानिश अली की ओर से भी मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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