नई दिल्ली - नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित और आदिवासी ऑर्गनाइजेशंस (नेकडार) और द कनवर्जट मीडिया ने मिलकर दिल्ली के दलित मतदाताओं की राजनीतिक प्राथमिकताओं और उनके मतदान व्यवहार को समझने के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण किया है। यह सर्वेक्षण 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले दलितों के मुद्दों और मूड को जाहिर करता है।
नेकडार, जो 2001 में स्थापित हुआ, भारत में दलित और आदिवासी समाज के हितों की रक्षा और लोकतंत्र में उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। उनके इस प्रयास का उद्देश्य दलित और आदिवासी समुदायों की जमीनी स्तर पर समस्याओं को समझना और उन्हें राजनीतिक रूप से सशक्त करना है।
सर्वेक्षण की मेथोडोलॉजी में 70 महिलाओं की एक टीम शामिल थी जो घर-घर जाकर दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 6256 नमूनों के आधार पर जानकारी इकट्ठा करती थी। यह सर्वेक्षण 1 जनवरी से 15 जनवरी तक चला, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों की भागीदारी थी।
सर्वेक्षण में प्रमुख निष्कर्ष सामने आए हैं:
नरेंद्र मोदी 38% दलित मतदाताओं के समर्थन के साथ सबसे लोकप्रिय नेता हैं, जबकि राहुल गांधी 33% और अरविंद केजरीवाल 18% समर्थन रखते हैं।
37% दलितों ने 2014 से पहले का समय बेहतर माना, जबकि 31% ने 2014 के बाद का समय।
महंगाई (49%) और बेरोजगारी (33%) दलित मतदाताओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) 44% दलितों की वरीयता है, जबकि 32% बीजेपी और 21% कांग्रेस को वोट देने की इच्छा रखते हैं।
39% दलित मतदाता इंडिया गठबंधन को अपना हितैषी मानते हैं, जबकि 25% एनडीए को।
39% दलित मतदाताओं ने दिल्ली सरकार को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
अरविंद केजरीवाल को 51% दलितों ने सबसे बेहतर मुख्यमंत्री माना, शीला दीक्षित को 32% ने समर्थन दिया।
महिलाओं के बीच, आप को 47% वोट जाना प्रतीत होता है, बीजेपी 31% और कांग्रेस को 19%।
पुरुषों के बीच, 39% आप को वोट देने के मूड में हैं, 37% बीजेपी और 21% कांग्रेस को।
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